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सोनिया गांधी के बाद किसे मिलेगी कांग्रेस की जिम्मेदारी? इतना आसान नहीं अध्यक्ष को चुनना…

कांग्रेस के अंतरिम के रूप में सोनिया गांधी का सोमवार को एक साल पूरा हो गया. पार्टी के मुताबिक जल्द ही अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया शुरू होगी. पार्टी में पूर्णकालिक अध्यक्ष चुनने की मांग के जोर पकड़ने के बीच फिलहाल सोनिया गांधी जिम्मेदारी निभाती रहेंगी. कांग्रेस का दावा है कि जल्द ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) में अध्यक्ष को लेकर फैसला किया जाएगा. माना जा रहा है कि कांग्रेस में पूर्णकालिक अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया तेज हो गयी है. हालांकि, अध्यक्ष पद का जिम्मा किसे दिया जाएगा इस पर फैसला जल्द होने के आसार हैं.

नयी दिल्ली : कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी का सोमवार को एक साल पूरा हो गया. पार्टी के मुताबिक जल्द ही अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया शुरू होगी. पार्टी में पूर्णकालिक अध्यक्ष चुनने की मांग के जोर पकड़ने के बीच फिलहाल सोनिया गांधी जिम्मेदारी निभाती रहेंगी. कांग्रेस का दावा है कि जल्द ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) में अध्यक्ष को लेकर फैसला किया जाएगा. माना जा रहा है कि कांग्रेस में पूर्णकालिक अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया तेज हो गयी है. हालांकि, अध्यक्ष पद का जिम्मा किसे दिया जाएगा इस पर फैसला जल्द होने के आसार हैं.

गांधी परिवार या किसी और को जिम्मा?

2019 में लोकसभा चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था. उस वक्त राहुल गांधी ने कहा था कि गांधी परिवार को कोई भी व्यक्ति पार्टी अध्यक्ष नहीं बनेगा. नये अध्यक्ष की जिम्मेदारी कांग्रेस वर्किंग कमेटी तय करेगी. 11 अगस्त 2019 को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सोनिया गांधी को कमान सौंपी गयी. सोनिया गांधी के कार्यकाल के समाप्त होने के बाद बड़ा सवाल यह है कि किसे पार्टी की जिम्मेदारी मिलेगी? अभी केके वेणुगोपाल, अशोक गहलोत, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड्गे और सोनिया गांधी का नाम सबसे ऊपर है.

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राहुल गांधी की ताजपोशी की तैयारी है?

एक बार फिर अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी की वापसी हो सकती है. हालांकि, राहुल गांधी ने वापसी पर कुछ भी साफ-साफ नहीं कहा है. माना जा रहा है कि राहुल गांधी दोबारा अध्यक्ष बन सकते हैं. जबकि, कांग्रेस नेता शशि थरूर का कहना है कि अगर वो (राहुल गांधी) नहीं मानते हैं तो पार्टी को आगे बढ़ना चाहिए. शशि थरूर की तरह ही संदीप दीक्षित और मनीष तिवारी लगातार कांग्रेस अध्यक्ष की मांग करते रहे हैं. इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर असर नहीं हुआ है. पार्टी लगातार इन नेताओं की मांग को नजरंदाज करती रही है.

अशोक गहलोत का जादू चलेगा या नहीं?

कांग्रेस में पुराने नेताओं को ज्यादा तरजीह देने का रिवाज रहा है. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को अध्यक्ष पद का जिम्मा दिया जा सकता है. इससे राजस्थान में जारी सियासी घमासान पर ब्रेक लगाकर सचिन पायलट को भी मना लिया जाएगा. वैसे जिस तरह से अशोक गहलोत ने युवा नेता सचिन पायलट को साइडलाइन किया है, यह उनके अध्यक्ष बनने की राह में रोड़ा बन सकता है. केके वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड्गे के साथ भी पूरी पार्टी एकजुट नहीं है. इनके पास पार्टी को साथ लेकर चलने का अनुभव नहीं है. ना ही इनकी पार्टी पर काफी ज्यादा पकड़ है.

सोनिया गांधी के नाम पर बंटी कांग्रेस पार्टी !

पार्टी ने वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को अध्यक्ष बनाने पर एकजुट हैं. सोनिया गांधी के नजदीकी नेता चाहते हैं कि उनके पास पार्टी का जिम्मा रहे. उनके मुताबिक सोनिया गांधी को पूर्णकालिक अध्यक्ष के रूप में काम करना चाहिए. राहुल गांधी के करीबी नेताओं की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए. कुछ चुनाव की मांग भी कर रहे हैं जिससे गांधी परिवार से इतर भी अध्यक्ष बन सके. इससे कांग्रेस पर वंशवाद की राजनीति करने का आरोप भी नहीं लग सकेगा. सवालों और अंदाजों के बीच देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी को नये अध्यक्ष का इंतजार है.

Posted : Abhishek.

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