पटना. योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव और वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस कर केंद्र पर हमला बोला. दोनों मंत्रियों ने कहा कि केंद्रीय मदद में कमी से बिहार को लगभग 92 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. केंद्र सरकार द्वारा लगातार बिहार की हकमारी की जा रही है.एनडीए से अलग होने का एक बड़ा कारण यह भी है,जहां बिहार की हकमारी वहां क्यों रहना ? उन्होंने कहा कि वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर क्षैतिज हिस्सेदारी में जो प्रतिशत के रूम में कमी की गयी है,उसके फलस्वरूप राज्य को 61,195 करोड़ और केंद्रीय प्रायोजित स्कीम के शेयरिंग पैटर्न में बदलाव करने के कारण राज्य को करीब 31हजार करोड़ की क्षति हुई है.
बिहार को अलग से कोई मदद नहीं
वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भाजपा पर आक्रमण करते हुये कहा कि भाजपा नेता एक भी योजना बताएं जो बिहार के लिए विशेष रूप से तैयार की गयी हो या फिर जिस योजना के तहत सिर्फ बिहार को अलग से मदद की गयी हो.संवैधानिक दायित्व के तहत जो राशि मिल रही है,वह राज्य की हिस्सेदारी है,नहीं कि मदद.भाजपा नेताओं को हिस्सेदारी और मदद में अंतर समझना चाहिये. बिहार अपनी बेहतर वित्तीय प्रबंधन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुशल नेतृत्व के कारण गरीबी कम करने के मामले मे बिहार देश में अव्वल रहा है. यह राष्ट्रीय औसत से दोगुना है. पूरे देश में जितने लोग गरीबी रेखा से बाहर गए उनमें 16.5 फीसदी सिर्फ बिहार के हैं.वित्त मंत्री ने सवालिय लहजे में कहा कि अगर केंद्रीय मदद से ही संभव था को उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश क्यों नहीं इस मामले में अव्वल आया.
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पूंजीगत कार्य हेतु संसाधन की कमी
यादव ने कहा कि केंद्रीय योजनाओं में राज्य के अनुपात में लगातार परिवर्तन हो रहा है. यह परिवर्तन बिहार राज्य के लिए प्रतिकूल रहा है. जहां केंद्रीय योजनाओं की संख्या 28 थी, वहीं अब यह संख्या 100 कर दी गई है. केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं से बिहार राज्य के अपने स्कीम के वित्तपोषण पर अतिरिक्त दबाव तथा पूंजीगत कार्य हेतु संसाधन की कमी हुई है. वर्ष 15-16 में राज्य की वार्षिक स्कीम में केंद्रीय प्रायोजित स्कीम के केंद्रांश 29% था, जो 22-23 में घटकर 21% हो गया है. जिसके कारण राज्य को 31 हजार करोड़ की क्षति हुई है. 15-16 से 22-23 के बीच राज्य की वार्षिक स्कीम में केंद्र का हिस्सा लगातार कम होता गया है. केंद्र की हिस्सेदारी कम होने से राज्य पर वित्तीय बोझ बढ़ा है. जिससे राज्य अपनी योजनाओं के लिए धन की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है.
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केंद्र की उदासीनता के बावजूद भी राज्य की उपलब्धि अपूर्व
उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा राज्यों को दिए जाने वाले अनुदान में एक बड़ा हिस्सा वित्त आयोग की अनुशंसा पर मिलने वाला अनुदान है. वित्त आयोग के अनुदान के अंतर्गत ग्रामीण तथा शहरी स्थानीय निकायों, राज्य आपदा राहत कोष तथा अन्य आपदा संबंधी कोष एवं स्वास्थ्य अनुदान मद में राशि प्राप्त हो रही है. इसके अतिरिक्त वित्तीय वर्ष 22-23 तक जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में भी एक राशि बिहार को मिलती रही है. बिहार को केंद्र से मिल रही राशि में लगातार कमी की जा रही है, वहीं वित्तीय बोझ बढ़ाया जा रहा है. केंद्रीय योजनाओं में राज्यांश को लगातार बढ़ाने से कई प्रकार की समस्या पैदा हो रही है. इसके बावजूद बिहार आगे बढ़ रहा है. यादव ने कहा कि राज्य के प्रति केंद्र की उदासीनता के बावजूद भी राज्य की उपलब्धि अपूर्व है और बिहार राज्य ने विकास के पैमाने पर अपनी विश्वसनीयता कायम की है.
वे इंडिया से आंतकित हैं: विजय कुमार चौधरी
वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया से आतंकित हैं. विपक्षी गठबंधन इंडिया के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गयी टिप्पणी पर वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा, प्रधानमंत्री द्वारा इंडिया को आतंकी संगठन से तुलना करने के शब्दों पर मत जाइये,उसके भाव पर गौर कीजिये. कौन आंतकवादी है और कौन देश प्रेमी यह तो 2024 में जनता तय करेगी.लेकिन अगर इंडिया उनको आंतकवादी दिखता है तो इतना तो तय हो गया कि वे आंतकित हैं. जहां तक इंडिया गठबंधन की बात है उसका उसका उद्देश्य साफ है, मोदी को गद्दी से हटाना.