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शिक्षा में एआइ को लेकर नीति जरूरी

शिक्षा में एआइ के इस्तेमाल के अल्पकालीन और दीर्घकालीन लाभ हैं. हालांकि, शिक्षक होने के नाते, हमें शिक्षा के असल उद्देश्य के बारे में अवश्य सोचना चाहिए.

आज तकनीक इतनी उन्नत हो चुकी है कि हम एक छोटे से डिवाइस में बहुत सारी किताबें जमा कर सकते हैं. इंटरनेट पर भी बहुत सारी जानकारियां हैं. लेकिन, यह उपयोगी तभी हैं जब हम सही चीजों को पढ़ें. इसलिए यह बहुत जरूरी है कि छात्र पढ़ने की अच्छी आदत अपनायें और उन्हें क्या पढ़ना है इस बारे में सोचें. असल शिक्षा तभी होती है जब छात्र अच्छे विद्यार्थी बन जाएं और आजीवन सीखते रहें. अच्छी शिक्षा वही होती है जिसमें सीखने की और इस ज्ञान तथा कौशल का इस्तेमाल अपने जीवन और करियर में आने वाली समस्याओं को दूर करने की ललक हो.

शिक्षा छात्रों को बेहतर अवसर देती है और समाज तथा अर्थव्यवस्था में उन्हें एवं उनके परिवारों की सहायता करती है. एक अच्छी शिक्षा व्यवस्था के लिए अच्छी तरह प्रशिक्षित और योग्य शिक्षकों का होना बहुत आवश्यक है. शिक्षकों को पढ़ाने के नये तरीकों को सीखते रहना चाहिए और शिक्षा में एआइ तकनीक के प्रयोग से सीखने की आवश्यकता और बढ़ जायेगी.

स्विट्जरलैंड के एक मनोविज्ञानी कार्ल गुस्ताव जंग ने कहा था कि जैसे एक ही साइज के जूते दूसरे व्यक्ति को फिट नहीं हो सकते, वैसे ही जीवन में भी हर किसी के लिए एक ही बात लागू नहीं हो सकती. यह बात शिक्षा पर भी लागू होती है. हमारी शिक्षा व्यवस्था लंबे समय से एक ढर्रे पर चली आ रही है. हम छात्रों को उनकी अलग क्षमताओं और आवश्यकताओं को समझे बिना पढ़ाते जा रहे हैं. ऐसे छात्रों की संख्या बढ़ती जा रही है जो उच्च-गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं. इसके साथ ही निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए व्यक्ति केंद्रित निर्देश दिये जाने की आवश्यकता है.

किसी कक्षा में बड़ी संख्या में छात्रों की संख्या को देखते हुए व्यक्ति केंद्रित शिक्षा देना एक चुनौती का काम लग सकता है. पर यदि शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाए, तो पढ़ाने और सिखाने के काम में बड़ा बदलाव आ सकता है. हम सबको एक ही खांचे में ढालने के रवैये से बाहर निकल सकेंगे और व्यक्ति केंद्रित शिक्षा की ओर बढ़ सकेंगे, जिसमें हर छात्र की जरूरतों और उसकी पसंद का ध्यान रखा जायेगा. छात्रों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ हमें ऐसे एआइ साधन बनाने चाहिए, जो उनकी सीखने की जरूरतों को पूरा कर सके. अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने की हमारी योजना में एआइ को शामिल किया जाना चाहिए.

कुछ लोगों को लगता है कि एआइ से क्या असल शिक्षक खत्म हो जायेंगे. इसकी कोई संभावना नहीं है. इंसानी शिक्षक बहुत जरूरी हैं और उन्हें किसी और चीज से नहीं बदला जा सकता. लेकिन, एआइ से सीखने की प्रक्रिया बेहतर और रोचक हो सकती है. एआइ शिक्षा में जांचने, व्यवस्था और संचालन के काम में उपयोगी हो सकता है. एआइ तीन तरह से छात्रों को एक बेहतर विद्यार्थी बना सकता है. पहला है- एआइ निर्देशित शिक्षा.

इसमें एआइ से चलने वाली मशीन के भीतर ठीक वैसी ही जानकारियां भरी जा सकती हैं जो किसी शिक्षक के पास होती हैं. उसके बाद यह मशीन एक शिक्षक की तरह छात्रों के साथ अपनी जानकारी साझा कर सकता है. एआइ निर्दिष्ट शिक्षण में, मशीन छात्र को पढ़ाई के किसी निश्चित लक्ष्य को पूरा करने के लिए, उसे पढ़ाई की एक विशिष्ट राह पर अग्रसर होने के लिए मार्गदर्शन उपलब्ध करवाती है. यह मशीन क्लास के उपरांत विद्यार्थियों को बतौर ट्यूटर भी मदद करती है. लेकिन, छात्र इस तरीके में मशीन से बस एकतरफा ज्ञान का अर्जन करता है, पर पढ़ाई में एआइ के इस्तेमाल के इससे भी अच्छे तरीके हैं.

पढ़ाई में एआइ के इस्तेमाल का दूसरा तरीका है- एआइ समर्थित शिक्षा. इस पद्धति में छात्र और एआइ मशीन के बीच सहयोग का संबंध होता है. छात्र के साथ वार्तालाप के दौरान मशीन डेटा का संग्रह करती चलती है. इस डेटा के सहारे मशीन छात्र की पढ़ाई में प्रगति के हिसाब से पढ़ाई की प्रक्रिया का संचालन करती है. लक्ष्य छात्र के सीखने पर रहता है, और एआइ मशीन व्यक्ति केंद्रित पढ़ाई के दौरान छात्र की क्षमता के हिसाब से कठिनाई का स्तर कम-ज्यादा करती रहती है. इसमें छात्र और मशीन मिलकर काम करते हैं.

एआइ शिक्षा की तीसरी पद्धति है- एआइ संचालित शिक्षा. ऐसी शिक्षा में कई लोग मिलकर काम करते हैं जिनमें शिक्षक और छात्र शामिल होते हैं. बहुत सारे विद्यार्थी मिलकर जटिल समस्याओं का समाधान निकालते हैं. शिक्षक इस क्रम में व्यावहारिक फीडबैक और सलाह देते हैं, जिससे सीखने का एक बेहतर वातावरण निर्मित होता है. इस पद्धति में सहयोग महत्वपूर्ण होता है और छात्रों में संवाद की प्रभावी क्षमता और रचनाशीलता जरूरी होती है.

एआइ निःसंदेह शिक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता रहेगा और छात्रों की व्यक्ति केंद्रित शिक्षा के लिए नये एआइ एप्लिकेशनों का तेजी से विकास किया जा रहा है. शिक्षा में एआइ के इस्तेमाल के अल्पकालीन और दीर्घकालीन लाभ हैं. हालांकि, शिक्षक होने के नाते, हमें शिक्षा के असल उद्देश्य के बारे में अवश्य सोचना चाहिए.

शिक्षा का उद्देश्य किसी मानव की सोचने, विश्लेषण करने और सोच-समझकर व्यवहार करने की क्षमता को बढ़ाना है. इन कौशलों का विकास होने के बाद ही छात्र अपने जीवन में सफल हो सकते हैं. इसी वजह से, हमें शिक्षा में एआइ के इस्तेमाल के नैतिक पहलू को लेकर भी सतर्क रहना चाहिए, और कक्षा में एआइ का इस्तेमाल शुरू करते समय किसी बात को हल्के में नहीं लेना चाहिए.

शिक्षा का मतलब केवल जानकारियां जुटाने और जल्दी से सवालों के जवाब देना भर नहीं है. एआइ मशीन इंसानी शिक्षकों को अपदस्थ नहीं करेगी, बल्कि उनके सहायक या ट्यूटर की तरह काम कर सकती है. एक चिंता यह भी जतायी जाती है कि एआइ मशीन छात्रों से जानकारियां कैसे जुटायेंगे और उसे सुरक्षित रखेंगे. अन्य क्षेत्रों में हमने देखा है कि कैसे डेटा के इस्तेमाल और निजता के मुद्दे की बहस ने अहम चर्चाओं का रूप लिया है.

एआइ मशीन विशेषज्ञों के बनाये मॉडल और डेटा पर आधारित होती हैं और उनके पक्षपात और नजरिये का एआइ मशीन पर प्रभाव पड़ सकता है, जो छात्रों की पढ़ाई प्रभावित कर सकती है. हमें इस बात को लेकर सतर्क रहना होगा कि शिक्षक बस मूकदर्शक ना बने रह जाएं और एआइ मशीन छात्रों का भविष्य बनाती चली जाए. एआइ के अवसरों का लाभ उठाने और चुनौतियों का सामना करने के लिए संस्थान और सरकारी स्तरों पर नीतियां बनाये जाने की जरूरत है. इससे शिक्षा में एआइ से जोखिम कम होगा, और फायदे ज्यादा होंगे.

(ये लेखक के निजी विचार हैं.)

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