पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी (पीपीयू) को बख्तियारपुर जाना दूसरा मगध यूनिवर्सिटी तैयार करने के बराबर है. सरकार ने मगध यूनिवर्सिटी से मुक्ति दिलाने के लिए ही वर्ष 2018 में पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी की स्थापना की थी, ताकि राजधानी में ही छात्रों को सभी सुविधाएं मिल सकें. लेकिन, एक साजिश के तहत अब इसे बख्तियारपुर ले जाने की कवायद की जा रही है. इससे पुरानी समस्याएं दोबारा उत्पन्न होने लगेंगी. सिंडिकेट सदस्य डॉ नरेंद्र कुमार सिंह, सीनेट सदस्य आलोक तिवारी, अजय यादव, राधे श्याम, गिरिजेश नंदन, संजय गुप्ता ने बुधवार को पीपीयू के सीनेट की बैठक में कुलपति प्रो आरके सिंह के समक्ष विरोध प्रस्ताव लाया. जिसे सभी सदस्यों ने एक स्वर से समर्थन किया. इसके बाद प्रस्ताव पारित किया कि पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी पटना में ही होना चाहिए.
बख्तियारपुर जाने के विरोध में सरकार को सीनेट की ओर से कुलपति को पत्राचार करने का आग्रह किया. इससे पूर्व सीनेट का संचालन करते हुए कुलसचिव डाॅ जितेंद्र कुमार ने पीपीयू के पूर्व में हुए सीनेट की स्वीकृति व अब तक के कार्रवाई से अवगत कराया. अब तक हुए सिंडिकेट, एकेडमिक काउंसिल, वित्त समिति के प्रस्ताव को रखा. साथ ही नये सत्र के लिए छह सौ 31 करोड़ 79 लाख 31 हजार नौ सौ 49 रुपये का बजट पटल पर रखा. इसमें विमर्श के बाद सदस्यों ने ध्वनिमत से सभी प्रस्ताव को पारित कर दिया. पीपीयू को विभिन्न मदों में 49 करोड़ की आय है, जबकि पांच सौ 82 करोड़ 60 लाख 28 हजार 196 रुपये का घाटे का बजट पारित किया गया. इससे पूर्व सदस्यों ने सत्र नियमित करने व दीक्षांत कराने के लिए कुलपति प्रो आरके सिंह को बधाई दी.
अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो आरके सिंह ने सदन को बताया कि विवि के स्नातक सत्र नियमित हो चुके हैं. पीजी सत्र अप्रैल तक नियमित हो जायेगा. अब 23 कॉलेजों में पीजी की पढ़ाई शुरू करायी गयी है. दीक्षांत कराकर दो बैच को डिग्री दी गयी. छात्रों की डिग्री उनके काॅलेज में ही पहुंचवा दी गयी है. अब तक लगभग 200 अतिथि प्राध्यापक नियुक्त हुए हैं. खाली पदों पर दोबारा नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी.
शोध की गुणवत्ता के लिए छह महीने पर समीक्षा के लिए कमेटी का गठन, ऑनलाइन ग्रिवांस सेल से समस्या का निदान, पुस्तकालय, इ-लाइब्रेरी, इनफिलबनेट, डिजिलाॅकर, इंटरडिसिप्लिनरी अध्ययन एवं शोध के लिए कई संस्थानों से एमओयू किया गया है. खेल में कई राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल भी विवि को मिले हैं. एक अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस हो चुका है, दूसरा मार्च में निर्धारित है. उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. रेखा कुमारी ने कहा कि विवि से आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 31 अगस्त से पहले ही बजट सीनेट से पारित करा कर सरकार को भेजने का आग्रह किया.
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बार काउंसिल के अध्यक्ष रामाकांत शर्मा ने विवि से कानून की पढाई कराने के लिए अधिक कालेजों को मान्यता देने की अपील की. कहा कि अब बार काउंसिल गेस्ट शिक्षक व एडहाॅक शिक्षक को भी मान्यता दे रही हैं, ऐसे में अब पटना के कॉलेजों में पढ़ाने के लिए आसानी से शिक्षक मिल जायेंगे. खेल प्रतिनिधि अन्नया आनंद ने अंतर कॉलेज खेल प्रतियोगिता को संसाधन वाले कॉलेज में ही आयोजित करने, खिलाड़ियों को सम्मानित करने, विवि की वेबसाइट को दुरूस्त करने की मांग रखी. सीनेट सदस्य आलोक तिवारी ने सत्र नियमित करने, खेल मद की राशि बढ़ाने आदि की मांग रखी. सदस्य मुन्ना सिद्दकी, अजय यादव आदि ने बीएड शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि का मामला उठाया. साथ ही व्यावसायिक पाठ्यक्रम के शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि की मांग रखी.
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