22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कम न हों सैनिक

अपने इंतजाम को पुख्ता बनाने तथा किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए अधिकारियों और सैनिकों की संख्या भी समुचित होनी चाहिए.

भारतीय सेना के तीनों अंगों में अधिकारियों एवं सैनिकों की कमी चिंता का विषय है. संसद में सरकार द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, सशस्त्र सेनाओं में लगभग 9712 अधिकारियों तथा एक लाख से अधिक सैनिकों का अभाव है. यह अभाव सबसे अधिक थल सेना में है, जहां 7912 अधिकारी और 90.6 हजार सैनिक कम हैं. वायु सेना में 610 अधिकारियों एवं 7100 से अधिक सैनिकों की दरकार है. नौसेना में यह आंकड़ा क्रमशः 1190 और लगभग 12 हजार है.

आक्रामक पड़ोसी देशों, आतंकवाद, तस्करी और घुसपैठ जैसी बड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए सेना को सक्षम और अत्याधुनिक बनाने की दिशा में लगातार प्रयास हो रहे हैं. ऐसे में समुचित संख्या में सैनिकों का होना बहुत आवश्यक है. उल्लेखनीय है कि प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में तथा आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी सेना की मदद लेनी पड़ती है.

इसमें कोई दो राय नहीं है कि हमारे जांबाज सैनिकों ने देश की सरहद पर या देश के भीतर संप्रभुता और अखंडता पर होनेवाले हर हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया है. जम्मू-कश्मीर में चाहे नियंत्रण रेखा हो या पाकिस्तान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा या फिर लद्दाख व पूर्वोत्तर में चीन के साथ लगनेवाली वास्तविक नियंत्रण रेखा हो, भारतीय क्षेत्र में पड़ोसी देशों की सेनाओं की घुसपैठ और गोलाबारी का जवाब देने में हम कभी पीछे नहीं रहे हैं.

सेना की मुस्तैदी और कार्रवाई की वजह से पाकिस्तान समर्थित गिरोहों के आतंकवाद और घुसपैठ को भी बहुत हद तक नाकाम करने में भारतीय सेना को कामयाबी मिली है. हवाई और समुद्री सुरक्षा में भी हमारी स्थिति बहुत संतोषजनक है. यह हमारे सैनिकों की वीरता और वैश्विक शांति के लिए उनकी प्रतिबद्धता का ही परिणाम है कि संयुक्त राष्ट्र के अनेक शांति मिशनों में हमारी उल्लेखनीय भागीदारी है. लेकिन चीन और पाकिस्तान लगातार अपनी सैन्य क्षमता में बढ़ोतरी कर रहे हैं.

ऐसे में सरहदों पर उनका दबाव भी बना रहेगा. तकनीक के इस युग में रणनीति भी बदल रही है. ड्रोन व साइबर हमले की आशंका बढ़ती जा रही है. इस स्थिति में सरकार जरूरी साजो-सामान मुहैया कराने के साथ तीनों सेनाओं के बीच सामंजस्य बढ़ाने की योजना को आगे बढ़ा रही है. अपने इंतजाम को पुख्ता बनाने तथा किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए अधिकारियों और सैनिकों की संख्या भी समुचित होनी चाहिए.

हमें एक साथ परमाणु व अन्य उन्नत हथियारों से लैस चीन और पाकिस्तान का मुकाबला करना है. इसके अलावा लंबी जमीनी और समुद्री सीमा की निगरानी भी करनी है. सरकार सेना में आने के लिए युवाओं में उत्साह भरने के लिए अनेक कदम उठा रही है. जागरूकता फैलाने के साथ आकर्षक वेतन और अन्य लाभों की पेशकश भी की जा रही है. उम्मीद की जा सकती है कि आगामी दिनों में सैनिक जैसे उत्कृष्ट सेवा के प्रति युवा अधिक आकर्षित होंगे. सरकार को भी नियमित रूप से भर्ती कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें