अभिषेक दूबे
वरिष्ठ खेल पत्रकार
abhishekdubey1975@gmail.com
क्रिकेट में आंकड़ों की अहम भूमिका है, लेकिन कई बार आकड़ें पूरी स्थिति को बता नहीं पाते. क्रिकेट में टीम इंडिया एक के बाद एक सीरीज खेलती है, लेकिन भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज के अलग मायने हैं.
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच मुकाबला भले ही एशेज ना हो, लेकिन वह इससे कम भी नहीं है. दोनों टीमों के बीच मैचों में एक पीढ़ी भले ही भारत-पाक के बीच मुकाबले के रोमांच को ना देख पाये, लेकिन मौजूदा पीढ़ी के लिए इसका रोमांच किसी भी सीरीज से कमतर नहीं है. विराट कोहली इतिहास रचने के करीब है. अगर भारत सिडनी में चौथा मैच जीतने में या फिर ड्राॅ कराने में कामयाब होता है, तो वह 71 साल के इतिहास में पहले ऐसे भारतीय कप्तान होंगे, जिन्होंने ऑस्ट्रेलया में जाकर ऑस्ट्रेलिया को हराया हो.
ऐसा न बिशन सिंह बेदी कर सके, न सौरव गांगुली. इस दिन को न सुनील गावस्कर देख सके, न कपिल देव और न सचिन तेंदुलकर. इन आकड़ों के बीच एक सच भी छुपा होगा कि विराट की सेना इस ऐतिहासिक मंजिल तक नहीं पहुंची होती, अगर बेदी से लेकर गांगुली तक ने कंगारुओं को उनकी मांद में जाकर चुनौती नहीं दी होती….
क्रिकेट के इतिहास में वेस्ट इंडीज और ऑस्ट्रेलिया ही दो ऐसी टीम हैं, जिन्होंने पूरे क्रिकेट जगत पर एकक्षत्र राज किया है. ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट का ग्राफ तब परवान चढ़ा, जब एक तरह से वेस्ट इंडीज क्रिकेट का सूर्यास्त हो चुका था. एलन बॉर्डर ने अगर आधुनिक ऑस्ट्रेलिया टीम की नींव रखी थी, तो स्टीव वाॅ और रिकी पोंटिंग उसे नयी ऊंचाई तक ले गये.
ऐसे में वह गांगुली की सेना ही थी, जिसने स्टीव वाॅ को भारत में फाइनल फ्रंटियर पर कब्जा नहीं करने दिया. वह अनिल कुंबले के जांबाज ही थे, जिन्होंने पर्थ में टेस्ट जीतकर कंगारुओं को बताया कि क्रिकेट आखिरकार सही खेल भावना दिखाकर भी जीता जा सकता है.
ऐसे में अगर भारत मौजूदा सीरीज जीतने में कामयाब होता है, तो सिडनी के समर तक पहुंचने के लिए कोलकाता टेस्ट मैच और पर्थ टेस्ट मैचों में सौरव गांगुली और अनिल कुंबले की टीम को मिली जीतों का अहम पड़ाव भी होगा…. ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा कप्तान पेन ने कहा कि उनकी टीम को स्टीव स्मिथ और डेविड वाॅर्नर की कमी खल रही है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारतीय टीम से चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली को आगे कर दें, तो उनका भी यही हश्र होगा….
क्रिकेट में अगर-मगर के लिए जगह नहीं होती, लेकिन पेन को यह ध्यान रखना चाहिए कि बीते साल में कोहली-पुजारा जैसे क्रिकेटर ने सचिन-सौरव-सेहवाग-सचिन-लक्ष्मण जैसे दिग्गजों की जगह ली है. दूसरी तरफ, ऑस्ट्रेलिया को न तो दूसरा हेडेन मिला है, न रिकी पोंटिंग, न गिलक्रिस्ट का विकल्प मिला न शेन वाॅर्न का…. ऑस्ट्रेलियाई टीम की एक दौर में ताकत ही यही थी कि बेंच पर बैठे खिलाड़ियों से भी दुनिया कांपती थी….
भारत भले ही अपने नंबर एक टेस्ट टीम के रुतबे के मुताबिक प्रदर्शन 2018 में नहीं कर सका हो, लेकिन टीम का ग्राफ लगातार ऊपर जाता दिख रहा है. भारतीय टीम से उम्मीद थी कि वह साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड में सीरीज जीतने में कामयाब होगी, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सकी.
तेंदुलकर दौर के सूरमाओं के एक साथ रिटायरमेंट के बाद टीम इंडिया में जो खाई आयी थी, उसे भरने में देर लगी…. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मौजूदा टेस्ट सीरीज में एडिलेड से लेकर मेलबोर्न तक के सफर में ऐसा कई बार लगा कि खाई भरने का काम लगभग पूरा होता दिख रहा है. अगर सिडनी में भारतीय टीम टेस्ट जीतने में कामयाब रही, तो भारतीय टीम के शिखर के लिए उड़ान पर मुहर लग जायेगा.
स्पिन गेंदबाजी भारत की ताकत रही है, लेकिन यह पहली बार है कि भारत के तेज गेंदबाजों की धमक से दुनिया के बल्लेबाज परेशान हो रहे हैं.
भारत को कभी कपिल देव, तो कभी जवागल श्रीनाथ और कभी करसन घावरी, तो कभी जहीर खान मिले, लेकिन ये एकलौते रणबांकुरे थे. यह पहली बार है कि भारत के पास एक दमदार पेस बैटरी है. साल 2018 में जसप्रीत बुमराह, इशांत शर्मा और मोहम्मद शमी टेस्ट मैच पेस बैटरी का अहम हिस्सा रहे हैं. लोग इस पेस बैटरी की तुलना वेस्ट इंडीज, ऑस्ट्रेलिया या फिर दक्षिण अफ्रीका की पेस बैटरी से करने लगे हैं….
अहम यह है कि ये तीन तेज गेंदबाज जब मैदान पर होते हैं, तो भुवनेश्वर कुमार और उमेश यादव ड्रेसिंग रूम में आराम करने को मजबूत होते हैं. ऐसे में जब जसप्रीत बुमराह, मेलबोर्न टेस्ट मैच में मैन ऑफ सीरीज बने, तो कमेंटरी बॉक्स में बैठे ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने कहा कि वह मौजूदा दौर के सुपरस्टार हैं, मैं उनका कायल हूं. अब तक दुनिया भारत के बल्लेबाजों और स्पिन गेंदबाजों की कायल तो रही है, लेकिन यह पहला मौका है जब वह भारत के तेज गेंदबाज की मुरीद बनी हो….
नयी टीम इंडिया के बनने के संकेत और भी हैं. कोहली अब निसंदेह विश्व के नंबर एक के बल्लेबाज बन चुके हैं और पुजारा टीम इंडिया की दीवार राहुल द्रविड़ की राह पर हैं.
ओपनिंग जोड़ी में विजय और राहुल संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल के तौर पर मजबूत विकल्प है…. भारत के पास टेस्ट मैच में हार्दिक पंड्या, जडेजा और आश्विन का विकल्प है. टीम इंडिया के पास विकल्प तो है, लेकिन टीम मैनेजमेंट के पास असली चुनौती स्थिति को देखकर टीम का संतुलन बनाये रखने का है. अगर ऐसा करने में वह कामयाब होती है, तो भारत आनेवाले वर्षों में बीते दौर के ऑस्ट्रेलिया की जगह ले सकता है….