कौन से मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है? सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा,NCP) नेता के मोहम्मद फैजल से मंगलवार को यह सवाल किया. आपको बता दें कि फैजल ने केरल हाई कोर्ट द्वारा हत्या के प्रयास के एक मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाये जाने के बावजूद उन्हें सांसद के रूप में अयोग्य घोषित करने वाली अधिसूचना वापस नहीं लेने के लिए लोकसभा सचिवालय के खिलाफ याचिका दायर की है.
न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने NCP नेता की ओर से पेश वकील से यह सवाल तब किया जब उन्होंने मामले का उल्लेख करते हुए इस पर बुधवार को सुनवाई करने का अनुरोध किया. सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने मंगलवार को NCP नेता मोहम्मद फैजल के वकील से पूछा, ‘‘वह कौन सा मौलिक अधिकार है जिसका उल्लंघन हुआ है?’’
वकील ने कहा कि NCP नेता का निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार छीना गया है. उन्होंने कहा कि कार्रवाई पूरी तरह मनमानी है. पीठ ने उनसे पूछा कि उन्होंने हाई कोर्ट का रुख क्यों नहीं किया. इस पर वकील ने जवाब दिया कि मामला पहले से ही शीर्ष अदालत में लंबित है. इसके बाद पीठ बुधवार को मामले की सुनवाई के लिए राजी हो गयी.
इससे पहले, लक्षद्वीप के पूर्व सांसद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने कहा था कि दोषसिद्धि और सजा पर हाई कोर्ट द्वारा रोक लगाये जाने के बावजूद व्यक्ति को सांसद के रूप में बहाल नहीं किया गया है. लोकसभा सचिवालय द्वारा 13 जनवरी को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, कवारत्ती में एक सत्र अदालत द्वारा हत्या के प्रयास के एक मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख 11 जनवरी से फैजल लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य हैं.
अधिवक्ता के आर शशिप्रभु के माध्यम से शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में फैजल ने कहा कि लोकसभा सचिवालय इस तथ्य के बावजूद अधिसूचना वापस लेने में असफल रहा कि हाई कोर्ट ने 25 जनवरी को उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी.
भाषा इनपुट के साथ