बेतला, संतोष कुमार. पलामू प्रमंडल के बेतला नेशनल पार्क मोड़ पर दुबियाखाड़ में लगने वाला महत्वपूर्ण आदिवासी विकास महाकुंभ मेला 32 वर्षों के बाद राजकीय मेला के रूप में घोषित किया गया है. राजकीय मेला घोषित होने के बाद पहली बार यह मेला राजकीय मेला के रूप में जाना जाएगा. 11 और 12 फरवरी को हर वर्ष यहां मेला लगता है. मेला को भव्य रूप देने के लिए एक ओर मेला राजा मेदिनी स्मृति न्यास ट्रस्ट सह मेला समिति सक्रिय है तो दूसरी ओर पलामू जिला प्रशासन भी तैयारी में जुटा है.
इंदर सिंह नामधारी के प्रयास से शुरू हुआ था मेला
1991 में एकीकृत बिहार में तत्कालीन राजस्व एवं परिवहन मंत्री इंदर सिंह नामधारी व देवलाल सिंह चेरो के प्रयास से इस आदिवासी विकास महाकुंभ मेले का आयोजन शुरू किया गया था. इस मेले में एकीकृत बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के अलावा झारखंड के मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा सहित कई मंत्री मेले में शामिल हो चुके हैं.
पलामू प्रमंडल के कोने-कोने से पहुंचते हैं लोग
आदिवासी विकास महाकुंभ मेला पलामू प्रमंडल में काफी चर्चित है. प्रत्येक वर्ष 11 और 12 फरवरी को आयोजित होने वाले इस मेले को लेकर लोगों को इंतजार रहता है. बड़ी संख्या में लोग इस मेले में पहुंचते हैं. प्रशासन के द्वारा करोड़ों रुपये की परिसंपत्ति का वितरण भी किया जाता है. अब राजकीय मेला घोषित हो जाने के बाद इस मेले का पलामू प्रमंडल के लिए महत्व और बढ़ गया है. पिछले वर्ष मेला के दौरान मंत्री मिथिलेश ठाकुर व विधायक रामचंद्र सिंह के द्वारा इस मेले को राजकीय मेला के रूप में दर्जा दिलाने का आश्वासन दिया गया था.
मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों को दिया गया है आमंत्रण
मेला समिति के लोगों ने बताया कि इस बार यह राजकीय मेला घोषित हो चुका है. इसलिए मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों को इस मेला में आमंत्रित किया गया है. मेला समिति के अध्यक्ष सह पूर्व जिला परिषद सदस्य अर्जुन सिंह, सचिव उमेश सिंह, सुरेंद्र सिंह, त्रिपुरारी सिंह, ठकुराई सिंह, भरदुल सिंह, अजय कुमार सिंह, शीतल सिंह, ह्रदयानंद सिंह, अजीत सिंह, सुनील उरांव, बिगन उरांव सहित कई लोग मेले के आयोजन को लेकर जुटे हुए हैं.