देश में अगले साल लोक सभा इलेक्शन होने वाले हैं. इन्हीं चुनावों से पहले विपक्षी पार्टियों को एक करने की लगातार एक करने की कोशिश की जा रही है. कांग्रेस के राहुल गांधी के को संसद से आयोग्य ठहराए जाने के बाद तमिल नाडु के सीएम और डीएमके चीफ एमके स्टालिन की यह पहली कोशिश है. तमिलनाडु के सत्तारूढ़ डीएमके के प्रमुख एमके स्टालिन के तरफ से आज बुलाई गई सामाजिक न्याय बैठक में शामिल होने वाले अधिकांश विपक्षी नेताओं ने जातिगत जनगणना की आवश्यकता को रेखांकित किया.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित विपक्ष की यह दूसरी बैठक है, जो अगले साल होने वाले लोक सभा इलेक्शन से पहले विपक्षी एकता पर जोर देने वाले नेगोशियेटर के रूप में उभरे हैं. डीएमके ने बैठक में किसी भी राजनीतिक एंगल से इनकार किया है, यह कहते हुए कि यह सामाजिक न्याय आंदोलन को आगे ले जाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा- हमें इस तथ्य से नहीं शर्माना चाहिए कि यह एक राजनीतिक मंच है, और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और उनके आंध्र प्रदेश के समकक्ष जगन मोहन रेड्डी से ऐसे मंचों में शामिल होने का आग्रह किया.
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डेरेक ओ ब्रायन ने कहा- दो या तीन पार्टियां बीजेपी से लड़ना नहीं चाहतीं. यह ग्रे होने का समय नहीं है. यह ब्लैक या व्हाइट होने का समय है. हमारे पास एक काम है. मैं बीजेडी से अपील करता हूं कि उन्हें साथ आना चाहिए. नवीन पटनायक को यहां होना चाहिए. वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को भी. सामाजिक न्याय पर दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हेमंत सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और अखिलेश यादव, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तृणमूल के डेरेक ओ ब्रायन, वामपंथी नेता सीताराम येचुरी और डी राजा शामिल हो रहे हैं.
अन्य विपक्षी दल जैसे कि- अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी – भी इसमें शामिल हो गए हैं. कांग्रेस के राहुल गांधी को संसद से अयोग्य ठहराए जाने के बाद यह पहला ऐसा प्रयास है, जो विपक्ष को साथ लाता नजर आ रहा है. हाल ही में डीएमके ने एक रैली आयोजित की जिसमें मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के 70वें जन्मदिन पर कई विपक्षी नेता एक साथ आए.