मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में 21 एजेंडों पर मुहर लगायी गयी. कैबिनेट ने नगर विकास एवं आवास विभाग के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसमें नगर निकायों में मेयर, डिप्टी मेयर, मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद का चुनाव सीधे मतदाताओं द्वारा किया जाना है. उन्हें पद से हटाने के भी प्रावधान को मंजूरी दी गयी है. कैबिनेट से नियमावली में संशोधन की मंजूरी मिलने के बाद अब इससे संबंधित विधेयक विधानमंडल से पास कराया जायेगा.
वहीं, कैबिनेट ने सभी वित्तरहित कॉलेजों के शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मियों के अनुदान के मद में 624 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है. कई सड़कों के विस्तारीकरण व चौड़ीकरण की भी मंजूरी दी गयी है.
इसके पहले सरकार ने मेयर, डिप्टी मेयर, मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद के सीधे चुनाव को लेकर राज्यपाल ने जनवरी में बिहार नगरपालिका संशोधन अध्यादेश-2022 अध्यादेश जारी किया था. बिहार नगरपालिका कानून में 15 वर्षों के बाद इस संशोधन का असर राज्य के 19 नगर निगम समेत सभी 263 नगर निकायों पर पड़ेगा. इस साल मई में नगर निकायों का चुनाव संभावित है. अब तक नगर निगम में मेयर व डिप्टी मेयर और नगर पर्षद व नगर पंचायतों में मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद का चुनाव वार्ड पार्षदों द्वारा होता था.
मेयर से डिप्टी मेयर के खिलाफ एक तिहाई पार्षदों द्वारा अविश्वास लाने का पहले प्रावधान था. लेकिन, अब यह प्रावधान समाप्त हो गया है. अब मेयर-डिप्टी मेयर सीधे सरकार को इस्तीफा देंगे. उनका त्यागपत्र सात दिनों के बाद प्रभावी हो जायेगा, बशर्ते इस अवधि में वे उसे वापस न ले लें.
बिना समुचित कारण तीन लगातार बैठकों में अनुपस्थित रहने पर सरकार हटा भी सकेगी. कर्तव्यों व कृत्यों से इन्कार या उपेक्षा करने, दुराचार का दोषी पाये जाने, शारीरिक या मानसिक रूप से अक्षम होने या किसी आपराधिक मामले में अभियुक्त होने पर छह माह से अधिक समय तक फरार होने पर भी हटाया जा सकेगा.
पद से हटाये जाने वाले मेयर-डिप्टी मेयर, नगर पंचायत और नगर पर्षद के मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद दोबारा चुनाव नहीं लड़ पायेंगे.
कैबिनेट ने राज्य के विभिन्न व्यावहार न्यायालयों में पदस्थापित 14 जिला जज और उनसे नीचे के जजों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति की स्वीकृति दी.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan