Bihar Election 2020 पटना: एनडीए में भाजपा और जदयू के बीच सीटों के अंतिम स्तर पर तालमेल को लेकर भाजपा के आला नेताओं की दिन भर कसरत चलती रही. पहली बैठक उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के आवास में हुई. इसके बाद भाजपा प्रदेश कार्यालय में शाम करीब छह बजे से चुनाव समिति की बैठक हुई, जो करीब तीन घंटे तक चली. इस दौरान संभावित और प्रबल दावेदारी वाली सीटों के अलावा प्रत्येक सीट पर संभावित उम्मीदवारों के नामों पर गहन चर्चा हुई. इनके नामों को चुनाव समिति के सामने पढ़कर सुनाया गया और इसमें जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया पूरी करते हुए अंतिम सूची तैयार की गयी है.
इस मैराथन बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि एनडीए में ऑल इज वेल है. एनडीए के सभी घटक दल मिलकर चुनाव लडेंगे. कहीं कोई समस्या नहीं है. सब तय हो गया है. इसमें किसी तरह की आपसी खींचतान नहीं है. सभी उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की गयी है. इसे केंद्रीय पार्लियामेंट्री बोर्ड को भेज दिया जायेगा. वहीं से इसकी घोषणा होगी.
इससे पहले उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के सरकारी आवास पर दोपहर करीब साढ़े 12 बजे से सीटों के मंथन को लेकर विशेष बैठक शुरू हुई, जो शाम करीब पांच बजे तक चली. इसमें बिहार चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस, बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव, संगठन महामंत्री सौदान सिंह, प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल, संगठन महामंत्री नागेंद्र, शिवनारायण, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय समेत अन्य प्रमुख नेता मौजूद थे. दोपहर का भोजन भी उपमुख्यमंत्री के आवास पर ही हुआ.
इसी दौरान संभावित प्रत्याशियों खासकर पहले चरण के प्रत्याशियों को लेकर भी अंतिम चरण की बात हुई. विशेष बैठक में भाजपा ने विधानसभा की सभी 243 सीटों को ए,बी,सी और डी कैटेगरी में चिह्नित किया. इसी बीच भाजपा के आला नेताओं की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर भी मुलाकात करने को लेकर कयास लगते रहे. पहले दोपहर बाद इनका जाना तय था, लेकिन बाद में यह टल गया.
सीटों को लेकर भाजपा ने मैराथन मंथन के दौरान प्रत्येक सीट की सभी पहलुओं पर समीक्षा की. इस दौरान 55-60 ऐसी सीटों का चयन किया गया, जिन्हें भाजपा ‘ए’ कैटेगरी की समझती है. यानी इन सीटों पर भाजपा अपनी जीत पक्की समझती है. करीब 50-55 सीटों को वह ‘बी’ कैटेगरी की मानती है. यानी इन पर थोड़ा प्रयास करने पर जीत हो सकती है. इसके अलावा 40-45 सीटें ‘सी’ कैटेगरी की हैं, जिन पर जीतने के लिए ज्यादा मेहतन करनी होगी. अन्य सीटें ‘डी’ कैटेगरी की हैं, जहां कई वजहों से जीत मुश्किल हैं.
भाजपा के स्तर से सीटों काे ए,बी,सी और डी कैटेगरी में चिह्नित करने के बाद इन्हें पहले जदयू और फिर लोजपा के साथ मिलकर बांटा जायेगा. भाजपा की कोशिश होगी कि वह अपनी ए और बी कैटेगरी की सभी या अधिकतर सीटों को हासिल करने के बाद ही सी और डी कैटेगरी की सीटों पर समझौता करेगी. इनमें भी ‘ए’ कैटेगरी की कोई सीट छोड़ने की कोशिश भाजपा की नहीं होगी. हालांकि, अगर किसी सीट को लेकर जदयू के साथ कोई पेच फंसता है, तो बीच का रास्ता निकाला जा सकता है. अब अपने स्तर पर सभी सीटों को तय करने के बाद वह जदयू के साथ बैठक करके इस पर अंतिम रूप से मुहर लगायेगी. दो-तीन अक्तूबर को एनडीए अपनी सीटों की घोषणा कर सकती है.
Posted By: Thakur Shaktilochan Shandilya