16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आनंद मोहन की रिहाई के बाद बढ़ेंगी मुश्किलें, जेल नियमों में बदलाव के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में PIL दाखिल

बिहार कारागार नियमावली 2012 में संशोधन किये जाने के खिलाफ पटना हाइकोर्ट में बुधवार को एक जनहित याचिका दायर की गयी है. याचिका कर्ता ने राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना/परिपत्र को निरस्त करने का अनुरोध हाइकोर्ट से किया है.

बाहुबली नेता व पूर्व सांसद आनंद मोहन गुरुवार को जेल से रिहा हो सकते हैं. लेकिन, रिहाई के बाद भी उनकी मुश्किलें कम नहीं होगी. अमर ज्योति नाम के एक व्यक्ति द्वारा गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड मामले में पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर जेल नियमावली में हुए बदलाव के खिलाफ बुधवार को पटना हाइकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गयी. याचिका में जेल नियमावली में ड्यूटी पर तैनात लोक सेवक की हत्या वाक्य को हटाया जाने संबंधी आदेश को निरस्त करने की मांग की गयी है.

लोक सेवकों के मनोबल को गिराने वाला है संसोधन

पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका अमर ज्योति की ओर से अधिवक्ता अलका वर्मा ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि यह अधिसूचना कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल असर डालने वाला है .यह संशोधन ड्यूटी पर मौजूद लोक सेवकों और आम जनता के मनोबल को गिराने वाला है.

जी कृष्णैया की पत्नी ने पीएम से लेकर राष्ट्रपति तक लगाई गुहार

वहीं इससे पहले जी कृष्णैया की पत्नी टी उमा देवी ने कहा है कि वे बिहार सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार कर रही हैं. उन्होंने इस मामले में पीएम से लेकर राष्ट्रपति तक से हस्तक्षेप करने की गुहार लगायी है. कृष्णैया की बेटी जी पद्मा ने कहा कि नीतीश कुमार ऐसा करेंगे ये हमने सोचा तक नहीं था. ये बहुत ही ज्यादा गलत हो रहा है. मेरे पिता इतना अच्छा काम कर रहे थे कि लोग आज भी उनकी चर्चा करते हैं. उनका मर्डर करने वाले को क्यों जेल से छोड़ा जा रहा है.

सरकारी सेवक की हत्या अपवाद की श्रेणी में नहीं

गृह विभाग (कारा) ने बिहार कारा हस्तक, 2012 के नियम-481 (i) (क) में संशोधन करके उस वाक्यांश को हटा दिया है, जिसमें काम पर तैनात सरकारी सेवक की हत्या को शामिल किया गया था. कानून के जानकारों के मुताबिक इस संशोधन के बाद अब गृह सचिव की अध्यक्षता वाली बिहार राज्य दंडादेश परिहार पर्षद उनको स्थायी रूप से रिहा करने का निर्णय ले सकेगी.

Also Read: आनंद मोहन के साथ रिहा होने वाले कैदियों में एक की हो चुकी है मौत, 35 साल पहले हुई थी सजा
आनंद मोहन को हुई थी उम्रकैद की सजा

आनंद मोहन को गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में उम्रकैद की सजा हुई थी. इसके बाद वो करीब 16 वर्ष से जेल में बंद हैं. उनके उपर भीड़ को उकसाने का भी आरोप है. हाल ही में राज्य सरकार ने कानून में संशोधन करते हुए आनंद मोहन समेत 27 कैदियों को रिहा करने का आदेश जारी किया था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें