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बिहार में अब अंचल कार्यालयों में मिलेगा जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, कार्यपालक पदाधिकारियों को दी गयी जिम्मेदारी

जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए लोगों को परेशानी नहीं होगी. इसके लिए निगम मुख्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. निगम के अंचल कार्यालयों में ही जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र निर्गत होगा. अंचल के कार्यपालक पदाधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गयी है.

पटना. जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए लोगों को परेशानी नहीं होगी. इसके लिए निगम मुख्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. निगम के अंचल कार्यालयों में ही जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र निर्गत होगा. अंचल के कार्यपालक पदाधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गयी है.

कार्यपालक पदाधिकारियों को उप रजिस्ट्रार बनाते हुए उन्हें प्रमाणपत्र जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है. नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने सोमवार को कार्यपालक पदाधिकारियों को जन्म मृत्यु प्रमाण निर्गत करने संबंधी आदेश जारी किया है. यह आदेश उन्होंने मुख्य रजिस्ट्रार से मिलने के बाद किया है .

अब एक जून से कार्यपालक पदाधिकारी जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करेंगे. ऐसी स्थिति में अब अंचल कार्यालयों में जन्म-मृत्यु के लिए आवेदन जमा करने पर वहीं से प्रमाणपत्र मिल जायेगा. इसके लिए निगम मुख्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा.

जानकारों के अनुसार जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए पहले अंचल कार्यालय में आवेदन जमा होता था. इसके बाद प्रमाणपत्र निर्गत करने के लिए निगम मुख्यालय में रजिस्ट्रार कार्यालय में जाता था. किसी कारण से रजिस्ट्रार के नहीं रहने पर लोगों को परेशानी होती थी. समय पर प्रमाणपत्र नहीं मिलता था.

जांच अधिकारी आज सौंपेंगे रिपोर्ट

पटना नगर निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए जमा होने वाले आवेदन के पेंडिंग मामले में जांच अधिकारी मंगलवार को रिपोर्ट सौंपेंगे. जांच अधिकारी नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा को रिपोर्ट देंगे. पेंडिंग मामले को लेकर मेयर सीता साहू के निर्देश पर जांच करायी गयी है.

निगम के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र निर्गत करने के लिए जमा होने वाले आवेदन को बेवजह पेंडिंग में डाला गया था. इसमें मंशा ठीक नहीं रहने के कारण उसे लंबित रखा गया था. ऐसे लगभग 1600 आवेदन थे.

सूत्रों के अनुसार निगम के रजिस्ट्रार के द्वारा मनमाने ढंग से आवेदन को लंबित रखा गया. ऐसे आवेदनों पर अंचल से जानकारी लेकर निर्गत किया जा सकता था. कई आवेदनों में सरकारी शुल्क भी नहीं लिया गया था. निगम के उप नगर आयुक्त सारे बिंदुओं पर जांच कर अपनी रिपोर्ट नगर आयुक्त को सौंपेंगे.

Posted by Ashish Jha

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