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कब करायें कोरोना टेस्ट, किन बातों का रखें ध्यान, कैसे पता चलता है खतरा कितना बड़ा है ?

अगर आपको लगता है कि आपमें संक्रमण के लक्षण हैं तो जांच करा लेना सही है, अगर समय रहते संक्रमण का पता चलता है तो आपकी सेहत में सुधार होने की संभावना भी उतनी ही ज्यादा है, जितनी देर से संक्रमण का पता चलेगा खतरा उनता बढ़ेगा.

कोरोना संक्रमण का खतरा सभी को है, ऐसे में इस संक्रमण से जुड़ी कुछ जानकारियां हमारे पास जरूर होनी चाहिए ताकि सावधानी बरती जा सके. आज हम आपको कोरोना संक्रमण के टेस्ट से जुड़ी अहम बातें बता रहे हैं. आपको टेस्ट करवाने के दौरान और संक्रमण के वक्त भी इन बातों का विशेष ध्यान रखना है.

अगर आपको लगता है कि आपमें संक्रमण के लक्षण हैं तो जांच करा लेना सही है, अगर समय रहते संक्रमण का पता चलता है तो आपकी सेहत में सुधार होने की संभावना भी उतनी ही ज्यादा है, जितनी देर से संक्रमण का पता चलेगा खतरा उनता बढ़ेगा.

कब करना चाहिए टेस्ट

इस सवाल का सही जवाब है कि जैसे ही आपको लक्षण नजर आये या आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आये हैं तो आपको तुरंत टेस्ट करना चाहिए ताकि संक्रमण की यह चेन आगे ना बढ़े और इसको आप यहीं रोक दें. अगर आप किसी संक्रमित के संपर्क में नहीं आये है फिर भी आपमें संक्रमम के लक्षण हैं जैसे, गंध और स्वाद का चले जाना, बुखार, बदन दर्द होना, सांस लेने में तकलीफ होना, आंख जलना, लूज मोशन होना जैसे कई लक्षण शामिल हैं.

कब टेस्ट कराना जरूरी नहीं है

जैसे आपको पता है कि टेस्ट कब करना जरूरी है वैसे ही आपको यह भी पता होना चाहिए कब टेस्ट नहीं कराना है. अगर आप स्वस्थ हैं और अच्छा महसूस कर रहे हैं तो किसी के दबाव में आकर टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है दूसरा अगर आपने दोनों वैक्सीन ली है और आप किसी संक्रमित के संपर्क में आ गये हैं, इसके बाद भी आपमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं है तो टेस्ट कराना जरूरी नहीं है.

कोरोना का कौन सा टेस्ट है बेहतर RAT या RT-PCR

कोरोना संक्रमण के टेस्ट के लिए या तो आपको अस्पताल जाकर लंबी लाइन लगानी होगी, इंतजार कराना होगा या टोल फ्री नंबर पर कॉल करके आप घर पर भी जांच कराने की व्यस्था कर सकते हैं. RAT ‘रैपिड एंटीजन टेस्ट’ आपको तुरंत कुछ मिनटों में यह बता देता है आप संक्रमित है या नहीं लेकिन इसे इतना पुख्ता नहीं माना जाता अगर रिपोर्ट निगेटिव हो और आप में संक्रमण के लक्षण हो तो आफको RT-PCR टेस्ट जरूर कराना चाहिए.

सीटी स्कोर और सीटी वेल्यू का फर्क

इस टेस्ट के बाद विस्तार से आपकी रिपोर्ट सामने आती है. इस दौरान आयी रिपोर्ट में आपको सीटी स्कोर और सीटी वेल्यू का फर्क समझना होगा. RT-PCR में सीटी वेल्यू का मतलब है ‘साइकिल थ्रैशहोल्ड वेल्यू’ यह बताता है कि खतरा कितना बड़ा है, यह आंकड़ा जितना कम होगा आपके लिए खतरा उतना बड़ा है. इसके बाद आपके सीने का सिटी स्कैन किया जाता है. इससे यह पता चलता है कि आपको सांस लेने में परेशानी होगी या नहीं या संक्रमण का खतरा कितना बढ़ेगा.

पता चलता है खतरा कितना बड़ा है

इन रिपोर्ट्स के आधार पर ही तय होता है कि आपका संक्रमण किस स्तर पर है, आप होम अइसोलेशन में स्वस्थ हो सकते हैं या आपको अस्पताल की जरूरत है. कोरोना संक्रमम से बचाव के नियमों का पालना करना बेहद जरूरी है. अगर आप घर पर रहकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं तो इस बात का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है कि बच्चों और बुजुर्गों से दूर रहें.

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