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भाजपा ने राजस्व मंत्री के बयान को बताया समाज तोड़नेवाला, जानें आलोक मेहता ने क्या दी सफाई

राजद कोटे से नीतीश कुमार की सरकार में राज्य मंत्री आलोक मेहता के विवादित बयान को भाजपा ने समाज तोड़नेवाला बयान बताया है. सवर्णों को अंग्रेजों का दलाल बतानेवाले बयान पर बिहार विधान परिषद में विरोधी दल के नेता सम्राट चौधरी ने आलोक मेहता पर जोरदार हमला बोला है.

पटना. राजद कोटे से नीतीश कुमार की सरकार में राज्य मंत्री आलोक मेहता के विवादित बयान को भाजपा ने समाज तोड़नेवाला बयान बताया है. सवर्णों को अंग्रेजों का दलाल बतानेवाले बयान पर बिहार विधान परिषद में विरोधी दल के नेता सम्राट चौधरी ने आलोक मेहता पर जोरदार हमला बोला है. चौधरी ने कहा है कि राजद के नेता जाति और धर्म के नाम पर समाज और देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसा बयान देने वाले राजद नेताओं को पता होना चाहिए कि बिहार की सियासत में उनके नेता लालू प्रसाद की उत्पत्ति एक पंडित की कृपा से ही हुई है.

सभी का सहयोग लेकर ही कोई आगे बढ़ सकता

सम्राट चौधरी ने कहा है कि राजद नेताओं की ओर से जिस तरह का बयान आजकल दिया जा रहा है, इससे यह स्पष्ट हो गया है कि ये लोग जाति और धर्म के नाम पर समाज और देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. राजद का एक मंत्री देश के सैनिकों के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास कर रहा है तो दूसरा रामचरितमानस के साथ खिलवाड़ करना चाह रहा है. अब ये तीसरा मंत्री सवर्ण जाति के लोगों को अंग्रेजों का दलाल बता रहा है. ऐसा बयान देने वाले राजद के मंत्रियों को यह पता होना चाहिए था कि राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद की उत्पत्ति तब हुई जब पंडित रघुनाथ झा की उनपर कृपा हुई थी. यही नहीं, यदि पंडित चाणक्य नहीं होते तो सम्राट अशोक और चंद्रगुप्त की उत्पत्ति भी नहीं हो सकती थी. बात चाहे देश की हो या बिहार की सभी का सहयोग लेकर ही कोई आगे बढ़ सकता है.

अंग्रेज के बाद अंग्रेजों के दलाल शोषक बने, मंत्री ने सफाई में कही ये बात

इधर, बिहार के भूमि सुधार राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मेरे बयान की मीडिया ने गलत तरीके से व्याख्या की है. उन्होंने कहा कि शोषक वर्ग किसी एक जाति से नहीं होते हैं. वो बदलते रहते हैं. मैंने उन 10 प्रतिशत शोषक वर्ग के बारे में कहा है जो 90 प्रतिशत का शोषण करते रहे हैं. जब देश गुलाम था तो अंग्रेज शोषण करते थे और जब देश आजाद हुआ तो अंग्रेजों के पिठ्ठू या उनके दलाल शोषक बन गये. मंत्री ने अपनी सफाई में यह बात कहते हुए ईडब्ल्यूएस के आरक्षण का जिक्र नहीं किया जिसे वो दलित,शोषित और वंचित वर्ग के लोगों के लिए उचित नहीं बताया था.

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