FIH Hockey World Cup 2023: 1975 के चैंपियन भारत के हॉकी विश्व कप में 48 बरस बाद फिर पदक जीतने के सपने के टूटने पर चीफ कोच ग्राहम रीड की रणनीति पर सवाल उठ रहे हैं. भारत ने रीड की बेवजह के प्रयोगों और जिद की कीमत न्यूजीलैंड के खिलाफ रविवार को क्रॉसओवर में 3-1 की बढ़त ले जीत के दरवाजे पर दस्तक के बाद सडनडेथ में हार के साथ चुकाई. टोक्यो ओलिंपिक में भारत को कांसा दिलाने में भूमिका निभानेवाले सिमरनजीत सिंह(3), गुरजंत सिंह (3) और दिलप्रीत सिंह (2) जैसे अनुभवी धुरंधर स्ट्राइकरों को रीड द्वारा नजरअंदाज करना महंगा पड़ा.
राज कुमार पाल को यहां ड्रैग फ्लिकर जुगराज सिंह के साथ विश्व कप के लिए शुरू में भारत के 18 खिलाडियों में न चुन कर दो वैकल्पिक खिलाडियों रखा गया था. हार्दिक की चोट के बाद राज कुमार टीम में लौटे. न्यूजीलैंड के खिलाफ क्रॉसओवर में शूटआउट और सडनडेथ में एक-एक गोल कर साबित किया कि वह शुरू से ही भारत के 18 खिलाड़ियों में जगह पाने के हकदार थे. विश्व कप में ललित उपाध्याय, गुरजंट सिंह, दिलप्रीत सिंह, नीलकांत शर्मा, विवेक सागर प्रसाद जूझते दिखे. भारत ने तीन पूल मैच और एक क्रॉसओवर सहित कुल चार मैचों में नौ गोल किये और पांच गोल खाये. 26 पेनाल्टी कॉर्नर में से सिर्फ पांच को गोल बदला. प्रो-लीग में सबसे ज्यादा गोल करने वाले कप्तान ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह की शैली में ड्रैग फ्लिक कोच नीदरलैंड के ब्रेम लोमंस ने बदलाव किया, जो कारगर नहीं रहा. उंचे फ्लिक से गोल करने का दांव उलटा पड़ा.
क्रॉस ओवर जैसे मुकाबले अक्सर शूटआउट में खिंच जाते हैं. इसको लेकर भारत के पास स्पष्ट रणनीति की कमी दिखी. 23 मीटर से आठ सेकेंड के भीतर कौन गोल करेगा, इसको लेकर योजना में कमी दिखी. भारत के पास अनुभवी आकाशदीप, ललित, मनदीप सिंह, मनप्रीत न्यूजीलैंड के खिलाफ शूटआउट में सबसे बेहतर विकल्प थे, इन तीनों को नजरअंदाज कर शमशेर, अभिषेक, सुखजीत, हरमनप्रीत, राज कुमार को चुनना बड़ी गलती थी.
लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार है..