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Cyber Crime : फर्जी मुंबई पुलिस बन डॉक्टर को किया फोन, खाते से कर ली एक लाख रुपये की निकासी

मामला मनी लांड्रिंग का है. अपराधियों ने डॉक्टर के आधार नंबर की भी जानकारी ले ली. साथ ही यह कहा कि आपके आधार नंबर की जांच सीबीआइ पहले से कर रही है. आपके खिलाफ सीबीआइ में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया जा चुका है.

पटना. साइबर अपराधियों ने बिहटा के एक सरकारी अस्पताल के डॉक्टर राहुल शर्मा से मुंबई पुलिस बन कर बात की और सीबीआइ व नारकोटिक्स विभाग का भय दिखा कर खाते से एक लाख रुपये की निकासी कर ली. खास बात यह है कि निकासी का मैसेज तक डॉक्टर के मोबाइल फोन पर नहीं आया. डॉक्टर का आवास उत्तरी श्रीकृष्णापुरी में स्थित है और खाता भी उसी इलाके के एसबीआइ में है. घटना के बाद उन्होंने एसकेपुरी थाने में अज्ञात साइबर अपराधियों के खिलाफ में प्राथमिकी दर्ज करा दी है.

मुंबई से ताइवान आपत्तिजनक सामान कूरियर करने की दी जानकारी

जानकारी के अनुसार डॉक्टर राहुल शर्मा को एक अज्ञात नंबर से कॉल आया और उसने अपने आप को फेडेक्स कुरियर मुंबई का अधिकारी बताया. उसने यह जानकारी दी कि अापने एक कुरियर के माध्यम से आपत्तिजनक सामान को मुंबई से ताइवान के लिए बुक किया है, जिसे नारकोटिक्स विभाग ने जब्त कर लिया है.

कुरियर भेजने से इन्कार किया

डॉक्टर ने किसी तरह का कुरियर भेजने से इन्कार किया, तो उसने बताया कि मुंबई पुलिस से आपकी बात करायी जा रही है और कॉल को ट्रांसफर कर दिया. उधर से किसी ने मुंबई पुलिस बन कर बताया कि नरेश बनर्जी नाम के व्यक्ति ने आपके मोबाइल नंबर व आधार नंबर का इस्तेमाल दूसरे देशों में गलत ढंग से पैसा भेजने के लिए किया है.

मामला मनी लांड्रिंग का है

यह पूरा मामला मनी लांड्रिंग का है. इसके बाद उसने उनके आधार नंबर की भी जानकारी ले ली. साथ ही यह कहा कि आपके आधार नंबर की जांच सीबीआइ पहले से कर रही है. आपके खिलाफ सीबीआइ में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया जा चुका है. उसके बाद फोन करने वाले ने उन्हें एक वाट्सएप नंबर से कॉल किया और खाता व उसमें जमा रकम की जानकारी देने को कहा गया. इसके बाद उसने डॉक्टर को मुंबई पुलिस के एक अधिकारी का पहचान पत्र भी भेजा. डॉक्टर ने खाते से जुड़ी तमाम जानकारी उन लोगों को शेयर कर दी.

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खाते से निकाल लिये एक लाख रुपये

इसके बाद उन लोगों ने अपना भी एक खाता नंबर भेजा और उसमें एक लाख रुपये डालने को कहा. लेकिन डॉक्टर ने इन्कार किया, तो उन्हें सीबीआइ, नारकोटिक्स विभाग विभाग का भय दिखाया और उनके खाता से अपने खाता को जोड़ने को कहा. इसके बाद उनके खाता से एक लाख रुपये की निकासी कर ली. लेकिन डॉक्टर को मैसेज तक नहीं आया. इसके बाद उन्होंने जब अपना बैलेंस चेक किया, तो उनके खाते से एक लाख रुपये निकासी की जानकारी मिल गयी. फिर डॉक्टर ने श्रीकृष्णापुरी थाने में अज्ञात साइबर अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी.

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