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बिहार के पांच जिलों में एनएच निर्माण का काम लटका, सामने आयी बड़ी वजह

मुआवजा की राशि उपलब्ध रहने के बाद भी उनके वितरण नहीं होने की वजह से बिहार के पांच जिलों में सड़क निर्माण का मामला अटका पड़ा है. बिहार के पांच जिलों में यह समस्या विकास में बड़ी बाधक बन चुकी है. पूर्वी चंपारण जिले में सबसे अधिक 218 करोड़ रुपये का वितरण शेष है.

पटना. राष्ट्रीय उच्च पथ के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण मद में मुआवजा की राशि उपलब्ध रहने के बाद भी उनके वितरण नहीं होने की वजह से बिहार के पांच जिलों में सड़क निर्माण का मामला अटका पड़ा है. बिहार के पांच जिलों में यह समस्या विकास में बड़ी बाधक बन चुकी है. पूर्वी चंपारण जिले में सबसे अधिक 218 करोड़ रुपये का वितरण शेष है. इस साल बिहार में पांच एनएच का निर्माण कार्य शुरू होना है. इसमें राम जानकी मार्ग एनएच – 227 ए में सीवान से मशरख फोरलेन, जयनगर – दरभंगा एनएच – 105, मुंगेर – भागलपुर एनएच – 80, एकंगरसराय आरओबी एनएच – 110 और चौसा – बक्सर बाइपास एनएच – 319 ए शामिल हैं. इन सभी का निर्माण 2025 में पूरा करने की समय सीमा तय की गई है.

कई जगहों में शुरू हो चुका है काम

जमीन की समस्या को देखते हुए इसमें विलंब तय माना जा रहा है. वैसे राम – जानकी मार्ग एनएच – 227 ए का सीवान से मशरख फोरलेन और एकंगरसराय के पास फोरलेन रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) एनएच – 110 के लिए टेंडर जारी हो चुका है. इसके लिए निर्माण एजेंसी का चयन कर लिया गया है. वहीं जयनगर – दरभंगा एनएच – 105, मुंगेर – सुल्तानगंज एनएच – 80 और चौसा – बक्सर बाइपास एनएच – 319 ए के लिए टेंडर बहुत जल्द जारी होगा. इन सभी सड़कों के बन जाने के बाद राज्य के विभिन्न जिलों के लाखों लोगों को आवागमन में सुविधा होगी.

मुंगेर में 110 करोड़ का वितरण बांकी

मुंगेर में अभी 110 करोड़ नहीं बंट सके हैं. विधानसभा में पिछले दिनों इस मुद्दे को उठाया भी गया था. कई मेगा प्रोजेक्ट जमीन की उपलब्धता नहीं होने की वजह से बीच में ही फंसे हैं. मुंगेर जिले को 415.15 करोड़ रुपये जमीन का मुआवजा वितरित करने को दिए गए थे, पर वितरण 304.23 करोड़ रुपये का ही संभव हो सका. अब भी 110.92 करोड़ रुपये का वितरण शेष है.

चंपारण में 218 करोड़ का वितरण शेष

हाल मुआवजा वितरण का पूर्वी चंपारण जिले में 998.71 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण के मुआवजे के लिए उपलब्ध कराए गए थे. इसमें से केवल 780.43 करोड़ रुपये का ही वितरण संभव हो पाया है. वहीं 218.28 करोड़ रुपये अभी तक नहीं बंट सके हैं.

दरभंगा जिले में केवल 176.39 करोड़ रुपये ही उपलब्ध

दरभंगा जिले में 264.16 करोड़ उपलब्ध था और वितरण 176.39 करोड़ रुपये का ही हुआ. यहां 42 करोड़ रुपये का वितरण शेष है. इसी तरह पूर्णिया जिले में 164.32 करोड़ रुपये उपलब्ध थे. इसमें से 140.92 करोड़ रुपये का वितरण संभव हो पाया है. अभी 21.86 करोड़ रुपये का वितरण शेष है.

सुपौल में भी अटका है मामला

इसी प्रकार सुपौल जिले को 140.98 करोड़ रुपये मुआवजा मद में मिले थे, जिसमें 85.39 करोड़ रुपये का वितरण हुआ और अभी 55.59 करोड़ रुपये बांटे जाने शेष हैं. मुआवजा वितरण परेशानी की मुख्य वजह यह है कि बहुत से मामलों में किसानों के पास भू स्वामित्व प्रमाण पत्र नहीं. कुछ मामलों में इसे समय पर उपलब्ध भी नहीं कराया जा रहा. जमीन की प्रकृति व उसकी दर में परिवर्तन का भी पेंच है. ऐसे कुछ मामले न्यायालय में भी लंबित हैं.

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इन सड़कों का होना है निर्माण

  1. रामजानकी मार्ग एनएच-227 ए

    राम जानकी मार्ग एनएच – 227 ए में सीवान से मशरख तक करीब 52 किमी लंबाई में फोरलेन के निर्माण के लिए टेंडर जारी किया गया है. इसके निर्माण में करीब 1027 करोड़ रुपये की लागत आएगी. वहीं इस एनएच की पूरी लंबाई करीब 243 किमी है. इस सड़क के लिए गोपालगंज जिले में डीपीआर और अन्य हिस्सों में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है.

  2. जयनगर-दरभंगा एनएच-105

    जयनगर से दरभंगा एनएच -105 का निर्माण करीब 991.88 करोड़ रुपये की लागत से होना है. इस राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई करीब 53.13 किमी होगी. इसमें से करीब 15 किमी का हिस्सा दरभंगा जिले और शेष हिस्सा मधुबनी जिले में पड़ता है. इस राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण से दरभंगा, मधुबनी और आसपास के जिलों के लोगों को आवागमन में सहूलियत होगी. वाहनों के जाम से भी मुक्ति मिलेगी. साथ ही दरभंगा एयरपोर्ट तक आवागमन बेहतर हो सकेगा.

  3. एनएच-80

    मुंगेर – सुल्तानगंज – भागलपुर एनएच – 80 का करीब 50.857 किमी लंबाई में चौड़ीकरण व जीर्णोद्धार होना है. इसका काम भागलपुर जिला में शुरू हो गया है. अब मुंगेर जिला में करीब 19.165 किमी लंबाई में निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी. इस सड़क की चौड़ाई सात मीटर की जायेगी. इस सड़क के बन जाने से मुंगेर से भागलपुर तक पहुंचने में लोगों को अपेक्षाकृत कम समय लगेगा. इसके साथ ही सड़क का चौड़ीकरण किए जाने से सड़क हादसों में भी कमी आएगी.

  4. एनएच-110

    नालंदा जिले के एकंगरसराय के पास एनएच-110 पर करीब 3.63 किमी लंबाई में आरओबी (रेल ओवर ब्रिज) का निर्माण होना है. इसे बनाने में करीब 109 करोड़ 86 लाख 57 हजार 964 रुपये खर्च किए जाएंगे. इस आरओबी के निर्माण से बिहारशरीफ – जहानाबाद के बीच आवागमन करने वालों को काफी सहूलियत होगी. इसके साथ ही प्रतिदिन एकंगरसराय चौराहे पर लगने वाले जाम से भी लोगों को मुक्ति मिलेगी.

  5. चौसा-बक्सर बाइपास

    चौसा – बक्सर बाइपास एनएच – 319 ए (पैकेज 2) फोरलेन बाइपास के निर्माण के लिए स्वीकृति दे दी गई है. इस सड़क के निर्माण में 1060.16 करोड़ की लागत आएगी. यह भी एक ग्रीनफील्ड यानी नई सड़क होगी. यह सड़क पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बक्सर-वाराणसी ग्रीनफील्ड मार्ग को जोड़ेगी. इस सड़क के बन जाने के बाद इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक और व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी. इससे इस क्षेत्र का विकास होगा. साथ ही बनारस आने- जाने वालों को भी सुविधा होगी.

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