बिहार में नवनियुक्त डीएसपी को अब दहेज के खिलाफ आंदोलन का हिस्सा बनना होगा. नौकरी ज्वाइन करने के दौरान ही राज्य के नये उप-पुलिस अधीक्षकों (डीएसपी) को अब दहेज नहीं लेने और ना ही देने की कसम खानी होगी. इसके लिए अब शपथ पत्र भी भरवाया जा रहा है और उसका पालन नहीं करने पर नौकरी पर भी तलवार लटक सकती है.
बिहार सरकार ने शराबबंदी को सख्ती से लागू कराने के लिए पुलिसकर्मियों को शपथ दिलवाया था. दरअसल शराब के अवैध कारोबार हों या फिर समाज को खोखला करने वाला कोइ और कदम, उसपर लगाम लगाने के लिए पुलिस की भूमिका अहम होती है. और अब सरकार दहेज प्रथा के खिलाफ भी इसी मुहिम को शुरू कर चुकी है. डीएसपी बनकर अब दहेज लेना या देना दोनों भारी पड़ेगा.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के तहत 64वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में चयनित 40 अभ्यर्थियों की नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए गए हैं. सभी से ज्वाइंनिंग के लिए स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र, चल-अचल संपत्ति का विवरण और पासपोर्ट साइज की दो तस्वीरों मांगा गया है. वहीं साथ में एक घोषणा पत्र की भी मांग की गई है जिसमें अभ्यर्थियों को दहेज ना लेने और देने का शपथ लेना अनिवार्य होगा.
बताया जा रहा है कि इस घोषणा पत्र में स्पस्ट कर दिया गया है कि अगर किसी भी अभ्यर्थी के खिलाफ दहेज से जुड़ी शिकायत विभाग या अदालत के सामने आती है तो बिहार सरकार को पूरा अधिकार होगा की वो आरोपित की नियुक्ति को समाप्त कर दे. सरकार के इस कदम से यह स्पस्ट संकेत निकलता है कि अब डीएसपी की नौकरी लेकर दहेज का ख्वाब सजाने वालों के लिए यह अलर्ट है.
बता दें कि बीपीएससी के तहत निकाली जा रही वैकेंसी में डीएसपी के कई पदों पर बहाली की जा रही है. पिछले कुछ सालों में युवाओं के अंदर पुलिस विभाग ज्वाइन करने का क्रेज तेजी से बढ़ा है.
Posted By: Thakur Shaktilochan