24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार के लोगों को इलाज के लिए नहीं जाना पड़ेगा बाहर, इन अस्पतालों में एक ही छत के नीचे मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं

बिहार के हेल्थ सेक्टर में कई कार्य किए जा रहे हैं. लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके इसके लिए अस्पतालों में कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इसके साथ ही राज्य के कई बड़े अस्पतालों का विस्तार और आधुनिकीकरण हो रहा है. पटना में किन अस्पतालों का विस्तार हो रहा, जानिए इस रिपोर्ट से...

बिहार में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं. लोगों को ऐसे में कई गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए अब राज्य से बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. स्वास्थ्य विभाग के मिशन 60 एवं मिशन परिवर्तन के तहत राज्य में सदर अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों का कायाकल्प किया जा रहा है. इसी कड़ी में राजधानी पटना में भी कई कार्य किए जा रहे हैं. आइजीआइएमएस (इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान) में अगले दो वर्षों में बिहार का सबसे बड़ा आंख का अस्पताल बन कर तैयार हो जायेगा. वहीं, पीएमसीएच (पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल) में भी अगले वर्ष तक 2073 बेडों का नया अस्पताल बन कर तैयार हो जायेगा. शहर के एनएलजेपी (लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल) हड्डी अस्पताल के साथ-साथ आयुर्वेद, होम्योपैथी व यूनानी चिकित्सा पद्धति में बीते 10 साल के कई सुविधाएं बढ़ी हैं.

एलएनजेपी हड्डी अस्पताल में 400 बेड का बन रहा नया अस्पताल

राजधानी पटना के राजवंशीनगर में स्थित एलएनजेपी हड्डी अस्पताल में 400 बेड के अस्पताल के अलावा व एक स्पाइन अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है. ऐसे में अब मरीजों को एलएनजेपी अस्पताल में ही सुपर स्पेशलिटी सुविधाएं उपलब्ध हो जायेंगी. तीसरी बार में इसके टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण कार्य शुरू किया गया है. इसके निर्माण पर 215 करोड़ रुपये खर्च होंगे. एजेंसी को स्वास्थ्य विभाग ने दो साल निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य दिया है.

एलएनजेपी देश का दूसरा व बिहार का सबसे बड़ा हड्डी अस्पताल होगा

हड्डी रोगियों के लिए बेड की कमी के मद्देनजर राजवंशी नगर में लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में 400 बेड के अस्पताल का निर्माण कार्य किया जा रहा है. जानकारों की मानें, तो राज्य का यह पहला और देश का दूसरा सबसे बड़ा हड्डी और स्पाइन का अस्पताल होगा. इससे बड़ा गुड़गांव में 400 से अधिक बेड वाला एक हॉस्पिटल है, जहां सिर्फ हड्डी और स्पाइन की इलाज की सुविधा है.

पीएमसीएच में बन रहा है 2073 बेड का नया भवन

प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल पीएमसीएच, जो जल्द ही विश्व का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल बनने जा रहा है. 5462 बेड के बनने वाले इस अस्पताल का निर्माण तेजी से चल रहा है. पहली कड़ी में यहां 2073 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है. अस्पताल प्रशासन की मानें, तो यहां लगभग 60 प्रतिशत काम हो चुका है. 2025 के अंत तक फस्ट फेज का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य है. अगले साल से यहां एक छत के नीचे सभी आधुनिक सुविधाएं मरीजों को मिलनी शुरू हो जायेंगी.

पीएमसीएच में एक ही छत के नीचे मिलेंगी सभी सुविधाएं

जानकारी के अनुसार पीएमसीएच को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत विश्वस्तरीय बनाया जा रहा है. इसके फस्ट फेज का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. वहीं, अगले साल तक इसका निर्माण कार्य पूरा कर लिए जाने की संभावना है. यहां एक ही छत के नीचे मरीजों को सभी तरह की सुविधाएं मिलेंगी.

आइजीआइएमएस में बन रहा बिहार का सबसे बड़ा आंख अस्पताल

पटना के आइजीआइएमएस में बिहार का सबसे बड़ा आंख का अस्पताल खुलने जा रहा है. इस भवन में 7 ऑपरेशन थिएटर होंगे, जिसमें से एक इमरजेंसी के लिए होगा. इस प्रोजेक्ट पर तेज गति से काम चल चल रहा है. उम्मीद है कि इस साल के अंत तक यह अस्पताल बनकर तैयार हो जायेगा. इस अस्पताल में कुल 162 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. इसमें केंद्र सरकार द्वारा 60 प्रतिशत और राज्य सरकार द्वारा 40 प्रतिशत योगदान दिया गया है. यह अस्पताल प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सेवा योजना के तहत आइजीआइएमएस नेत्र रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा की देखरेख में बनाया जा रहा है. इस अस्पताल के बन जाने के बाद राज्य में ही आंखों का बेहतर इलाज हो सकेगा और लोगों को इलाज के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी.

Also Read: पटना आउटर में सड़कों से कनेक्टिविटी हुई बेहतर, जोन वाइज बांट कर आसपास के इलाकों का होगा विकास

आइजीआइएमएस के आंख अस्पताल में होंगे 32 से अधिक स्पेशियलिटी के डॉक्टर

जानकारी के अनुसार आइजीआइएमएस में बन रहे पूर्व भारत के सबसे बड़े आंखों के अस्पताल में एक ही छत के नीचे मरीजों को आंखों से जुड़ी सभी तरह की बीमारियों का इलाज मिलेगा. इस अस्पताल में 24 घंटे इमरजेंसी सेवा उपलब्ध रहेगी. अस्पताल में सभी तरह के इलाज के लिए 32 से अधिक सुपर स्पेशियलिटी एवं स्पेशियलिटी के डॉक्टर भी होंगे. मरीजों के लिए करीब 175 बेड होंगे.

स्वास्थ्य विभाग ने बीते दिनों आइजीआइएमएस के लिए स्वीकृत किए थे 9.90 करोड़

बीते दिनों स्वास्थ्य विभाग ने इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान पटना के लिए 9.90 करोड़ स्वीकृत किया था. संस्थान में 1200 बेड के नये अस्पताल भवन के साथ आवासीय भवन का निर्माण किया जा रहा है. कुल योजना 5.13 अरब की है. इस योजना की स्वीकृति वर्ष 2019-20 में दी गयी थी. दो वित्तीय वर्ष में संस्थान की नयी आधारभूत संरचना पर 17.20 करोड़ खर्च किये हैं. चालू वित्तीय वर्ष में काम को आगे बढ़ाने के लिए 9.90 करोड़ की स्वीकृति दी गयी है.

आयुर्वेद व यूनानी पद्धति में ये बढ़ी सुविधाएं

शहर के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के नये भवन के साथ-साथ अस्पताल में सुपर स्पेशियलिटी पंचकर्म की यूनिट का निर्माण किया जा रहा है. इसके साथ ही बीएमएस की 40 सीट की जगह अब 125 सीट पर मेडिकल की पढ़ाई होती है. वहीं, योग व पंचकर्म की पढ़ाई के साथ ही पीएचडी की पढ़ाई भी शुरू कर दी गई है. यूनानी मेडिसिन में पीजी की पढ़ाई व 10 से अधिक बीमारियों का इलाज शुरू किया गया है.

Also Read: Bihar Startup Policy: बिजनेस आइडिया है तो उठाएं बिहार सरकार की इस योजना का लाभ, बिना ब्याज के मिलेगा लोन

एनएमसीएच के विस्तार के लिए मिले 6.52 करोड़ रुपये

स्वास्थ्य विभाग ने बीते दिनों नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल (एनएमसीएच) पटना को विकास कार्यों के लिए 6.52 करोड़ रुपये जारी किए थे. स्वास्थ्य विभाग द्वारा नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल में वर्ष 2018-19 में दो सौ बेड के पीजी विद्यार्थियों के लिए छात्रावास निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया था. यह योजना कुल 58.75 करोड़ की है. छात्रावास का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है. शेष कार्यों को पूरा करने के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 6.52 करोड़ दिया गया है. यहां पर लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग छात्रावास बनाये जा रहे हैं. छात्रों के छात्रावास पर अब तक 27 करोड़ और लड़कियों के छात्रावास पर करीब 29 करोड़ खर्च हुए हैं. विभाग ने अब तक दोनों छात्रावास के निर्माण मद में 56 करोड़ दे चुका है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें