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पटना यूनिवर्सिटी कैंपस में सात महीने में 15 बार बमबाजी और फायरिंग, हर साल 100 से ज्यादा छात्रों पर होता है केस

पटना यूनिवर्सिटी कैंपस में इस साल सात महीने में 15 बार पीयू कैंपस में बमबाजी, गोलीबारी, पत्थरबाजी और मारपीट जैसी घटनाएं हुई हैं. इन मामलों में पुलिस घटना के बाद प्राथमिकी कर देर रात छापेमारी करती है और इसके बाद फिर सुस्त हो जाती है.

पटना यूनिवर्सिटी कैंपस में लगातार हो रही मारपीट, बमबाजी और गोलीबारी से कैंपस के छात्रों में डर का माहौल बन गया है. कब किसे और कहां बम का छर्रा और गोली लग जाये, हॉस्टल के छात्र कब किसे और कहां पीट दे, यह कोई नहीं जानता है. इस साल सात महीने में 15 बार पीयू कैंपस में बमबाजी, गोलीबारी, पत्थरबाजी और मारपीट जैसी घटनाएं हुई हैं. कई मामलों में प्राथमिकी तक नहीं होती है, क्योंकि डर से पीड़ित छात्र या तो थाने नहीं पहुंचते या फिर करियर के डर से समझौता कर लेते हैं.

छापेमारी कर सुस्त हो जाती है पुलिस

वहीं, इन मामलों में अगर कार्रवाई की बात करें, तो पुलिस घटना के बाद प्राथमिकी कर देर रात छापेमारी करती है और इसके बाद फिर सुस्त हो जाती है. इससे भी हैरत की बात यह है कि पीयू में टीओपी स्थापित है, लेकिन इसके बावजूद टीओपी के सामने असामाजिक तत्व के छात्र बमबाजी और गोलीबारी करते हैं और पुलिस कुछ नहीं कर पाती है. हर बार बमबाजी से कैंपस दहलने के बाद पुलिस पहुंचती है और जांच शुरू करती है.

हर साल 100 से अधिक छात्रों पर दर्ज होता है मुकदमा

पुलिस द्वारा अनुमानित आंकड़ों के अनुसार हर साल इस तरह की घटनाओं में 100 से अधिक छात्रों पर मुकदमा दर्ज किया जाता है. जांच शुरू होने के बाद पुलिस हॉस्टल से लेकर घर तक छापेमारी करती है. 307 और 302 जैसे संगीन मामले दर्ज होने के कारण छात्रों का भविष्य खराब होता है, लेकिन इसके बावजूद छात्र बमबाजी, गोलीबारी और मारपीट करने से बाज नहीं आते हैं.

2019 में 61 लोगों को भेजा गया था जेल

वर्ष 2019 में पीरबहोर 486/19 कांड संख्या छात्रों के दो गुटों के बीच हुई वर्चस्व की लड़ाई में एक मुस्लिम युवक की मौत हो गयी थी. इसके बाद काफी हंगामा हुआ था, जिसके बाद कुल 43 छात्रों को जेल भेजा गया था. यहीं नहीं, नवंबर, 2019 में नूतन हॉस्टल में बम फटने कारण कई छात्र घायल हो गये थे, जिसमें 18 छात्रों को पुलिस ने जेल भेजा था.

हॉस्टल में पासआउट छात्रों का दबदबा

प्रभात खबर ने पीयू के अलग-अलग हॉस्टल के छात्रों से बातचीत की. पहले तो वे कुछ भी बताने से किया, लेकिन फिर नाम नहीं छापने पर हॉस्टल के अंदर पासआउट छात्रों के दबदबा के बारे में बताया. छात्रों ने कहा कि उनसे पासआउट छात्र कहते हैं कि हम जैसा कहेंगे, वैसा करना होगा. यहीं नहीं, हॉस्टल के अंदर की बात न तो किसी बाहरी और न किसी अन्य हॉस्टल के छात्रों को बतानी है और इस तरह की किसी बात की जानकारी हुई, तो अंजाम भुगतना होगा.

कहां से आते हैं छात्रों के पास बम और गोली

पीयू कैंपस में असामाजिक तत्व के छात्र जिस तरह ताबड़तोड़ बमबाजी और गोलीबारी चलाते हैं, वह पुलिस प्रशासन की सुस्ती पर सवाल खड़ा करता है. आये दिन इस तरह की घटना के बाद भी यह तक नहीं पता चलता है कि आखिर हॉस्टल के छात्रों के पास बड़ी संख्या में बम और हथियार आते कहां से हैं. यहीं नहीं, सरस्वती पूजा जैसे मौके पर छात्र बमबाजी और गोलीबारी चलाने में नहीं कतराते हैं.

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पीयू में कुल 14 हॉस्टल

  • रानीघाट: पीजी हॉस्टल, सीबी रमन हॉस्टल, रामानुजम हॉस्टल, हथुआ हॉस्टल और ओल्ड हॉस्टल

  • सायंस कॉलेज: न्यूटन हॉस्टल, केवेंडिस हॉस्टल और फराडे हॉस्टल

  • पटना कॉलेज: मिंटो, जैक्सन, इकबाल, नदवी और नूतन हॉस्टल

  • बीएम कॉलेज: बीएन मेन हॉस्टल

कब-कब हुई घटना

  • 18 अक्तूबर, 2022: चुनाव से पहले दो गुटों के बीच बमबाजी

  • 19 नवंबर, 2022: चुनाव के दौरान दिन में पीयू कैंपस में भीषण मारपीट व बमबाजी

  • 19 नवंबर, 2022: चुनाव के बाद रात में काउंटिंग बूथ के बाहर बमबाजी

  • 9 जनवरी, 2023: दो गुटों के बीच जमकर मारपीट

  • 12 फरवरी, 2023: दो गुटों के बीच मारपीट व पत्थरबाजी

  • 11 जून, 2023: देर रात बमबाजी और फायरिंग

  • 3 जुलाई,2023 : दिशा संघ के सदस्यों के साथ मारपीट, दौड़ा-दौड़ा पीटा, युवतियों के कपड़े फाड़े

  • 13 जुलाई, 2023 : दो हॉस्टल के बीच बमबाजी और फायरिंग

  • 14 जुलाई, 2023 : कैंपस के बाहर अहले सुबह छात्र गुटों के बीच बमबाजी से दहला इलाका

क्या कहते हैं अधिकारी…

समय-समय पर पीयू के हॉस्टल में छापेमारी होती रहती है. गुरुवार की देर रात को भी मिंटो, इकबाल, जैक्सन हॉस्टल में बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ घंटों छापेमारी की गयी. कोई भी आपत्तिजनक सामान नहीं मिला है. किसी भी तरह दहशत फैलाने वाले असामाजिक तत्वों को बख्शा नहीं जायेगा. सीसीटीवी फुटेज खंगाल कर उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी और हमेशा से होता भी रहा है. – अशोक कुमार सिंह, टाउन डीएसपी, पटना

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