Samantha Harvey : इस वर्ष का बुकर साहित्य पुरस्कार बेहद चर्चित ब्रिटिश लेखिका सामंथा हार्वे को उनके बेहद लोकप्रिय उपन्यास ‘आर्बिटल’ के लिए दिये जाने की घोषणा हुई है. सामंथा हार्वे अंग्रेजी के उन गिने-चुने उपन्यासकारों एवं लेखकों में शुमार होती हैं जिनकी लेखकीय प्रतिभा इस तरह से प्रकृतिवादी चीजों के चित्र खींचता है, जो जीवन के अनुभव तथा उसके खूबसूरत यथार्थ के दुख-सुख को परिभाषित करता हुआ लगता है. अपनी लेखन शैली की बदौलत सामंथा अन्य अंग्रेजी लेखकों से अलग खड़ी दिखाई देती हैं.
2024 में 5 महिला लेखिकाएं बुकर पुरस्कार के लिए उम्मीदवार थीं
उनका लिखा उपन्यास ‘आर्बिटल’, इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की उस यथार्थवादी कल्पना को चित्रित किया गया है जहां से धरती को देखने से कविता जैसी अनुभूति होती है. असल में यह धरती की सुंदरता को जिस पैनेपन से अतीत की रुमानियत के साथ दिखाता है, वह किसी और लेखक के हिस्से में नहीं आया है. यह भी उल्लेखनीय है कि इस वर्ष के बुकर पुरस्कार नामांकन में सबसे अधिक, पांच महिला लेखिका उम्मीदवार थीं और उनके बीच अलग रचनाकर्म एवं शैली के लिए सामंथा को इस पुरस्कार के लिए चुना गया.
सामंथा ने इस पुरस्कार की घोषणा के बाद कहा कि इसे उन्होंने कोविड-19 के समय लिखना शुरू किया था. यह कोविड-19 महामारी के उस दौर को बयां करता है जिसे लॉकडाउन के दिनों में पूरी दुनिया में लोगों ने बहुत नजदीक से देखा था. उन्होंने यह भी कहा कि ‘मेरा यह उपन्यास तथा यह पुरस्कार उन लोगों को समर्पित है जो पृथ्वी के पक्ष में बोलते हैं, उसके खिलाफ नहीं. पूरी दुनिया के मनुष्यों तथा अन्य जीवों के पक्ष में बोलने से ही दुनिया का बचाव है, उसके खिलाफ तो कुछ भी नहीं है.’
उपन्यास में पात्रों ने सुख-दुख के दायरे से बाहर देखने की कोशिश की
मैंने सामंथा के इस उपन्यास को पढ़ते हुए पाया कि इसके पात्रों ने अनहोनी को होनी तथा धरती को दुख-सुख के दायरे से बाहर देखने की चेष्टा की है. इस उपन्यास को पढ़ते हुए यह भी लगा कि अंतरिक्ष से धरती को देखना तथा उसकी खूबसूरती में खो जाना दरअसल उस छोटे बच्चे की तरह है जिसने पहली बार दुनिया को देखा है. असल में, जलवायु परिवर्तन की संभावनाओं के साथ हम पृथ्वी को कैसे देख सकते हैं, यह उसकी पीड़ा को भी बयां करने का एक खूबसूरत प्रयास है.
2024 Booker Prizeसामंथा हार्वे का जन्म 1975 में केंट, ब्रिटेन में हुआ. उन्होने अपने जीवन का पहला दशक केंट में अपने पिता के पास बिताया. उनके पिता से तलाक के बाद उनकी मां आयरलैंड चली गयीं और सामंथा ने अपने किशोरावस्था के वर्ष यॉर्क, शेफील्ड और जापान में घूमते हुए बिताये. और यहीं उनके अंदर जिंदगी को देखने की उस रुमानी ताकत ने जन्म लिया, जिसने उन्हें लेखन की एक अनूठी शैली दी. जिसने बाद में उन्हें अंग्रेजी साहित्य का श्रेष्ठ उपन्यासकार बना दिया. सामंथा ने यॉर्क विश्वविद्यालय और शेफील्ड विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र का अध्ययन भी किया. उन्होंने 2005 में बाथ स्पा यूनिवर्सिटी से क्रिएटिव राइटिंग में एमए किया और फिर रचनात्मक लेखन में पीएचडी भी की.
अल्जाइमर रोगियों पर था पहला उपन्यास द वाइल्डरनेस
उनका पहला उपन्यास, ‘द वाइल्डरनेस (2009)’, अल्जाइमर रोग से पीड़ित एक व्यक्ति के दृष्टिकोण से लिखा गया है, जिसमें तेजी से खंडित गद्य के माध्यम से रोग के उजागर होने वाले प्रभाव का वर्णन है. उनका दूसरा उपन्यास, ‘ऑल इज सॉन्ग (2012)’, नैतिक और संतानोचित कर्तव्य और सवाल करने तथा अनुरूप होने के बीच के विकल्प के बारे में है. लेखिका ने इस उपन्यास को सुकरात के जीवन की एक ढीली, आधुनिक दिन की पुनर्कल्पना के रूप में वर्णित किया है. उनका तीसरा उपन्यास ‘डियर थीफ’, एक महिला द्वारा अपने अनुपस्थित दोस्त को लिखा गया एक लंबा पत्र है, जिसमें प्रेम त्रिकोण के भावनात्मक नतीजों का विवरण दिया गया है. कहा जाता है कि यह उपन्यास लियोनार्ड कोहेन के गीत ‘फेमस ब्लू रेनकोट’ पर आधारित है. उनका चौथा उपन्यास ‘द वेस्टर्न विंड’, पंद्रहवीं शताब्दी के समरसेट के एक पुजारी के बारे में है. ‘द शेपलेस अनीस’, उनकी एकमात्र गैर-काल्पनिक रचना है, जो गंभीर अनिद्रा के उनके अनुभव का विवरण है.
सामंथा ने रेडियो तथा टीवी शोज के लिए भी जो कुछ रचा है या कहा है, वह भी मंत्रमुग्ध करने वाली शैली में बयां किया गया है. सामंथा ‘द गार्डियन’ और ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ के लिए समीक्षा लिखती हैं. वे ‘द न्यू यॉर्कर’, ‘द टेलीग्राफ’, ‘द गार्डियन’ और ‘टाइम’ में निबंध और लेखों का योगदान दे चुकी हैं. रेडियो 4 के फ्रंट रो, ओपन बुक, ए गुड रीड और स्टार्ट द वीक और रेडियो 3 के फ्री थिंकिंग में उनकी रेडियो प्रस्तुतियां शामिल हैं. उन्हें अनेक पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है, जिनमें मैन बुकर पुरस्कार, बेलीज महिला पुरस्कार फॉर फिक्शन, जेम्स टैट ब्लैक मेमोरियल पुरस्कार, वाल्टर स्कॉट पुरस्कार और ऑरेंज पुरस्कार शामिल हैं.
(ये लेखक के निजी विचार हैं.)