अनुपम कुमार, पटना. एयरपोर्ट कार्गो का एक्सरे बंद होने से अब तक लीची का निर्यात नहीं शुरू हुआ है. हालांकि, मई के पहले सप्ताह से यह बीते वर्षों में शुरू हो जाता रहा है. इस वर्ष ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन ने नये सुरक्षा मानकों के अधीन तय किया कि एयर कार्गों से भेजे जाने वाले सभी सामानों की स्क्रीनिंग अब एयरलाइंस स्वयं अपने एक्सरे स्कैनर से नहीं करेगी, बल्कि इसके लिए एयरपोर्ट ऑथोरिटी खुद एक्सरे स्कैनिंग की सुविधा स्थापित करेगी. इसके साथ ही इस वर्ष एक जनवरी से पटना एयरपोर्ट पर कार्यरत सभी पांचों एयरलाइंस के एक्सरे स्कैनर को बंद कर दिया गया, जबकि इसके विकल्प के रूप में एयरपोर्ट ऑथोरिटी अपना एक्सरे स्कैनर नहीं स्थापित कर पायी. इसके कारण अब तक लीची या आम का पटना एयरपोर्ट से निर्यात नहीं शुरू हो पाया है, जबकि बीते दो सप्ताह से हर दिन लीची निर्यात करने वाले वेंडर इसके लिए पटना एयरपोर्ट पर आ रहे हैं और पूछताछ कर लौट रहे हैं.
मामले में फलों के निर्यात को बाधित होने से बचाने के लिए एयरपोर्ट ऑथोरिटी ने देश के ऐसे 12 एयरपोर्टों पर अलग-अलग एयरलाइंस को एक्सरे स्क्रीनिंग की इजाजत देने का निर्णय लिया है, जहां एयरपोर्ट ऑथोरिटी खुद अब तक अपनी एक्सरे सुविधा स्थापित नहीं कर पायी है. इसके अंतर्गत पटना एयरपोर्ट पर इंडिगो को यह इजाजत देने का निर्णय लिया गया है. वह अपने साथ-साथ पटना से उड़ने वाले अन्य चार एयरलाइंस से भेजे जाने वाले आम और लीची जैसे फलों की भी एक्सरे स्कैनिंग और सुरक्षा जांच करेगी और उसके द्वारा पास किये जाने के बाद ही निर्यात किया जायेगा. अगले सप्ताह से इंडिगो द्वारा अपनी सुविधा शुरू किये जाने की संभावना है.
कोरोना से पहले के वर्षों के आंकड़े देखें, तो मई और जून महीने में हर दिन पटना से आठ से 10 टन लीची और लगभग आधा टन आम का निर्यात होता रहा है. इंडिगो की फ्लाइटों की संख्या पटना से सर्वाधिक होने के कारण यहां से लीची का भी सबसे बड़ा एयर करियर यही रहा है और इसके विमानों से पुणे, बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली में इसे सर्वाधिक भेजा जाता रहा है. वहीं, एयर इंडिया की फ्लाइटों से इसे दिल्ली और मुंबई भेजा जाता है. स्पाइसजेट, गो एयर और विस्तारा की फ्लाइट से भी इसे भेजा जाता रहा है. इनमें गो एयर को छोड़कर अन्य चार एयरलाइंस अब भी पटना से इन्हें बाहर भेजने के लिए तैयार हैं. केवल एक्सरे स्कैनिंग और सिक्युरिटी क्लीयरेंस की सुविधा दाेबारा शुरू होने का इंतजार है.