पटना. बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने से परीक्षा प्रणाली में सुधार की प्रक्रिया जारी है. बुधवार को बीपीएससी परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि बीपीएससी की ओर से आयोजित होने वाली परीक्षाओं में भविष्य में निजी कॉलेजों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही परीक्षा में स्वच्छ छवि वाले पदाधिकारियों को ही परीक्षा कार्य में दंडाधिकारी प्रयुक्त करने का निर्देश सभी जिला पदाधिकारियों को जारी किया गया है.
प्रश्न पत्र लीक की घटना से सबक लेते हुए बीपीएससी ने 15 मई को आयोजित होने वाली बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) परीक्षा को लेकर भी गंभीर है. 15 मई को आयोजित परीक्षा में सभी जिला पदाधिकारी स्वच्छ छवि वाले पदाधिकारियों को ही दंडाधिकारी नियुक्त करेंगे. वहीं, सीडीपीओ के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा में परीक्षा केंद्र में अभी कोई बदलाव नहीं किये जायेंगे. आगे सभी परीक्षाओं का सेंटर सरकारी कॉलेजों में होगा. आयोग का पूरा फोकस सीडीपीओ परीक्षा के सफल संचालन पर है.
सफल संचालन को लेकर ही आयोजन ने दो दिन पहले परीक्षा केंद्र के इंट्री समय में बदलाव किया था. परीक्षार्थियों को परीक्षा हॉल में परीक्षा शुरू होने से 15 मिनट पहले तक ही इंट्री मिलेगी. निर्धारित समय के बाद किसी भी परिस्थिति में परीक्षार्थियों को एंट्री नहीं दी जायेगी. अगर परीक्षा 12 बजे से शुरू होगी तो, परीक्षार्थियों को 11:45 बजे तक ही केंद्र के अंदर प्रवेश दिया जायेगा. इसके बाद प्रवेश नहीं दिया जायेगा.
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अब तक बीपीएससी की परीक्षा में परीक्षा शुरू होने तक केंद्र में प्रवेश दे दिया जाता था. लेकिन अब परीक्षा शुरू होने के समय परीक्षार्थियों को प्रवेश नहीं दिया जायेगा. आयोग के संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि बीपीएससी की सीडीपीओ परीक्षा 55 सीटों के लिए आयोजित की जायेगी. इस परीक्षा के लिए एक लाख दो हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है. परीक्षा की तैयारियां पूरी कर ली गयी है.