22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चारा घोटाला उजागर कर अमित खरे ने बिहार की सियासत में ला दिया था भूचाल, इस्तीफा देकर लालू को जाना पड़ा था जेल

चाइबासा के उपायुक्त के रूप में अमित खरे ने पशुपालन विभाग में वित्तीय अनियमितता का मामला पकड़ा था और एक बड़े घोटाले की आशंका व्यक्त की थी. इस समाचार को सबसे पहले प्रभात खबर ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

पटना. भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अमित खरे ने बिहार के सबसे बड़े घोटाले का खुलासा कर देश की सियासत में तूफान ला दिया था. चाइबासा के उपायुक्त के रूप में अमित खरे ने पशुपालन विभाग में वित्तीय अनियमितता का मामला पकड़ा था और एक बड़े घोटाले की आशंका व्यक्त की थी. इस समाचार को सबसे पहले प्रभात खबर ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

1985 बैच के अमित खरे चाइबासा के अलावा पटना, दरभंगा के जिलाधिकारी रहे और उन्होंने बिहार में मेडिकल और इंजीनियरिंग की परीक्षा कंबाइंड करा कर मेधा घोटाला को रोका था. 1993-94 में उन्होंने पश्चिम सिंहभूम जिले के तत्कालीन उपायुक्त रहते हुए चाईबासा कोषागार से 34 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध निकासी को उजागर किया था और इसकी प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था.

जब इस मामले की जांच शुरू हुई तो पशुओं के चारा मद में 950 करोड़ का घोटाला उजागर हुआ. सरकारी खजाने की इस चोरी में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र और अन्य ताकतवर लोगों पर आरोप पत्र दाखिल हुआ. इस घोटाले के कारण लालू प्रसाद को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और जेल की सजा हुई.

इस पूरे प्रकरण में अमित खरे की भूमिका बेहद अहम रही. इस वजह से उन्हें कुछ दिनों तक तत्कालीन शासन का कोपभाजन भी बनना पड़ा था, लेकिन वे अपने कर्तव्य पथ पर अडिग रहे. उनकी पत्नी निधि खरे फिलहाल केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में अपर सचिव के पद पर तैनात हैं.

Posted by Ashish Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें