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बिहार में कोसी नदी का कहर, लोगों के घरों में घुसा बाढ़ का पानी, जान जोखिम में डाल पलायन को मजबूर हुए लोग

बिहार के कई क्षेत्रों में बाढ़ के हालत बन गए हैं. कोसी नदी उफान पर है. विकराल रूप ले चुकी नदी का पानी गांवों में घुसने लगा है. घरों में घुसे पानी की वजह से लोग पलायन करने को मजबूर हैं. बाढ़ के कारण आवागमन भी बंद हो गया है. लोग जान जोखिम में डाल आवाजाही कर रहे हैं.

सहरसा में कोसी नदी में आए उफान से दर्जनों गांवों में बाढ़ तबाही मचा रही है. हालांकि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष पूर्वी कोसी तटबंध पर दबाव देखने को नहीं मिला है. लेकिन कोसी पूर्वी तटबंध के अंदर बसे आधा दर्जन प्रखंडों के सैकड़ों गांवों में नदी के बढ़े जलस्तर ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है. नेपाल प्रभाग व सीमावर्ती इलाके में लगातार हो रही भारी बारिश से कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से कोसी उफान पर है.

सोमवार को चार लाख 62 हजार क्यूसेक पानी किया गया था डिस्चार्ज

नेपाल प्रभाग जलग्रहण क्षेत्र में पिछले कई दिनों की भारी बारिश के बाद नेपाल कोसी बराज से सोमवार की सुबह चार बजे चार लाख 62 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया था. जल संसाधन विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 33 साल बाद कोसी का बराज से अब तक का सर्वाधिक पानी डिस्चार्ज किया गया है.

घर में कैद हो गये हैं ग्रामीण

प्रखंड के दर्जनों गांवों में कोसी नदी का जल तांडव मंगलवार से शुरू हो गया. इसमें मुख्य रूप से हाटी, मुरली, बरियाही, मुरली कटुआर, बकुनिया, परताहा, बरहारा, गोविंदपुर, महुआ चाही, शाहपुर का रामजीटोला, भेलाही, बकुनिया, अलोल भरना सहित दर्जन गांवों के लोग बाढ़ से प्रभावित होकर जेल की तरह अपने ही घर में कैद है. वहीं, डरहार के बरहारा में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना शिव मंदिर से पूरब दो जगह क्षतिग्रस्त हो गयी है. सड़कों को कोसी की धार ने तोड़ डाला है. वहीं सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी घुस गया. इस कारण लोग बेबसी हालात में अपने घर में जीवन यापन कर रहे हैं.

लोगों को बाहर निकाल रही एसडीआरएफ की टीम

कोसी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए तटबंध के अंदर फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए एसडीआरएफ की टीम को लगाया गया है. ताकि कोसी तटबंध के अंदर में जो लोग फंसे हैं. उन्हें सुरक्षित स्थान पर बने चयनित शरणस्थली पर रखा जाये. कोसी नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के बाद नवहट्टा प्रखंड के ई- टू घाट के समीप एसडीआरएफ की टीम पहुंचकर कोसी तटबंध के अंदर फंसे लोगों को रेस्क्यू करने में जुटी रही. एसडीआरएफ इंस्पेक्टर ने बताया कि छह टीम उपलब्ध है, जिसमें तत्कालीन दो टीम को लगाया है. जरूरत के अनुसार और टीम लगाया जायेगा.

बाढ़ प्रभावित लोगों ने आपदा राशि देने की मांग की

हाटी पंचायत के बरियाही में लगभग सैकड़ो घरों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है, जहां लोग अपने परिवार के छोटे-छोटे बच्चे को लेकर डरे सहमे हुए हैं. मुखिया प्रतिनिधि दीवाना सिंह ने बताया कि हाटी में लोगों का जन जीवन तबाह है. लोग के घर आंगन में पानी भरा हुआ है. सरकार से बाढ़ प्रभावित लोगों ने आपदा राशि देने की मांग की है. वहीं डरहार के बरहारा में बकुनिया के परताहा में जलस्तर बढ़ने से लोग के घर पानी से भरा हुआ है, जहां चारों ओर से लोग घिरे हुए हैं.

बीडीओ ने कैदली का भ्रमण कर स्थिति का लिया जायजा

बीडीओ जितेंद्र कुमार ने क़ैदली पंचायत के विभिन्न वार्ड का निरीक्षण कर लोगों के स्थिति का जायजा लिया. वहीं, बाढ़ पीड़ित परिवार को ऊंचे स्थल पर शरण लेने का आग्रह किया. सीओ अनिल कुमार ने बताया कि बाढ़ को लेकर व्यापक प्रबंध किए गये हैं. चुकी कोसी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. ऐसे में तटबंध के अंदर रह रहे सैकड़ों लोगों को प्रशासन द्वारा सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है. जो लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं. उन्हें प्रशासनिक सहयोग कर सुरक्षा दिया जा रहा है.

बाढ़ अनुश्रवण समिति की नहीं हुई बैठक

15 जून से लेकर 15 अक्तूबर तक सरकारी कैलेंडर के अनुसार प्रशासनिक बाढ़ अवधि घोषित रहती है. वहीं 15 अगस्त बीत जाने के बाद भी प्रखंड प्रशासन के द्वारा बाढ़ अनुश्रवण समिति की बैठक नहीं बुलायी गयी है.

32 साल बाद कोसी का टूटा रिकॉर्ड, खोले गये 56 फाटक

कोसी नदी ने 32 साल पहले के रिकॉर्ड को तोड़ दिया. कोसी बराज कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार 24 जुलाई 1979 में 4 लाख 71 हजार 196 क्यूसेक पानी रिकॉर्ड किया गया. 19 सितंबर 1988 में 4 लाख 72 हजार 996 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया था. 1990 में 12 अगस्त को 5 लाख 9 हजार क्यूसेक डिस्चार्ज किया गया था.

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