देशभर में कोरोना संक्रमण की बढ़ती संख्या के मद्देनजर हो रही कोशिशों का जायजा लेने तथा आगे की रणनीति बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहम बैठक की है. इसमें उन्होंने जिला स्तर पर समुचित व्यवस्था करने, किशोरों का टीकाकरण तेज करने तथा वैज्ञानिक शोध जारी रखने का निर्देश दिया है.
कोरोना की पिछली दो लहरों के दौरान अन्य बीमारियों के जांच-उपचार का काम बड़े पैमाने पर बाधित हुआ था, जिससे बहुत बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए थे. इस बार ऐसी स्थिति न पैदा हो, इसके लिए भी प्रधानमंत्री मोदी ने अधिकारियों को इंतजाम करने को कहा है. न केवल भारत में, बल्कि दुनिया के कई देशों से आ रही जानकारियां बता रही हैं कि टीकाकरण की वजह से कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के फैलाव को रोकने में मदद तो मिल ही रही है, इससे ओमिक्रॉन वैरिएंट भी अधिक घातक नहीं हो पा रहा है.
बीते माह प्रधानमंत्री मोदी ने ही जनवरी से 15 से 18 साल आयु के किशोरों के टीकाकरण अभियान की घोषणा की थी. यह बेहद उत्साहजनक है कि तीन जनवरी से नौ जनवरी के बीच इस आयु वर्ग के 31 फीसदी किशोरों को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है. इस गति को बरकरार रखने की जरूरत है, तभी प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में ‘मिशन मोड’ में आने को कहा है.
दस जनवरी से बुजुर्गों और अहम कर्मियों को बूस्टर डोज देने का अभियान भी शुरू हो रहा है. वयस्कों में जिन लोगों ने खुराक नहीं ली है, उन्हें भी जल्दी टीका लगवाना चाहिए. ऐसा करने से ही व्यापक स्तर पर वायरस के विरुद्ध सामुदायिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो सकेगी तथा संक्रमण के जोखिम को कम किया जा सकेगा.
सोमवार को लगभग 1.80 लाख संक्रमण के नये मामले सामने आये हैं और 146 लोगों की मृत्यु हुई है. निश्चित ही यह चिंताजनक है, लेकिन एक संतोष की बात यह है कि इस लहर में पांच से दस फीसदी संक्रमितों को ही अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आ रही है, जबकि दूसरी लहर के दौरान यह दर 20 से 23 फीसदी रही थी.
लेकिन हमें सचेत रहना है और किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी है. प्रधानमंत्री मोदी ने उचित ही निर्देश दिया है कि जिन जगहों में सबसे अधिक संक्रमण के मामले आ रहे हैं, वहां अतिरिक्त निगरानी और व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए. केंद्र सरकार के पहले के निर्देशों तथा राज्य सरकारों की सख्ती के बावजूद ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं है, जो कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए न मास्क लगा रहे हैं और न ही भीड़ से परहेज कर रहे हैं.
ऐसा कर वे अपने और परिजनों के स्वास्थ्य एवं जीवन को खतरे में डाल रहे हैं. एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी ने उच्चस्तरीय बैठक में सावधानी बरतने की ओर ध्यान दिलाया है. याद रहे, सतर्क रहकर ही हम संक्रमण को जल्द ही नियंत्रित कर सकते हैं.