पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल जरदारी भुट्टो SCO की बैठक के लिए भारत आ रहे हैं. ये बैठक 5-6 मई को गोवा मे आयोजित की गई है. बैठक में शामिल होने से पहले उन्होंने ट्वीट किया कि, “इस बैठक में शामिल होने का मेरा फैसला एससीओ के चार्टर के प्रति पाकिस्तान की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है, मैं मित्र देशों के अपने समकक्षों के साथ रचनात्मक चर्चा के लिए तत्पर हूं.” जरदारी की यात्रा छह साल से अधिक समय में पाकिस्तान के किसी विदेश मंत्री की पहली भारत यात्रा है. नवाज शरीफ सरकार में वास्तविक विदेश मंत्री सरताज अजीज ने 2016 में हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन अमृतसर के लिए दौरा किया था. ये वही बिलावल भुट्टो हैं जिन्होंने पिछले साल पाकिस्तान का विदेश मंत्री बनने के बाद पीएम मोदी को गुजरात का कसाई कहा था.
#WATCH | Pakistan Foreign Minister Bilawal Bhutto Zardari to reach Goa today. He will be leading the Pakistan delegation at the Shanghai Cooperation Organization.
"My decision to attend this meeting illustrates Pakistan’s strong commitment to the charter of SCO. I look forward… pic.twitter.com/dSEETvUJyV
— ANI (@ANI) May 4, 2023
बिलावल भुट्टो जरदारी, जो पाकिस्तान के विदेश मंत्री हैं, वह वहां के सबसे हाई-प्रोफाइल राजनेताओं में से एक हैं. वह भारत और भारतीयों के संदर्भ में ऐसी-ऐसी बातें करते हैं, जिससे सोशल मीडिया बवाल मच जाता है. उन्होंने नरेंद्र मोदी के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करते हुए मोदी को “गुजरात का कसाई” बताया था. जिसके बाद बिलावल ने अपनी सफाई में कहा था कि,’ये मेरे शब्द नहीं गुजरात की जनता की आवाज है’.
पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी वर्तमान में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष हैं. अप्रैल में, वह 33 वर्ष की आयु में देश के “सबसे युवा” विदेश मंत्री बने. बिलावल को 2007 में अपनी मां की हत्या के बाद पीपीपी की बागडोर विरासत में मिली थी. वह 2018 में पहली बार पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के लिए चुने गए थे.
सितंबर 1988 में जन्मे भुट्टो की दो छोटी बहनें बख्तावर और आसिफा हैं. बीबीसी के अनुसार उन्होंने अपना प्रारंभिक जीवन पाकिस्तान के बाहर बिताया, अपनी मां के साथ यात्रा करते हुए, जो 1999 में खुद देश छोड़कर चली गईं थी . बिलावल की पहली भाषा अंग्रेजी है और वे अंग्रेजी के साथ उर्दू और हिंदी भी बोलते हैं. 2010 के बाद से, उन्होंने अपना अधिकांश समय पाकिस्तान को समर्पित किया है.