बिहार के बीएड अभ्यर्थियों की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई हुई. शिक्षक भर्ती परिणाम पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को शीर्ष अदालत ने स्वीकार कर लिया. इस मामले की सुनवाई 31 अकतूबर (मंगलवार) को होगी और मुख्य न्यायाधीश की पीठ मामले की सुनवाई करेगी. बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ की ओर से बीएड अभ्यर्थियों ने शिकक नियुक्ति के परिणाम पर रोक लगाने वाली याचिका दाखिल की है. याचिका मे कहा गया है कि बिहार लोक सेवा आयोग ने सुप्रीम कोर्ट मे याचिका लंबित होने के बाद भी परिणाम जारी कर बीएड डिग्री धारकों के साथ अन्याय किया है. सुनवाई लंबित होने के बाद भी बिहार लोक सेवा आयोग ने प्राथमिक शिकको की नियुक्ति का परिणाम जारी कर दिया.
गौरतलब है कि बिहार मे 1.70 लाख से अधिक शिक्षकों की बहाली की अधिसूचना जारी की गयी, लेकिन राजस्थान के मामले मे प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति मे बीएड डिग्री धारको की बजाय डीएलएड धारको को नियुक्त करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया. इस फैसले को देखते हुए बिहार प्राथमिक शिक्षक बहाली मे बीएड डिग्री धारकों को बाहर कर दिया गया. इसे लेकर बिहार सरकार ने पटना हाइकोर्ट मे याचिका दाखिल की, लेकिन हाइकोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बिहार मे भी लागू करना होगा.
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हाइकोर्ट के फैसले को बिहार सरकार और बीएड अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दी. पिछली सुनवाई के दौरान बिहार सरकार ने याचिका वापस लेकर नयी याचिका दाखिल करने की बात कही. सुप्रीम कोर्ट मे बीएड योग्ताधारी अभ्यर्थियों के तरफ से दायर रिट याचिका के मुख्य याचिकर्ता सह बिहार प्रारंभिक युवा शिकक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव व मीकू पाल ने बताया कि मंगलवार को याचिका पर अगली सुनवाई प्रस्तावित है