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गति शक्ति का विस्तार

तीन वर्षों में इस योजना के तहत लगभग 208 परियोजनाओं को मंजूरी के लिए प्रस्तावित किया जा चुका है.

अक्टूबर 2021 में प्रारंभ हुए प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तीन वर्ष पूरे हो चुके हैं. इस अवधि में देश के इंफ्रास्ट्रक्चर की ठोस योजना बनाने और उसका कार्यान्वयन करने में इस पहल ने अग्रणी भूमिका निभायी है. इस शानदार सफलता का ही परिणाम है कि नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, मेडागास्कर, सेनेगल और गांबिया जैसे अनेक देश इस योजना को अपनाने के इच्छुक हैं. भारत सरकार इस संदर्भ में विभिन्न सरकारों से वार्ता कर रही है. इतना ही नहीं, गति शक्ति योजना के अनुभवों और आंकड़ों को गैर-सरकारी संस्थाओं के साथ भी साझा करने पर विचार किया जा रहा है. तीन वर्षों में इस योजना के तहत लगभग 208 परियोजनाओं को मंजूरी के लिए प्रस्तावित किया जा चुका है, जिनकी लागत 15 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक है. राष्ट्रीय मास्टर प्लान को साकार करने में केंद्र सरकार के 44 मंत्रालयों तथा 36 प्रांतों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की सहभागिता है. इसके तहत आंकड़ों के 16 सौ से अधिक स्तर हैं. इस प्रकार योजना की प्रक्रिया जटिल भी है और व्यापक भी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देश की आर्थिक वृद्धि एवं सतत विकास के लिए सात प्रमुख क्षेत्रों को चिह्नित कर उन्हें इंजन की संज्ञा दी गयी है. ये क्षेत्र हैं- रेल, सड़क, बंदरगाह, जलमार्ग, हवाई अड्डे, जन यातायात एवं लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर. उल्लेखनीय है कि समूचे देश में लोगों की आवाजाही और सामानों की ढुलाई को बेहतर बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ समुचित लॉजिस्टिक व्यवस्था का होना आवश्यक है. इसके लिए देश में पहली बार लॉजिस्टिक नीति बनायी गयी है, जिसके तहत कई स्थानों पर विशेष शहरों का निर्माण तथा भंडारण की सुविधा आदि का विकास किया जा रहा है. हमारे देश में परियोजनाओं का लंबित रहना और उनकी लागत में बढ़ोतरी होते जाना एक गंभीर समस्या रही है. ऐसे में अनेक आवश्यक परियोजनाएं अधूरी भी रह जाती हैं और उन पर हुआ खर्च बेकार हो जाता है. गति शक्ति योजना के लागू होने के बाद इस समस्या में कमी आयी है तथा परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में उत्साहजनक कामयाबी मिल रही है. तेज गति से सड़क निर्माण, रेल सुविधाओं में वृद्धि, हवाई अड्डों की संख्या बढ़ना, बंदरगाहों की क्षमता में बढ़ोतरी आदि इस कामयाबी के उदाहरण हैं. प्रधानमंत्री मोदी और उनके कार्यालय की सीधी निगरानी होने के कारण जवाबदेही भी बढ़ी है. मास्टर प्लान के केंद्रीय और राज्यस्तरीय पोर्टलों से कोई भी नागरिक योजनाओं के बारे में जानकारी हासिल कर सकता है. डिजिटल भुगतान, स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन, इंटरनेट का विस्तार, विभिन्न विकास एवं कल्याण कार्यक्रम आज दुनिया के लिए अनुकरणीय उदाहरण बन चुके हैं. इस कड़ी में अब गति शक्ति योजना भी शामिल हो रही है.

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