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Food Security : मजबूत होती खाद्य सुरक्षा

Food Security : जन पोषण केंद्रों पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत आने वाले वस्तुओं के अलावा भी उचित दाम पर चीजें बेची जा सकती हैं. इससे दुकानदारों को अतिरिक्त कमाई भी होगी और ग्राहकों को सस्ते दाम पर पोषक चीजें भी उपलब्ध होंगी. केंद्र सरकार ने पोषण मिशन के अंतर्गत पूरे देश में समुचित पोषण उपलब्ध कराने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

Food Security : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार बनी सरकार के पहले सौ दिन पूरे हो चुके हैं. इस अवधि में अनेक नयी योजनाओं की घोषणा हुई है तथा पहले से चली आ रही योजनाओं को विस्तार दिया गया है. इस क्रम में खाद्य सुरक्षा को मजबूती देने के लिए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है, भंडारण और ढुलाई का आधुनिकीकरण हो रहा है, उचित मूल्य वाली 60 दुकानों को जन पोषण केंद्र में परिवर्तित किया गया है तथा संबंधित संगठनों को बेहतर बनाने के लिए प्रयास किये गये हैं.

जन पोषण केंद्रों पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत आने वाले वस्तुओं के अलावा भी उचित दाम पर चीजें बेची जा सकती हैं. इससे दुकानदारों को अतिरिक्त कमाई भी होगी और ग्राहकों को सस्ते दाम पर पोषक चीजें भी उपलब्ध होंगी. केंद्र सरकार ने पोषण मिशन के अंतर्गत पूरे देश में समुचित पोषण उपलब्ध कराने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इन केंद्रों के प्रदर्शन के आधार पर आगे की रणनीति पर विचार होगा. अगले पांच वर्ष में 50 हजार उचित मूल्य की दुकानों को जन पोषण केंद्रों में परिवर्तित करने की योजना है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ से अधिक लोगों को निःशुल्क राशन मुहैया कराया जाता है.

लाभार्थियों के लिए ‘मेरा राशन 2.0’ एप लाया गया है, जिसमें सभी आवश्यक सूचनाएं हासिल की जा सकती हैं. अब तक इस एप्लिकेशन को एक करोड़ से अधिक लोग डाउनलोड कर चुके हैं. यह सुनिश्चित करना आवश्यक होता है कि निर्धन एवं निम्न आय वर्ग के परिवारों को समय पर अनाज और अन्य सामान मिल जाएं. इस संबंध में आपूर्ति शृंखला को बेहतर बनाने के प्रयास पहले से हो रहे हैं. सार्वजनिक वितरण प्रणाली विभाग ने आपूर्ति प्रक्रिया में सुधार कर एक वर्ष में 112 करोड़ रुपये की बचत की है.

वास्तविक बचत की कुल राशि इससे अधिक हो सकती है क्योंकि यह आंकड़ा केवल 13 राज्यों का है. ऐसा प्रधानमंत्री गति शक्ति प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल से संभव हो सका है. देश में पहली बार लॉजिस्टिक नीति बनने के बाद से भंडारण और ढुलाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. खाद्य सुरक्षा को मजबूत बनाने और आपूर्ति शृंखला में गति लाने में इससे बड़ी मदद मिली है. इससे लाभार्थियों को लाभ तो मिल ही रहा है, ग्रामीण अर्थव्यवस्था का भी विस्तार हो रहा है. ऋण गारंटी योजना के तहत उपलब्ध वित्त की मात्रा को बढ़ाकर 1.05 लाख करोड़ रुपये करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इससे भंडारित उपज के आधार पर ऋण देने की व्यवस्था है, जिससे किसानों और कारोबारियों को वित्तीय सुगमता हासिल होगी. तकनीक और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास से खाद्य सुरक्षा को मजबूती मिलेगी.

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