18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

वर्तमान संसद भवन में अंतिम शीत सत्र

यह पहला शीत सत्र होगा, जब विदेश मंत्री एस जयशंकर 18 देशों की अपनी यात्रा के बारे में बयान देंगे. यह सत्र इसलिए भी विशेष होगा कि प्रधानमंत्री मोदी एक और शानदार उपलब्धि के साथ सत्र में शामिल होंगे कि भारत जी-20 समूह का अध्यक्ष बना है

सात दिसंबर से शुरू हो रहा संसद का शीत सत्र वर्तमान भवन में अंतिम सत्र होगा. अगले वर्ष जनवरी में प्रारंभ होने वाले बजट सत्र से संसद की बैठकें नये संसद भवन में होंगी. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में प्रवेश करेंगे, तो 303 सांसद मोदी-मोदी का नारा बुलंद करेंगे. शीत सत्र 29 दिसंबर तक चलेगा और इसमें कुल 17 कार्यदिवस होंगे. यह पहला अवसर है, जब शीत सत्र की अवधि को घटाया गया है. यह सत्र इसलिए भी ऐतिहासिक होगा कि सांसद अपने मोबाइल फोन से उपस्थिति पंजिका पर ई-सिग्नेचर कर सकेंगे.

लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला ने 95 प्रतिशत सफलता के साथ लोकसभा को कागज रहित बना दिया है. सत्रहवीं लोकसभा का यह 10वां सत्र है. यह पहला शीत सत्र होगा, जब विदेश मंत्री एस जयशंकर 18 देशों की अपनी यात्रा के बारे में बयान देंगे. यह सत्र इसलिए भी विशेष होगा कि प्रधानमंत्री मोदी एक और शानदार उपलब्धि के साथ सत्र में शामिल होंगे कि भारत जी-20 समूह का अध्यक्ष बना है तथा जुलाई में शंघाई सहयोग संगठन की भी अध्यक्षता संभालेगा. यह सब भारत के विश्व शक्ति बनने के संकेतक हैं. भाजपा के शब्दों में कहें, तो भारत विश्व गुरु होगा.

यह पहला सत्र होगा, जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ राज्यसभा के सभापति के रूप में सदन का संचालन करेंगे. यह देखना दिलचस्प होगा कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद उनके साथ कैसा बर्ताव करेंगे. राजनीतिक पर्यवेक्षक जानते हैं कि जब वे राज्यपाल थे, तब उनके और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच रिश्ते अच्छे नहीं थे. इस सत्र में कांग्रेस नेता राहुल गांधी अनुपस्थित रहेंगे.

यह देखना होगा कि तृणमूल, द्रमुक, टीआरएस, जद(यू) जैसी क्षेत्रीय पार्टियों का क्या रवैया होगा. चिराग पासवान पर भी निगाहें रहेंगी. द्रमुक राज्यपालों की अनावश्यक शक्तियों का मुद्दा उठाने के लिए तैयार है. अभी तीन राज्यपाल अपने मुख्यमंत्रियों के साथ समुचित बर्ताव नहीं कर रहे हैं, तो तीन क्षेत्रीय दल राज्यपालों को कारण बताओ नोटिस देने के लिए तैयार हैं. तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल के राज्यपाल रोजमर्रा के प्रशासनिक कामों में दखल दे रहे हैं. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान कुलपतियों की नियुक्ति जैसी अपनी शक्तियों का बेजा फायदा उठा रहे हैं.

तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि नीट और ऑनलाइन खेलों से जुड़े अनेक विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं. द्रमुक का आरोप है कि वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. तेलंगाना के राज्यपाल डॉ टी सुंदरराजन मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की खीझ का कारण बनी हुई हैं. वे द्रमुक सरकार पर भी टिप्पणी करती रहती हैं. विपक्ष इस सत्र में राज्यपालों की शक्तियों पर चर्चा की मांग करने के लिए तैयार है.

यह तो निश्चित है कि दोनों सदनों में हंगामा होगा. कांग्रेस के नेता भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त हैं. यह आधिकारिक रूप से कह दिया गया है कि राहुल गांधी इस सत्र में नहीं शामिल होंगे. लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए तैयार हैं. वे राज्यसभा में विपक्ष के नेता भी हैं. विपक्ष मोरबी पुल हादसे के मुद्दे को भी उठायेगा.

अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में चीन के जासूसी जहाज, यूक्रेन युद्ध और क्वाड आदि पर चर्चा की उम्मीद है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्वीट कर बताया है कि इस अमृत काल में उन्हें विधायी कार्यों और अन्य मुद्दों पर रचनात्मक चर्चा की आशा है. क्या सुचारु ढंग से सदन चलाने में विपक्ष सरकार का साथ देगा?

कुछ ऐसे महत्वपूर्ण विधेयक हैं, जिन्हें सरकार पारित कराना चाहेगी. इस शीत सत्र के दौरान मोदी सरकार लगभग 16 नये विधेयकों को सदन के पटल पर रख सकती है. प्रस्तुति, विचार तथा पारित करने के लिए प्रस्तावित विधेयकों में ट्रेड मार्क (संशोधन) विधेयक तथा दंत चिकित्सा विधेयक भी शामिल हैं. ट्रेड मार्क विधेयक में मैड्रिड पंजीकरण सिस्टम के आयामों को सम्मिलित करने, कारण बताओ नोटिस जारी करने और सुनवाई प्रक्रिया तथा ट्रेड मार्क कार्यालय द्वारा इलेक्ट्रॉनिक संचार व्यवस्था अपनाने से संबंधित प्रावधान हैं.

दंत चिकित्सा विधेयक पारित होने के बाद दंत चिकित्सक कानून, 1948 का स्थान लेगा तथा इसके प्रावधान के तहत एक राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग का गठन किया जायेगा. जो विधेयक पहले ही पेश किये जा चुके हैं, उन पर चर्चा होगी तथा उन्हें पारित कराने का प्रयास होगा. इसमें सामुद्रिक पाइरेसी निरोधक विधेयक, 2019 तथा नयी दिल्ली अंतरराष्ट्रीय आर्बिट्रेशन सेंटर (संशोधन) विधेयक, 2022 भी शामिल हैं.

संसद के दोनों सदनों में उन पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जायेगी, जिनकी मृत्यु पिछले सत्र के बाद हो गयी. समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की मृत्यु अक्तूबर के महीने में हो गयी. यदि मैनपुरी उपचुनाव में डिंपल यादव मामूली अंतर से जीतती हैं, तो 2024 में मोदी-योगी का डबल इंजन समाजवादी पार्टी को परास्त कर देगा. इस सत्र में यह आख्यान भी जोर पकड़ेगा कि विपक्ष बहुत कमजोर है. इससे अगले लोकसभा चुनाव में जीत को लेकर चिंतित भाजपा खेमे को राहत मिलेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें