14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Birth Anniversary : शैली सम्राट राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह, जयंती पर पढ़ें डॉ शिवनारायण का खास लेख

Birth Anniversary : राजा साहब के ने एक जगह अपने बारे में लिखा है- ‘आज भी बड़े बड़ों की जुबान पर जो हमारा परिचय है, क्या वही परिचय है, आप बतायें? कोई रईसे-आजम, राजा या महाराजा, कोई गद्दीदार या सरकार? वह दिन गये, तो लीजिए, सूर्यपुरा का वह जमींदार राजा बहादुर, सीआइइ तो पंद्रह अगस्त, 1947 को ही मर मिट गया, दफन हो गया जैसे!

Birth Anniversary : हिंदी की चर्चित कहानी ‘कानों में कंगना’ के यशस्वी लेखक राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह केवल अपने कथा उपन्यासों के लिए ही नहीं, अनूठी भाषा शैली के लिए भी ख्यात रहे हैं. आचार्य शिवपूजन सहाय के अनुसार ‘राजा साहब संस्कृत, अंग्रेजी, उर्दू-फारसी और हिंदी के बड़े गंभीर विद्वान हैं. बांग्ला भाषा पर तो उनका असाधारण अधिकार है. भाषा की सजधज पर गहरी निगाह रखने वाले उनके समान साहित्य शिल्पी हिंदी-संसार में बहुत कम हैं. जो कोई उनसे मिलेगा उनकी सहृदयता, जिंदादिली और मिलनसारी से प्रभावित हुए बिना न रह सकेगा. वे साहित्य क्षेत्र की विशिष्ट विभूति हैं.’ हिंदी संसार के इस विलक्षण लेखक का जन्म 10 सितंबर, 1890 में बिहार के तत्कालीन शाहाबाद (अब रोहतास) जिले के सूर्यपूरा इस्टेट में हुआ था. उनके पिता राजा राजेश्वरी प्रसाद सिंह उर्फ प्यारे कवि भारतेंदु मंडल के सम्मानित कवि थे, तो पितामह दीवान राम कुमार सिंह अपने समय के बहुत प्रतिष्ठित कवि थे. ऐशो-आराम की जिंदगी से दूर हटकर सादगी व स्वालंबन का जीवन उन्होंने अपनाया. अपने पूर्वजों की भांति साहित्य सेवा की ओर ही उन्मुख हो गये.


राजा साहब के ने एक जगह अपने बारे में लिखा है- ‘आज भी बड़े बड़ों की जुबान पर जो हमारा परिचय है, क्या वही परिचय है, आप बतायें? कोई रईसे-आजम, राजा या महाराजा, कोई गद्दीदार या सरकार? वह दिन गये, तो लीजिए, सूर्यपुरा का वह जमींदार राजा बहादुर, सीआइइ तो पंद्रह अगस्त, 1947 को ही मर मिट गया, दफन हो गया जैसे! मगर हां, वह कलम का कलाकार, वही कलम जो उसे विरासत में मिली थी जैसे, जो उठा है हिंदी की शैली को एक नया मोड़, एक नया ओज देने एक ढंग का, लीजिए, वह तो आपके शुभाशीर्वाद से आज भी जिये जा रहा है, हो सकता है जीता जागता रहे कुछ दिन अपनी वाणी के प्रांगण में!’ राजा साहब की इन मन:स्थितियों को उनकी कहानी ‘दरिद्रनारायण’ में भी देखा जा सकता है, जहां एक राजा को रात भर नींद नहीं आती और वे दरिद्र में ही नारायण के दर्शन करते हैं. राजा साहब के लेखन का आरंभ एक नाटक ‘नवीन सुधारक’ (नये रिफार्मर) से हुआ जिसमें नायक का अभिनय उन्होंने खुद ही किया था. उनका साहित्य-लेखन आगे बढ़ता कि बीए करने से पहले ही 1911 में चांदी (आरा) निवासी जगतानंद सहाय की बेटी ललिता देवी के साथ उनका विवाह हो गया. बीए बाद जिलाधिकारी ने उनकी पढ़ाई बंद कर सूर्यपुरा रियासत का उन्हें सहायक प्रबंधक नियुक्त कर दिया.


उन्होंने जिलाधिकारी की नजर बचाकर प्रसिद्ध इतिहासकार सर जदुनाथ सरकार की देखरेख में 1914 में इतिहास विषय से एमए की परीक्षा पास कर ली. इस बीच 1913 में उन्होंने ‘कानों में कंगना’ शीर्षक कहानी की रचना कर ली थी, जिसने उन्हें प्रचुर ख्याति दिलायी. शैली सम्राट राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह ने आगे चलकर कई कहानियां लिखीं, जो उनके संग्रह ‘गांधी टोपी’, ‘सावनी समां’, ‘नारी: क्या एक पहेली’, ‘हवेली और झोपड़ी’, ‘देव और दानव’, ‘वे और हम’, ‘धर्म और मर्म’ आदि में संकलित हैं. उन्होंने अनेक चर्चित एक कालजयी उपन्यास भी लिखे, जिनमें ‘राम-रहीम’, ‘पुरुष और नारी’, ‘सूरदास’, ‘संस्कार’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘चुंबन और चांटा’ आदि उल्लेखनीय हैं. उनकी अद्वितीय साहित्य सेवा के लिए 1962 में उन्हें पद्मभूषण की उपाधि से विभूषित किया गया. साल 1965 में बिहार राष्ट्र भाषा परिषद ने सम्मानित किया, तो मगध विश्वविद्यालय ने 1969 में डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की. प्रयाग हिंदी साहित्य सम्मेलन ने भी 1970 में उन्हें मानद उपाधि से अलंकृत किया.


राजा साहब अनगिनत सामाजिक-साहित्यिक संस्थानों से जीवनपर्यंत जुड़े रहे तथा साहित्यिक सभा-सम्मेलनों में योगदान अर्पित करते रहे. उनके साहित्य के प्रकाशन के लिए अशोक प्रेस की स्थापना की गयी और 1950 में ‘नयी धारा’ पत्रिका भी प्रारंभ की गयी, जो आज भी प्रकाशित हो रही है. उनके पुत्र उदय नारायण सिंह भी यशस्वी लेखक हुए. राजा साहब का संपूर्ण साहित्य ‘राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह ग्रंथावली’ के नाम से आठ भागों में प्रकाशित हो चुका है. उनकी स्मृति को संजोये रखने के लिए उनके पौत्र एवं प्रसिद्ध प्रबंध विज्ञानी डॉ प्रथमराज सिंह ने पटना स्थित सूर्यपुरा हाउस को पुनर्नवा कर अपने पूर्वजों को एक अनुपम उपहार दिया है. राजा साहब का निधन 24 मार्च, 1971 को हो गया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें