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ललन सिंह ने सुशील मोदी को याद दिलाई पुरानी बात, सुनाई पुरानी कहानी, देखें वीडियो

बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में नयी सरकार बनने के बाद से बयानबाजी का दौड़ लगातार जारी है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री को जवाब देते हुए कई सारी बातें कही.

बिहार में महागठबंधन की नयी सरकार बनने के बाद से सियासी गलियारों में नेताओं द्वारा बयानबाजी क दौर चल रहा है. इसी क्रम में बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा था की अगर राजद का स्पीकर बना तो नीतीश कुमार की सरकार गिर जाएगी. इसी बात का जवाब देते हुए ललन सिंह ने अब सुशील मोदी और भाजपा पर पलटवार किया है.

ललन सिंह ने सुशील मोदी से कहा की आप माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अच्छे मित्र रहे हैं और साथ ही बिहार के विकास में आपने अच्छी भूमिका निभाई है. भाजपा की बिहार व देश में विकास विरोधी नीतियों और आपकी नीतीश कुमार जी से नजदीकी के कारण ही आप हाशिए पर लाए गए. अब यदि आप नए रोल में पुनर्स्थापित होते हैं तो आपको हमारी शुभकामनाएं.

भाजपा नहीं करती गठबंधन धर्म का सम्मान 

ललन सिंह ने आगे कहा की एनडीए के कूल सहयोगियों में से आज कितने बचे हैं. आज के भाजपा नेता में गठबंधन धर्म का सम्मान करने वाले नेता अटल-आडवाणी जी का नाम लेने की भी हिम्मत है. और अगर किसी ने नाम भी लिया तो उसे किनारे लगा दिया जाता है. गठबंधन धर्म सम्मान से निभाया जाता है न कि सहयोगी पार्टियों को अपमानित करने से.

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फेसबुक पर जारी किया वीडियो 

ललन सिंह ने फेसबुक पर वीडियो के जरिए बयान जारी करते हुए कहा की देश की जनता देख रही है की भाजपा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के बाद अब झारखंड में क्या कर रही है. नरेन्द्र मोदी सरकार की विफलताएं और महागठबंधन व विपक्षी पार्टियों की एकजुटता के कारण 2024 के संभावित परिणाम से भाजपा का भयभीत होना स्पष्ट दिख रहा है.

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नीतीश कुमार को महागठबंधन से अलग करने की थी रणनीति 

ललन सिंह ने कहा की आईआरसीटीसी का मामला 2017 में नीतीश कुमार को महागठबंधन से अलग करने के लिए उठाया गया था. उन्होंने कहा की इस मामले में 2017 में चार्ज शीट दाखिल की गई पर 2022 में इसकी फैल बंद कर दी गई. अगर इस मामले में कुछ मिल तो इसका ट्रायल किया जाता पर ऐसा कुछ नहीं हुआ.

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