16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

उपेंद्र कुशवाहा के लौटने से नीतीश के चेहरे पर खुशी और तेजस्वी की खामोशी, जानें क्या है इसके राजनीतिक मायने

बिहार की राजनीति में फिर एक नया अध्याय शुरू हुआ है. रालोसपा का जदयू में विलय कराकर उपेंद्र कुशवाहा अब फिर नीतीश कुमार के साथ खड़े हो गये हैं. वहीं अचानक बिहार में फिर से कुशवाहा वोटों को लेकर राजनीति तेज हो गयी है. इधर जदयू ने उपेंद्र कुशवाहा लॉबी को अपने पाले में किया और उधर पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने भी कुशवाहा बिरादरी के अस्मिता का हवाला देते हुए अब नये राजनीतिक दल बनाने का ऐलान कर दिया है.

बिहार की राजनीति में फिर एक नया अध्याय शुरू हुआ है. रालोसपा का जदयू में विलय कराकर उपेंद्र कुशवाहा अब फिर नीतीश कुमार के साथ खड़े हो गये हैं. वहीं अचानक बिहार में फिर से कुशवाहा वोटों को लेकर राजनीति तेज हो गयी है. इधर जदयू ने उपेंद्र कुशवाहा लॉबी को अपने पाले में किया और उधर पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने भी कुशवाहा बिरादरी के अस्मिता का हवाला देते हुए अब नये राजनीतिक दल बनाने का ऐलान कर दिया है.

नीतीश कुमार के चेहरे की खुशी भी संकेत

उपेंद्र कुशवाहा के जदयू में लौटने से पार्टी को क्या फायदा हो सकता है वो उस समय के दृश्य से समझा जा सकता है जब नीतीश कुमार उपेंद्र कुशवाहा को विधिवत वापसी करा रहे थे. मंच पर संबोधन के दौरान नीतीश कुमार के चेहरे का भाव भी काफी कुछ संकेत दे रहा था. जो खुशी उनकी चेहरे पर छाई हुई थी और जिस उत्साह में वो उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी में नयी जिम्मेदारी देने की घोषणा कर रहे थे वो यह बयां करने में काफी था कि हाल में संपन्न हुई विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी को मजबूत करने में जुटी जदयू के लिए ये फायदेमंद साबित हो सकते हैं.

तेजस्वी के लिए एक और चैलेंज बढ़ा 

वहीं दूसरी ओर मामूली से फर्क से सत्ता से वंचित रहे तेजस्वी यादव भी इस विलय का महत्व समझ रहे होंगे. सीमांचल में ओवैसी के कारण राजद को हुए नुकसान के बाद वो किसी भी जाति या धर्म विशेष के वोट के महत्व को अब और अच्छे से समझ चुके हैं. बिहार की राजनीति में ‘लव-कुश’ की आबादी का वितरण इस विलय से कितना प्रभाव डालेगा ये भविष्य के गर्त में है लेकिन इसका महत्व सभी जानते हैं.

Also Read: बिहार: क्या कोरोनाकाल में प्राइवेट स्कूलों द्वारा ली गयी फीस होगी वापस? विधानसभा में शिक्षा मंत्री ने भी इसे बताया गलत, कहा…
तेजस्वी समेत राजद की चुप्पी भी करती है इशारा 

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव किसी भी मुद्दे पर बहुत बेबाक होकर अपनी बात रखते हैं लेकिन इस विलय पर वो उस अंदाज में आक्रमक नहीं दिखे जिस तरह वो अन्य मुद्दों पर अक्सर देखे जाते हैं. वहीं राजद प्रवक्ताओं की चुप्पी भी यह इशारा करती है कि वो इस विलय के महत्व को जानते हैं और किसी भी तरह के बयानबाजी से परहेज कर रहे हैं.

बिहार में कुशवाहा वोट समीकरण 

बता दें कि बिहार में कोइरी (कुशवाहा) जाति के लोग सूबे के हर हिस्से में फैले हैं. पिछड़े वर्ग में यादव के बाद आबादी के हिसाब से कुशवाहा का दुसरा स्थान है. हालांकि उनके वोटों में बिखराव है लेकिन इस वोट को साधने की कोशिश तब से और अधिक हो गयी जब नीतीश और उपेंद्र कुशवाहा ने कभी लालू यादव के अगड़े-पिछड़े के नारे के तिलिस्म को तोड़ा था. आज पूर्व मंत्री नागमणि ने नये दल बनाने की घोषणा की है. वो जाने-माने समाजवादी नेता रहे स्व.जगदेव के पुत्र हैं. नागमणि अब कुशवाहा वोट बैंक को अपने साथ लाने कवायद में जुट गए हैं.

कौन हैं नागमणि, जो बनाने जा रहे नयी पार्टी 

नब्बे के दशक में लालू प्रसाद ने स्व.जगदेव की प्रतिमा राजधानी पटना में स्थापित कर कुशवाहा वोट बैंक को एकजुट किया था. लालू यादव ने ही स्व.जगदेव के पुत्र नागमणि को राजनीति में आगे बढ़ाया था और कुशवाहा वोट बैंक का लाभ लेते रहे. बाद में नगामणि जदयू से जुड़े और पार्टी की उनकी पत्नी को मंत्री भी बनाया. बाद में नागमणि जदयू से अलग हो गये. लेकिन अब उपेंद्र कुशवाहा के बराबर खड़े होकर कुशवाहा वोट बैंक अपने तरफ खींचना उनके लिए इतना आसान नहीं होगा. उपेंद्र कुशवाहा को संगठन को मजबूती से साथ करने का पुराना अनुभव रहा है. वो समता पार्टी के प्रमुख संस्थापकों में एक रहे हैं.

भाजपा ने भी साधा है निशाना

कुशवाहा वोट बैंक सभी दलों के नजर में अब प्रमुखता से है. भाजपा ने जहां सम्राट चौधरी को मंत्री बनाकर इस वोट बैंक को साधने की कोशिश की है तो वहीं राजद भी अब इस वोट को साधने की तैयारी में है. राजद अपने परंपरागत माय (Muslim-Yadav) समीकरण से आगे निकलकर अब कुशवाहा वोट बैंक पर भी अपनी पकड़ मजबूत बनाने में लगी है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें