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अब बिहार में लालटेन की आवश्यकता नहीं : नीतीश कुमार

पटना : जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को बिहार विधानसभा का चुनावी बिगुल फूंकते हुए कहा कि उन्होंने जनता की सेवा न्याय के साथ विकास और सामाजिक सुधार के लिए किया है. उन्होंने बताया कि बिहार में अब लालटेन की कोई आवश्यकता नहीं है. राज्य के हर घर में बिजली पहुंच चुकी है. उन्होंने बताया कि सामाजिक क्षेत्र में महिलाओं को पंचायती राज संस्थाओं में 50 प्रतिशत और सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत सीटों को आरक्षित किया. जनता फिर से सेवा का मौका देगी तो वह हर खेत में सिंचाई के लिए पानी और कई गांवों को जोड़ते हुए वैसी सड़कों का निर्माण करायेंगे जो किसी न किसी राष्ट्रीय राजपथ या राज्य पथ से जुड़ जाये. इसका सर्वे का काम प्रारंभ हो गया है.

पटना : जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को बिहार विधानसभा का चुनावी बिगुल फूंकते हुए कहा कि उन्होंने जनता की सेवा न्याय के साथ विकास और सामाजिक सुधार के लिए किया है. उन्होंने बताया कि बिहार में अब लालटेन की कोई आवश्यकता नहीं है. राज्य के हर घर में बिजली पहुंच चुकी है. उन्होंने बताया कि सामाजिक क्षेत्र में महिलाओं को पंचायती राज संस्थाओं में 50 प्रतिशत और सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत सीटों को आरक्षित किया. जनता फिर से सेवा का मौका देगी तो वह हर खेत में सिंचाई के लिए पानी और कई गांवों को जोड़ते हुए वैसी सड़कों का निर्माण करायेंगे जो किसी न किसी राष्ट्रीय राजपथ या राज्य पथ से जुड़ जाये. इसका सर्वे का काम प्रारंभ हो गया है.

मुख्यमंत्री ने पार्टी नेताओं से अपील की कि वह युवा पीढ़ी को यह बतावें कि उनके 15 सालों के दौरान किन-किन क्षेत्रों में काम किया गया. यह भी बताने की जरूरत है कि पूर्व के लालू-राबड़ी काल में क्या हुआ था. मुख्यमंत्री सोमवार को पार्टी कार्यालय स्थित कर्पूरी सभागार से निश्चय संवाद को संबोधित कर रहे थे.

अपने करीब तीन घंटे के चुनावी रैली के संबोधन में अपने 15 वर्षों के कार्यकाल की लालू-राबड़ी काल से तुलनात्मक रिपोर्ट पेश की. उन्होंने राजद का नाम लिये बगैर गांधी जी के सात सामाजिक पापों से तुलना कर डाली. इसमें कहा सिद्धांत के बिना राजनीति की व्याख्या करते हुए कहा कि सिद्धांत का मतलब धन कमाना नहीं है. काम के बिना अर्जित धन का सिद्धांत को लेकर तेजस्वी का नाम लिये बगैर कहा कि धन को लेकर उन्होंने कहा कि इसका ब्योरा जनता के बीच दे दीजिए. जब उन्होंने इसको एक्सप्लेन नहीं किया जो वह राजद से अलग हो गये.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जेल से एक बयान आया है जिसमें कहा गया है कि वह बिहार पर भार हैं. अरे भाई हम काम कर रहे हैं इसलिए भार हैं. आप (लालू प्रसाद) अंदर हैं तो लोगों को मुक्ति मिली हुई है. जनता मालिक है कि वह किसको जिम्मेदारी सौंपती है.

कोरोना काल में किया काम

मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना महामारी में जांच को तेज गति दी गयी जो अब डेढ़ लाख प्रति दिन के हिसाब से हो रहा है. इलाज की पर्याप्त व्यवस्था की गयी है. आरंभ में बिहार से बाहर रहनेवाले 20 लाख 95 हजार लोगों को एक-एक हजार की सहायता पहुंचायी गयी. बिहार लौटे 15 लाख से अधिक लोगों को 14 दिनों तक क्वारेंटिन में रखा गया जिस पर प्रति व्यक्ति पांच हजार से अधिक खर्च आया. 23 लाख 32 हजार वंचित परिवारों को राशन कार्ड दिया गया. लॉक डाउन के दौरान 14 करोड़ 71 लाख मानव दिवसों का सृजन किया गया.

राहत पहुंचाया तो क्विंटलिया बाबा नाम पड़ा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि सत्ता में आने के बाद आपदा प्रबंधन के लिए 2006 में एसओपी बना दिया. वर्ष 2007 में बाढ़ के कारण 23 जिला प्रभावित हुए. उस दौरान हर परिवार को एक-एक क्विंटल अनाज का वितरण किया गया. मिथिला क्षेत्र में घूमने के दौरान राहत पानेवाले लोग उनको क्विटलिया बाबा कहने लगे.

पति-पत्नी की राज से की तुलना

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने अपने कार्यकाल की तुलना पति-पत्नी (लालू-राबड़ी) काल से की. बताया कि अपराध के मामले में बिहार का स्थान 23 वें, महिला अपराध में 29 वें, दुष्कर्म में 33 वें और हत्या के मामले में 11 वें स्थान पर है. राज्य में होनेवाली 60 फीसदी हत्याएं भूमि व संपत्ति विवाद के कारण होती है. अब सरकार ने भूमि विवाद और संपत्ति बंटवारे का रास्ता साफ कर दिया है. भागलपुर दंगा को याद करते हुए कहा कि सत्ता में आने के बाद इसकी दोबारा जांच कराकर पीड़ित परिवारों को मुआवजा और आश्रितों के पेंशन की व्यवस्था की.

लालू-राबड़ी राज में पथों का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय 835 किलोमीटर ग्रामीण सड़क थी अब राज्य में 96500 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें निर्मित हो गयी है. पति-पत्नी के राज में 700 मेगावाट बिजली की खपत थी. अब 25 अक्तूबर 2018 को हर घर बिजली पहुंचा दिया गया. उन्होंने कहा कि नयी पीढ़ी के लोगों को यह बताने की जरूरत है कि 1990-2005 तक राज्य में सिर्फ 95734 लोगों को नौकरी दी गयी जिसमें बिहार के साथ 10 साल तक झारखंड में शामिल था. 2005-अब तक राज्य में छह लाख आठ हजार 893 लोगों को नौकरी दी गयी.

सामाजिक क्षेत्र में काम

न्याय के साथ विकास को आधार बनाकर पंचायती राज संस्थाओं में एससी, एसटी, अति पिछडे के साथ महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया. विश्वबैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहों के काम को आगे बढ़ाया गया. अब इससे एक करोड़ 20 लाख महिलाएं जुड़ गयी है. इसके अलावा मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत जन्म लेने से लेकर स्नातक की डिग्री पाने तक कुल 54100 की सहायता प्रति लड़की को सरकार दे रही है.

मुख्यमंत्री परिवहन योजना के तहत हर पंचायत में अनुसूचित जाति, जनजाति व अति पिछड़ा वर्ग के युवाओं के पांच वाहन खरीदने पर सब्सिडी का प्रावधान किया गया है. अब हर पंचायत में सात लोगों को वाहन खरीदने पर सब्सिडी दिया जायेगा. एससी, एसटी के साथ अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों को बीपीएससी व यूपीएस पीटी पास करने पर तैयारी के लिए 50 हजार और एक लाख का प्रावधान किया गया. न्यायिक सेवा में अति पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का प्रावधान किया गया. पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति से अति पिछड़े वर्ग के छात्रों को जोड़ा गया. माध्यमिक विद्यालयों में उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति की गयी. वक्फ की संपत्तियों का विकास किया जा रहा है. हर जिला में अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय की स्थापना की जा रही है.

राज्य के मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना का लाभ राज्य के 22 लाख लोगों को दिया जा रहा है. राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू की गयी. पर्यावरण, बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ दुनिया में सबसे बड़ी मानव शृंखला तैयार की गयी. स्वास्थ्य के सभी मानकों में सुधार हुआ. राज्य में नालंदा अंतरराष्ट्रीय विवि, बीआइटी मेसरा, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, चद्रगुप्त प्रबंध संस्थान, भागलपुर में ट्रिपल आइआइटी, पटना में आइआइटी, एनआइटी, निफ्ट, पूर्णिया, मुंगेर व पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पावापुरी, बेतिया व मधेपुरा में मेडिकल कॉलेज, सबौर कृषि वि‌वि, नूरसराय में उद्यान विवि सहित अन्य विश्व विद्यालयों की स्थापना की गयी.

दारोगा प्रसाद व रामलखन बाबू के परिवार के साथ कैसा व्यवहार हुआ

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल की राजनीतिक घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि चंद्रिका राय, जयवर्द्धन यादव, फराज फातमी जैसे राजद छोड़कर जदयू में शामिल होनेवाले नेताओं का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय और रामलखन सिंह यादव के परिवार ने कितनी (लालू प्रसाद की) मदद की. अब उनके परिवार के लोगों के साथ कैसा व्यवहार किया गया. ऐश्वर्या (तेजप्रताप की पत्नी) का नाम लेते हुए कहा कि उसके साथ क्या व्यावहार किया गया. कितनी पढ़ी लिखी है वह. वह स्व दारोगा प्रसाद की पौत्री है. लालू का नाम लिये बगैर कहा कि बड़े परिवार को छोड़कर लोग खुद अपना परिवारवाद चला रहे हैं.

प्रणव मुखर्जी, सुशांत सिंह राजपूत, कोरोना के मृतकों के प्रति जताया शोक

मुख्यमंत्री ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, फिल्म स्टार सुशांत सिंह राजपूत, कोरोना के कारण मरनेवाले और पार्टी नेताओं की हुई मौत पर शोक व्यक्त किया. इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय झा सहित पार्टी के अन्य नेता मौजूद थे.

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