11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भगत सिंह का वैचारिक दृष्टिकोण

भगत सिंह, भगवती चरण वोहरा द्वारा अप्रैल, 1928 में नौजवान भारत सभा का गठन किया गया, जिसके घोषणापत्र में क्रांति द्वारा समाजवादी समाज की संरचना का संकल्प लिया गया.

गत दिनों दिल्ली में आयोजित पुस्तक मेला में सरदार भगत सिंह की जेल डायरी की मूल प्रतिलिपि का प्रदर्शन किया गया. इन पन्नों के अध्ययन से उनके जीवन और विचारों का गहन विश्लेषण करें, तो पाते है कि उन्होंने देश के इतिहास, परिस्थितियों और आदर्शों के गंभीर व परिश्रमी विद्यार्थी के रूप में इतिहास के वैज्ञानिक सिद्धांतों की समझ साझा की है. शहीद भगत सिंह न सिर्फ वीरता, साहस, दृढ़ता और आत्म बलिदान के गुणों के सर्वोत्तम उदाहरण हैं,

बल्कि वे अद्भुत बौद्धिक क्रांतिकारी व्यक्तित्व भी हैं, जिसे जाने-अनजाने लोगों से छिपाया गया है. भगत सिंह ने राष्ट्रीय आंदोलन पर जो आलोचनात्मक और समता मूलक टिप्पणियां की थीं, भविष्य की संभावनाओं के बारे में आकलन प्रस्तुत किये थे, कांग्रेसी नेतृत्व का वर्ग विश्लेषण किया था, क्रांति की तैयारी और मार्ग की नयी परियोजना प्रस्तुत की थी, उसका आज के संकटपूर्ण समय में बहुत अधिक महत्व है. जब पूरा देश पूंजी की निर्बाध लूट और निरंकुश वर्चस्व तले रौंदा जा रहा है, तब भगत सिंह की आशंकाएं सही साबित हो रही हैं.

फांसी से तीन दिन पूर्व उनका संबोधन गवर्नर को लिखे पत्र के जरिये अपनी व्यावहारिकता दर्शाता है कि यह संघर्ष तब तक चलता रहेगा, जब तक कि शक्तिशाली व्यक्ति भारतीय जनता और श्रमिकों की आय के साधनों पर अपना एकाधिकार जमाये रखेंगे. चाहे ऐसे व्यक्ति अंग्रेज पूंजीपति, अंग्रेज शासक अथवा सर्वथा भारतीय ही हों. ऑक्सफैम संगठन की हालिया रपट के अनुसार,

भारत में एक प्रतिशत अमीरों के पास भारत की 40.5 प्रतिशत संपदा है. भारत में अति धनवान लोगों की संख्या में निरंतर वृद्धि जारी है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, 2019 में कृषक परिवारों पर प्रति व्यक्ति औसतन 74,121 रुपये का कर्ज है. सर्वे के अनुसार, 83.5 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों के पास एक हेक्टेयर से कम जमीन है, जबकि केवल 0.2 प्रतिशत के पास 10 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन हैं.

भगत सिंह एवं उनके साथियों का स्पष्ट दृष्टिकोण था कि यदि देशी शोषक भी किसान, मजदूरों का शोषण करते रहेंगे, तो हमारी लड़ाई जारी रहेगी. उनका नजरिया बहुत स्पष्ट था कि व्यापक जनता की राष्ट्रीय आकांक्षाओं को कांग्रेस के नेतृत्व वाला जनआंदोलन एक मंच दे रहा है, लेकिन राष्ट्रीय आंदोलन का नेतृत्व यदि कांग्रेस के हाथों रहा, तो उसका अंत क्रांति के रूप में नहीं हो पायेगा.

हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी नाम से बनाया गया संगठन इनके विचारों की सही अभिव्यक्ति करता है. अब तक प्रकाशित कुल 105 दस्तावेजों में से 72 भगत सिंह के लेखन हैं. शेष 33 भगवती चरण वोहरा, सुखदेव, बीके दत्त, महावीर सिंह आदि का लिखा हुआ है. इनकी क्रांतिकारी समझ 1917 की रूसी क्रांति से प्रभावित थी, लेकिन इस वैचारिक विचार के पीछे गदर पार्टी के निकट अतीत की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण थी.

गदर पार्टी वह पहली क्रांतिकारी पार्टी थी, जिसने किसानों और मजदूरों की प्रमुख भूमिका होने की घोषणा की थी. भगत सिंह, भगवती चरण वोहरा द्वारा अप्रैल, 1928 में नौजवान भारत सभा का गठन किया गया, जिसके घोषणापत्र में क्रांति द्वारा समाजवादी समाज की संरचना का संकल्प लिया गया. उसमें स्पष्ट कहा गया कि क्रांति के लिए खूनी लड़ाइयां अनिवार्य नहीं हैं और न ही उसमें व्यक्तिगत प्रतिहिंसा के लिए कोई स्थान है. क्रांति से उनका अभिप्राय था अन्याय पर आधारित मौजूदा समाज व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन.

अप्रैल, 1928 में ब्रिटिश शासन द्वारा पारित कानूनों के प्रतिकार के लिए असेंबली में बम फेंकने का निर्णय हुआ. इस घटना में कोई मानव क्षति न हो, इसका विशेष ध्यान रखा गया. इस दौरान एक दस्तावेज को भी प्रचार हेतु वितरित किया गया, जिसे ‘बम का दर्शन’ नाम से जाना जाता है. इस अनमोल वैचारिक दस्तावेज में भगत सिंह अपनी विचारधारा को परिभाषित करते हैं, ‘मैं आतंकवादी नहीं हूं. मैं तो एक ऐसा क्रांतिकारी हूं, जिसके पास एक लंबा कार्यक्रम और उसके बारे में सुनिश्चित विचार है.’

भगत सिंह ने अदालत में अपने बचाव के लिए बाहरी मदद लेने से इंकार कर दिया. वे स्वयं अपनी समझदारी और विचारधारा को केंद्र बिंदु मानकर अपना विचार जनमानस के सामने प्रस्तुत करना चाहते थे. आज के दिन, यानी 23 मार्च, 1931 को उन्हें राजगुरु और सुखदेव के साथ फांसी पर लटकाया गया. इस शहादत से देशभर में राष्ट्रवाद का ज्वार-भाटा जैसा आ गया. कांग्रेस के कराची अधिवेशन (26-31 मार्च 1931) में भी इसकी गूंज स्पष्ट दिखती है. उसमें जनाक्रोश के सामने नतमस्तक होकर कांग्रेस को भी संपूर्ण आजादी का प्रस्ताव पास करना पड़ा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें