पटना. कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद शव का नमूना लेकर वैरिएंट का पता लगाया जायेगा. यह निर्देश केद्र की ओर से स्वास्थ्य विभाग व सिविल सर्जन कार्यालय को मिले है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक देश में कोरोना से हो रही मौतों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइन में बदलाव किया है.
इसके तहत कोरोना से होने वाली मौतों की जीनो सिक्वेसिंग करायी जायेगी, ताकि पता लगाया जा सके कि संक्रमितों की मौत डेल्टा, ओमिक्रोन या अन्य वैरिएंट से हुई है. हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि इन दिनों शहर के अस्पतालों में जिन मरीजों की मौत हुई है, उन्हे पहले से पुरानी बीमारी थी. दूसरी लहर की तरह इस बार सिर्फ कोविड से मौत नहीं हो रही है.
कोरोना की घर में जांच वाली किट को आइसीएमआर ने भले ही मंजूरी दे दी है. लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि ये किट भरोसेमंद नतीजे नहीं देती. इससे लोगों को बेवजह तनाव भी घेर सकता है. सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी सिंह ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि वह सेल्फ किट से नहीं बल्कि सरकारी अस्पतालों में बने सेंटरों पर जाकर कोरोना की जांच कराएं.
सिविल सर्जन ने बताया कि शहर के अलावा ग्रामीण इलाके में कुल 62 सेंटर बनाये गये है, जहां कोरोना की जांच की जा रही है. उन्होने कहा कि सेंटरों पर एंटीजन व आरटीपीसीआर दोनों तरह की जांच नि:शुल्क की जा रही है. संबंधित सेंटर पर जांच कराने से जहां आंकड़ों को दर्ज कराया जाता है. वहीं, मरीजों को सरकारी लाभ जैसे दवाएं, इलाज आदि की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है.