गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक छह और आठ लेन चौड़ा एक्सप्रेस-वे 2025 तक बनेगा. यह राज्य का पांचवां एक्सप्रेस-वे है. इस पर केंद्र सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है और डीपीआर बनाने की पक्रिया शुरू हो गयी है. इससे उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच बेहतर कनेक्टिविटी मिल सकेगी और राज्य के दस जिलों से होकर यह सड़क गुजरेगी, जिससे राज्य का आर्थिक विकास होगा. इस सड़क के तीन अलाइनमेट सामने आये है, जिनमे से एक पर निर्णय होगा.
प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे गोरखपुर से गोपालगंज जिले में प्रवेश कर सीवान, छपरा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया व किशनगंज होते हुए सिलीगुड़ी जायेगा. इस एक्सप्रेस-वे का पूरा हिस्सा ग्रीनफील्ड होगा. सूत्रों के अनुसार इसमे से तीन में से एक अलाइनमेट का पस्ताव एनएचएआइ ने भारतमाला परियोजना फेज-2 के तहत केद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजा है.
इसके अनुसार सड़क की लंबाई करीब 514 किमी और अनुमानित लागत करीब 27 हजार 709 करोड़ रुपये है. वही, दूसरे अलाइनमेट में लंबाई करीब 473 किमी और अनुमानित लागत करीब 25 हजार 50 करोड रपये है. तीसरे अलाइनमेट मे लंबाई करीब 515 किमी और अनुमानित लागत करीब 25 हजार 161 करोड़ रुपये है.
दिल्ली आना-जाना भी होगा आसान
सूत्रों के अनुसार गोरखपुर से सिलीगुड़ी के लिए फिलहाल फोरलेन एनएच-27 है, लेकिन इस पर गाड़ियों के आवागमन का दबाव अधिक होने से तेज रफ्तार से चलना संभव नहीं है. ऐसे में गोरखपुर से सिलीगुड़ी जाने में करीब 12-13 घंटे लग जाते है. वही, नया एक्सप्रेस-वे बनने से गोरखपुर से सिलीगुड़ी की दूरी करीब 600 किमी घट जायेगी.
वही, आवागमन के समय में भी करीब छह घंटे कमी आने की संभावना है. इस एक्सप्रेस-वे का गोरखपुर-आजमगढ़ लिंक एक्सपरेस-वे सहित अन्य सड़कों से भी जुड़ाव होगा. इस तरह सिलीगुड़ी से उतर प्रदेश के प्रमुख शहरों के साथ ही दिल्ली आना-जाना भी आसान होगा.
औरंगाबाद-जयनगर सड़क के लिए काम शुरू
गोरखपुर से सिलीगुड़ी के बीच प्रस्तावित यह सड़क बिहार का पांचवा एक्सप्रेस-वे होगा. पहले एक्सप्रेस-वे औरंगाबाद से जयनगर के बीच निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण हो चुका है और जल्द ही इसका टेंडर जारी होगा. वही, दूसरे एक्सप्रेस-वे रक्सौल से हल्दिया, तीसरा पटना से कोलकाता और चौथा एक्सप्रेस- वे बक्सर से भागलपुर के बीच प्रस्तावित है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha