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IRCTC/Indian Railway : पलामू में छह हिरणों की ट्रेन से कटकर मौत मामले में हुई कार्रवाई, रेलवे स्टेशन मास्टर समेत पांच के खिलाफ एफआईआर

IRCTC/Indian Railway : बेतला (संतोष) : झारखंड का एक मात्र बाघों के लिए संरक्षित पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया अंतर्गत गढ़वा रोड- बरकाकाना रेलखंड पर बेतला नेशनल पार्क से सटे केचकी रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी की चपेट में आने से दो नवजात समेत छह हिरणों की मौत मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. पीटीआर प्रबंधन द्वारा मालगाड़ी रेल चालक एसके मेहता व केचकी रेलवे स्टेशन मास्टर प्रमोद कुमार समेत पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

IRCTC/Indian Railway : बेतला (संतोष) : झारखंड का एक मात्र बाघों के लिए संरक्षित पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया अंतर्गत गढ़वा रोड- बरकाकाना रेलखंड पर बेतला नेशनल पार्क से सटे केचकी रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी की चपेट में आने से दो नवजात समेत छह हिरणों की मौत मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. पीटीआर प्रबंधन द्वारा मालगाड़ी रेल चालक एसके मेहता व केचकी रेलवे स्टेशन मास्टर प्रमोद कुमार समेत पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

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बेतला नेशनल पार्क क्षेत्र के वनपाल उमेश दुबे के द्वारा वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत दर्ज कराये गये इस मामले में आरोप लगाया गया है कि रेल चालक द्वारा पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र के वन प्रक्षेत्र में ट्रेन को तेज गति से चलाया गया. हिरण को रेलवे ट्रैक पर देखे जाने के बावजूद हॉर्न नहीं बजाया गया. इतना ही नहीं, घटना होने के बाद भी ट्रेन का परिचालन नहीं रोका गया. अप और डाउन से करीब 10 ट्रेनें हिरणों के क्षत-विक्षत शव पर दौड़ती रहीं, लेकिन स्टेशन से करीब 200 मीटर की दूरी पर इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद स्टेशन मास्टर के द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया.ना ही इसकी सूचना वन विभाग को दी गयी और ना ही ट्रेनों के परिचालन पर रोक लगाया गया.

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वन विभाग के द्वारा यह भी आरोप लगाया गया है कि जब रेलवे से ट्रेन को परिचालन रोके जाने की मांग की गयी, तब भी उनकी मांग को अनसुना किया गया और लगातार ट्रेनों का परिचालन होता रहा. वन विभाग के कर्मी के द्वारा लाल कपड़ा बांधकर ट्रेन को रोका गया और किसी तरह से जान जोखिम में डालकर जांच की प्रक्रिया को पूरा किया गया. आपको बता दें कि 31 अगस्त की सुबह करीब 5:30 बजे जब हिरणों का झुंड रेलवे ट्रैक पर था, इसी बीच झुंड में शामिल सभी हिरण ट्रेन की चपेट में आ गये थे.

ये घटना इतनी दर्दनाक थी कि एक गर्भवती हिरण के पेट से नवजात बाहर आ गया था. तीन हिरण करीब 50 फीट तक घिसटते चले गये थे. इस कारण हिरण के जगह-जगह पर मांस के टुकड़े ट्रैक पर बिखर गये थे. विभागीय प्रक्रिया पूरी करने के बाद रेलवे ट्रैक पर जहां-तहां बिखरे सभी हिरणों के शवों को इकट्ठा कर पोस्टमार्टम किया गया. एक मादा हिरण के पेट एक और नवजात को बाहर निकाला गया. मृत हिरणों में दो नवजात, एक नर व तीन मादा हिरण थे. इनमें दो मादा हिरण गर्भवती थी.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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