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ओडिशा : 36 वर्ष से सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहा रूपधर पटेल का परिवार, प्रशासन ने दी कार्रवाई की चेतावनी

डॉ टेकचंद पटेल ने बताया कि वर्ष 1987 में उनके परिवार की एक युवती का विवाह एक अन्य वंश के युवक के साथ के होना था. तब समाज के लोगों ने इसका विरोध किया था. इसके बाद वर पक्ष व कन्या पक्ष के बीच समझौता के बाद शांति से विवाह संपन्न हुआ. लेकिन इसको लेकर समाज ने रूपधर को समाज से बाहर कर दिया.

ओडिशा के झारसुगुड़ा में किसी का भी सामाजिक बहिष्कार करना सामाजिक कलंक के साथ ही एक दंडनीय अपराध है. जिलाधीश कार्यालय से लेकर विभिन्न सरकारी कार्यालयों में भी इसका उल्लेख है. लेकिन, झारसुगुड़ा जिला के कोलाबीरा ब्लॉक के दंडबुडा गांव के रूपधर पटेल का परिवार गत 36 वर्षों से सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहा है. पीड़ित परिवार ने पुलिस, जिला प्रशासन व मानवाधिकार आयोग से इस संबंध में शिकायत की थी. लेकिन आज तक इसका कोई परिणाम नहीं निकल पाया है. जिस कारण उक्त परिवार पर मानसिक दबाव व उत्पीड़न बढ़ता जा रहा है. इधर, उपजिलाधीश किशोर चंद्र स्वांई ने दोनों पक्षों को बुला कर चर्चा की और रूपधर के परिवार को जाति-समाज में शामिल करने को कहा. आगामी सात दिनों में इस समस्या के समाधान करने का निर्देश दिया है. ऐसा नहीं होने पर उपयुक्त कार्रवाई किये जाने की चेतावनी दी है.

1987 में परिवार की युवती की शादी का समाज के लोगों ने किया था विरोध

परिवार के सदस्य डॉ टेकचंद पटेल ने बताया कि वर्ष 1987 में उनके परिवार की एक युवती का विवाह एक अन्य वंश के युवक के साथ के होना था. तब समाज के लोगों ने इसका विरोध किया था. इसके बाद वर पक्ष व कन्या पक्ष के बीच समझौता के बाद शांति से विवाह संपन्न हुआ. लेकिन इसको लेकर समाज ने रूपधर को समाज से बाहर कर दिया. इसके बाद करीब 20 वर्ष पहले आपसी समझौते से यह तय हुआ कि पूरे समाज को दावत देने के बाद उन्हें पहले की भांति फिर से जाति में शामिल किया जायेगा.

  • उप-जिलाधीश ने दोनों पक्षों से बातचीत के बाद सात दिन में समाधान करने का दिया निर्देश

  • समाधान नहीं होने पर प्रशासन ने दी कार्रवाई की चेतावनी

इसके बाद कुछ वर्षों तक रूपधर के पुत्र-पुत्रियों के विवाह में समाज के लोग ना तो सहयोग किये ओर ना ही विरोध किया. वहीं गत कुछ वर्षों से फिर एक बार उक्त परिवार का सामाजिक बहिष्कार किये जाने की चेतावनी दी जा रही है. उक्त परिवार के किसी भी शुभ या अशुभ कार्य में शामिल होने वालों को सीधे धमकी दी जा रही है कि अगर इनसे संबंध रखोगे, तो तुम्हें भी समाज से बहिष्कार कर दिया जायेगा. इस परिवार को बार-बार अकेले करने का प्रयास किया जा रहा है. इस तरह के मानसिक दबाव व प्रताड़ना के बीच परिवार के लोगों का जीना दुश्वार होने की बात परिवार के डॉ रूपधर पटेल ने बड़े ही दुखी मन से कही है.

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