बिहार में पिछले चार-पांच दिनों से हो रही लगातार बारिश के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. कैमूर में तो लोगों को निरंतर हो रही बारिश के कारण बाढ़ का दंश झेलना पड़ रहा है. भभुआ का एक दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ चुका है. बाढ़ से हालात इस तरह बदहाल हो गया है कि भभुआ के भगवानपुर स्थित सरकारी अस्पताल में एंबुलेंस पानी में तैरता नजर आया. अस्पताल में भर्ती लोग ट्यूब का नाव बनाकर अपने मरीजों को अस्पताल से बाहर निकालते दिखे. बताते चलें कि भगवानपुर प्रखंड का सरकारी अस्पताल और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय सुवरा नदी के तट पर है. बारिश के चलते आधी रात को नदी का जलस्तर बढ़ गया और पानी पूरे इलाके में फैल गया.
जो सूचना आ रही है उसके अनुसार गुरुवार को भारी बारिश के चलते सुवरा नदी का रात दो बजे के बाद जलस्तर बढ़ने लगा. लगातार जलस्तर बढ़ने के चलते इलाके में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया. बाढ़ का पानी सरकारी अस्पताल में मरीजों के बेड और स्कूल में छात्राओं के क्लास रूम तक पहुंच गया. जिसके चलते अस्पताल और स्कूल में अपराध अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी. हालांकि स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को भी दे दी. मामले की सूचना मिलने के बाद कैमूर के डीएम और एसपी दोनों मौके पर पहुंचे. पुलिस पानी में फंसे छात्राओं को कंधे पर बिठाकर बाहर निकाला. वहीं अस्पताल में फंसे मरीजों को ट्यूब के बनाए गए नाव पर चौकी रखकर बाहर निकाला गया है.
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बिहार के नवगछिया के घोघा में लगातार हो रही बारिश ने लोगों को बाढ़ का एहसास करा दिया है. लोग वर्षा के पानी से परेशान हैं. हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. गली, मोहल्ला, स्टेशन रोड में जल जमा होने से स्टेशन, पोस्ट आफिस, थाना जाने में लोगों को परेशानी हो रही है. कई गांवों में पानी इतना ज्यादा जमा हो गया है कि लोग घर के बाहर सड़कों पर रहने को विवश हैं. हर जगह दो से तीन फीट पानी भर गया है. जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से जलजमाव बढ़ता जा रहा है. घोघा व आसपास के लोगों के आस्था का केंद्र ब्रह्मचारी कुटिया (सत्यकुटिर आश्रम.) मेे बारिश का पानी भर गया. कुटिया परिसर में ढाई से तीन फीट जलजमाव है. कुटिया के महंथ माधव शरण जी महाराज ने कहा कि जलजमाव से तीन-चार दिनों से श्रद्धालु पूजा करने मंदिर में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं.
बिहार के मुजफ्फरपुर में मौसम का मिजाज पिछले पांच दिनों में तेजी से बदला है. इस दौरान लगातार आसमान बादलों से घिरा रह रहा है. इससे पारा भी लगातार नीचे गिर रहा है. इससे मौसम सुहाना होने के साथ लोगों को गर्मी से बड़ी राहत मिली है. मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को तापमान सामान्य से 3.9 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया. इससे घरों से लेकर दुकानों में एसी व फैन की रफ्तार कम रही. खासकर शाम के समय हाइवे पर चलने में लोगों काे ठंड का एहसास हुआ. शाम को एक बार फिर मौसम बदला और आसमान में अचानक घने काले बादलों ने डेरा डाला, तो दिन में ही रात जैसा माहौल हो गया. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, पांच अक्तूबर तक बारिश की संभावना जतायी गयी थी. हालांकि इस बीच हल्की बारिश हुई. वहीं 6 अक्तूबर से मॉनसून की सक्रियता में कमी की संभावना जतायी गयी है.
सात दिनों का तापमान
29 सितंबर – 35.5 डिग्री
30 सितंबर – 33.5 डिग्री
01 अक्तूबर – 31.3 डिग्री
02 अक्तूबर – 32.2 डिग्री
03 अक्तूबर – 30.5 डिग्री
04 अक्तूबर – 30.5 डिग्री
05 अक्तूबर – 28.7 डिग्री
बिहार के गया में पिछले कई दिनों से हो रही बारिश पर संभवतः शुक्रवार को ब्रेक लग सकता है. लगातार बारिश व आसमान में बादल घिरे होने के कारण मौसम में काफी नरमी आ गयी है. सड़कें कीचड़ से सन गयीं हैं. गुरुवार को अधिकतम तापमान 28.1 डिग्री व न्यूनतम तापमान 24.4 डिग्री सेल्सियस रहा. रूक-रूक कर दिन में भी रिमझिम बारिश होती रही. मौसम विभाग के अनुसार शनिवार से मौसम के साफ होने की संभावना है. लगातार बारिश से गयाधाम आये तीर्थयात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पिंडदान के लिए सूखी जगह तलाशनी पड़ रही है. उधर टेंट या फिर आवासन में भी पानी की वजह से कीचड़ फैल जाने से रहने व आने-जाने में परेशानी हो रही है.
बिहार के खगड़िया जिले में बीते छह दिनों से रुक-रुक बारिश हो रही है. तापमान में गिरावट हो गयी है. बारिश से सब्जी की खेती करने वाले किसान चिंतित है. बारिश से धान की खेती करने वाले किसानों के चेहरे खिल गए हैं, तो वहीं सब्जी की खेती करने वाले किसानों के चेहरे पर उदासी देखी गयी है. बीते शनिवार की अहले सुबह से ही जिले में बारिश हो रही है. जिससे धान की फसल को संजीवनी मिल गई. जबकि सब्जी की खेती करने वाले किसान का खेत निचले स्तर में होने के कारण जलजमाव से नुकसान हो रहा है. जबकि ऊपरी स्तर के खेत में धूप नहीं निकलने की वजह कम उपजाऊ हो रहा है. किसानों ने बताया कि अधिक वर्षा से झींगा, भींडी, परवल, कद्दू, आदि जैसी लत्तर वाली सब्जी की फसलों को हानि पहुंचा है. बारिश के कारण फल का फूल झड़ गया है. पौधों में जलजमाव से गलन शुरू हो गया है.