20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शिक्षण संस्थानों का प्रदर्शन

India Ranking 2024 : विश्वविद्यालयों की वैश्विक सूचियों में भारतीय संस्थानों की संख्या में वृद्धि हो रही है, पर उसकी गति भी कम है तथा शीर्ष के 200 संस्थानों में गिनती के ही भारतीय विश्वविद्यालय हैं.

India Ranking 2024 : बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान ने लगातार नौवीं बार देश के विश्वविद्यालयों की सूची में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है, जबकि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास सभी श्रेणियों में पहले पायदान पर रहा है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा जारी ‘इंडिया रैंकिंग 2024’ में आवेदन करने वाले 6,517 उच्च शिक्षण संस्थानों का आकलन किया गया है. इन संस्थानों ने विभिन्न श्रेणियों में 10,845 आवेदन किया था. नवंबर, 2015 में शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग रूपरेखा के आधार पर 2016 से रैंकिंग की वार्षिक प्रक्रिया चल रही है. धीरे-धीरे इस रूपरेखा में अलग-अलग प्रकार के संस्थानों को शामिल किया गया है. इस कारण आवेदन करने वाले संस्थानों की संख्या में उत्तरोत्तर बढ़ोतरी हो रही है.

साल 2016 में जारी पहली रैंकिंग के लिए 2,426 संस्थानों के 3,565 आवेदनों पर विचार किया गया था. इस वृद्धि से यह इंगित होता है कि इस रैंकिंग व्यवस्था की पारदर्शी प्रक्रिया में संस्थानों का भरोसा बढ़ता जा रहा है. शिक्षा मंत्री प्रधान ने उचित ही कहा है कि किसी शैक्षणिक संस्थान की गुणवत्ता, प्रदर्शन और सामर्थ्य की जानकारी पाना छात्रों और अभिभावकों का अधिकार है. उन्होंने सुझाव दिया है कि सभी 58,000 उच्च शिक्षा संस्थानों को रैंकिंग और रेटिंग के ढांचे के अंतर्गत लाना चाहिए. वर्ष 2020 में आयी नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में रैंकिंग, रेटिंग और मान्यता को महत्व दिया गया है. रैंकिंग की व्यवस्था से संस्थानों में बेहतरी के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा भी होगी तथा सूची में नीचे रह गये या शामिल न हो सके संस्थानों को प्रेरणा मिलेगी.

विश्वविद्यालयों की वैश्विक सूचियों में भारतीय संस्थानों की संख्या में वृद्धि हो रही है, पर उसकी गति भी कम है तथा शीर्ष के 200 संस्थानों में गिनती के ही भारतीय विश्वविद्यालय हैं. विभिन्न मापदंडों पर अगर हमारे संस्थान अपना प्रदर्शन सुधारते हैं, तो देश में भी उच्च शिक्षा में बेहतरी आयेगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी साख मजबूत होगी. रैंकिंग में अक्सर शीर्ष स्थानों पर हमारे पुराने संस्थान ही हैं. राज्यों के अनेक विश्वविद्यालय अपनी पुरानी प्रतिष्ठा खो चुके हैं.

बड़ी संख्या में चल रहे निजी विश्वविद्यालय सरकारी संस्थानों से अपेक्षित प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहे हैं. यह परिदृश्य तभी बदलेगा, जब संसाधनों की समुचित उपलब्धता होगी तथा सरकारें निगरानी की व्यवस्था को दुरुस्त करेंगी. वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ के संकल्प को साकार करने के लिए यह आवश्यक है कि हमारे शिक्षण संस्थान सुदृढ़ हों. शिक्षा को कौशल विकास और रोजगार से जोड़ना सरकार की प्राथमिकताओं में है. नयी शिक्षा नीति में भी इस पर जोर दिया गया है. जैसा कि प्रधान ने सुझाव दिया है, रैंकिंग में कौशल विकास को भी मापदंडों में शामिल किया जाना चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें