सुंदरगढ़ जिला में कोरोना महामारी ने एक बार फिर दस्तक देना शुरू कर दिया है. हालांकि, चौथी लहर में संक्रमण व्यापक या भयावह नहीं है. संक्रमितों की कुल संख्या 150 के अंदर है. हालांकि, एक 39 वर्षीय व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गयी है. चौथी लहर में कोरोना से संबंधित यह पहली मौत है. जिला स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, मृतक कई तरह की बीमारियों से ग्रसित था. यदि कोविड नियमों का घोर उल्लंघन जारी रहा, तो आने वाले दिनों में संक्रमण फैलने का खतरा अधिक है.
आज भी शहर के लोग सख्ती से नियमों का पालन नहीं करते हैं. मटन-चिकन व मछली की दुकानों, सब्जी मंडियों और बाजार, शॉपिंग मॉल आदि से लेकर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर भी मास्क का उपयोग नहीं किया जा रहा है. अब सभी एहतियाती कदम उठाने का समय आ गया है. अन्यथा पिछली बार की तरह गलतियों से बनी भयावह स्थिति की पुनरावृत्ति से इनकार नहीं किया जा सकता है.
जिले में कोरोना की चौथी लहर में संक्रमण की संख्या 30 फीसदी से कम है. हालांकि, इस बीच सेक्टर-6 इलाके के एक 39 वर्षीय युवक की मौत हो गयी है. वह करीब एक माह से बुखार से पीड़ित था. निमोनिया के कारण उसे जुकाम हो गया था. इसलिए उसने 31 मार्च को स्थानीय इस्पात जनरल अस्पताल (आइजीएच) में कोविड की जांच करायी. कोरोना से संक्रमित होने का पता चलने के बाद उसे कड़ी सुरक्षा के बीच तुरंत राउरकेला सरकारी अस्पताल (आरजीएच) के कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया.
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लेकिन पांच अप्रैल को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. वेदव्यास घाट पर नियमानुसार उसका अंतिम संस्कार किया गया. जिले में पॉजिटिविटी रेट 4.74 प्रतिशत: चौथी लहर की शुरुआत के बाद 31 मार्च से 10 अप्रैल के बीच जिले में कुल 2,990 स्वाब नमूनों की जांच की गयी. इनमें 1740 आरटीपीसीआर और 1250 एंटीजन टेस्ट शामिल हैं. जांचे किये गये नमूनों में से कुल 142 लोग (4.74 फीसद) कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं.
विशेष रूप से आरटीपीसीआर जांच को अब प्राथमिकता दी जा रही है. प्रति दिन लगभग 170 नमूनों की आरटीपीसीआर तथा 120 एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है. जिला स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, यदि लक्षण दिखाई देते हैं या संक्रमण बढ़ता है, तो स्वाब नमूना संग्रह और जांच उसके अनुसार बढ़ायी जायेगी.
कोविड संक्रमण से निबटने के लिए बुधवार को जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई. वर्चुअल माध्यम से हुई इस बैठक की अध्यक्षता जिलापाल पराग हर्षद गवली ने की. राउरकेला के एडीएम और राउरकेला महानगर निगम (आरएमसी) के आयुक्त डॉ शुभंकर महापात्र, जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसके मिश्रा सहित समस्त विभागाध्यक्ष, अधिकारी उपस्थित थे.
कोरोना के खिलाफ लड़ाई को लेकर इस पर व्यापक चर्चा हुई. अब केवल आरजीएच कोविड अस्पताल चलाया जा रहा है. जिलापाल ने एनटीपीसी मेडिकल कॉलेज में जल्द कोविड अस्पताल बनाने का आदेश दिया. भविष्य में जरूरत पड़ी, तो अस्पतालों की संख्या बढ़ायी जायेगी. साथ ही प्रत्येक ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य कर्मियों को प्रभावी नियंत्रण के लिए तत्परता दिखाने, मास्क का प्रयोग अनिवार्य करने, भीड़ से बचने, कोविड नियमों का कड़ाई से पालन करने, हल्का लक्षण होने पर कोरेंटिन में रहने के निर्देश दिये हैं.
कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से ही जिले में कोविड टेस्ट का सिलसिला जारी है. चौथी लहर आने से पहले भी जांच हो रही थी. हालांकि, केवल राउरकेला सरकारी अस्पताल (आरजीएच) और जिला मुख्य अस्पताल (सुंदरगढ़) में ही कोविड टेस्ट हो रहा था. लेकिन 31 मार्च से जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, शहरी स्वास्थ्य केंद्रों, एनटीपीसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल समेत कुल 25 स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड टेस्ट किया जा रहा है. आरजीएच, जिला मुख्य अस्पताल और एनटीपीसी अस्पताल में आरटीपीसीआर जांच हो रही है, जबकि शेष 22 स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है.
इस चौथी लहर को पिछली तीन लहरों की तुलना में कम प्रभावी बताया जा रहा है. इस बार मरीजों में ऑक्सीजन की कमी और अन्य जटिलताएं नहीं देखी जा रही हैं. पीड़ितों को पैरासिटामोल, सर्दी-रोधी गोलियां और ओआरएस की प्रचुर मात्रा दी जाती है. लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के दवा नहीं लेने के स्पष्ट निर्देश हैं. जैसे ही बुखार, दाने आदि लक्षण दिखाई दें, डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह दी जा रही है. गौरतलब है कि जिले के 142 संक्रमितों में से केवल पांच ही आरजीएच कोविड अस्पताल में भर्ती हुए थे. इनमें से तीन ठीक होकर घर लौट चुके हैं, जबकि दो का अस्पताल में इलाज चल रहा है.