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वर्ल्ड मिल्क डे स्पेशल : मनाई जा रही है वर्ल्ड मिल्क डे की 20वीं वर्षगांठ

विश्व भर में हर साल 1 जून को वर्ल्ड मिल्क डे यानी (World milk day) विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है. इस बार वर्ल्ड मिल्क डे की 20वीं वर्षगांठ है. कोविड-19 की वजह से दुनिया भर में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वर्ल्ड मिल्क डे, इंजॉय डेयरी हैशटैग (#WorldMilkDay & #EnjoyDairy) के साथ इसे मनाया जा रहा है. इस हैशटैग के साथ लोग अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं.

दिल्ली ब्यूरो: विश्व भर में हर साल 1 जून को वर्ल्ड मिल्क डे यानी विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है. इस बार वर्ल्ड मिल्क डे की 20वीं वर्षगांठ है. कोविड-19 की वजह से दुनिया भर में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वर्ल्ड मिल्क डे, इंजॉय डेयरी हैशटैग (#WorldMilkDay & #EnjoyDairy) के साथ इसे मनाया जा रहा है. इस हैशटैग के साथ लोग अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं.

आप भी कर सकते हैं सेलिब्रेट

सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफॉर्म पर आप वर्ल्ड मिल्क डे-2020 सेलिब्रेट कर सकते हैं. टिक टॉक चैलेंज, फोटोजनिक डेयरी गाय के साथ फोटो पोस्ट करने का चैलेंज, डेयरी के बारे में ट्विटर चैट, डेयरी फार्म या डेयरी गाय का वीडियो शेयर, फेसबुक/ इंस्टाग्राम लाइव कर दूध और उससे बने उत्पाद के लिए अपने प्यार को साझा कर सकते हैं.

जानें, कैसे हुई इस दिन की शुरुआत

बहुत सारे देशों के सहभागिता से वर्ष 2001 में पहली बार विश्व दुग्ध दिवस मनाया गया था. संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन ने 1 जून को इसकी स्थापना की. दरसल 1 जून को इसलिए चुना गया, क्योंकि तब तक दुनिया के कई देश इस दिन मिल्क डे मना रहे थे. इसका उद्देश्य था, लोगों को दूध में मौजूद पोषण, दूध की स्वाभाविक उत्पत्ति और उससे बनने वाले उत्पाद समेत उसके आर्थिक महत्व के प्रति जागरूक करना.

भारत में दुग्ध क्रांति का इतिहास

भारत में दुग्ध क्रांति यानी श्वेत क्रांति की शुरुआत 1970 में हुई थी. श्वेत क्रांति को ऑपरेशन फ्लड के नाम से भी जाना जाता है. इसका उद्देश्य भारत को दुनिया में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाले देशों की श्रेणी में लाना था. इसके जनक थे वर्गीज कुरियन. भारत में उनके जन्मदिन 26 नवंबर को नेशनल मिल्क डे मनाया जाता है. श्वेत क्रांति के बाद डेयरी इंडस्ट्री में बहुत बदलाव आया और किसानों, ग्रामीणों व जरूरत मंदों को रोजगार मिला. गाय पालन को बढ़ावा मिला. ऑपरेशन फ्लड के तहत देश भर में बड़े पैमाने पर दुग्ध उत्पादकों को मिलाकर ग्राम सहकारी समितियों की स्थापना की गयी.

दूध पीना क्यों है जरूरी

कोविड-19 से लड़ने के लिए इम्यून मजबूत करने के जो उपाय बताये जा रहे हैं, उनमें से एक है दूध में हल्दी डालकर पीना. बच्चे हों या बड़े, दूध को सभी की सेहत के लिए उपयोगी माना जाता है. आहार विशेषज्ञों ने दूध को कंप्लीट डाइट माना है. इसमें फैट, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वॉटर-फैट सॉल्युएबल विटामिन, कैल्शियम, फास्फोरस जैसे मिनरल्स मिलते हैं. दूध में मौजूद विटामिन डी, शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस के अवशोषण में मदद करता है, जो हड्डियों, दांतों और बालों के विकास, स्वस्थ और मजबूत बनाये रखने के लिए बेहद जरूरी है.

Posted By : Pawan Singh

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