पटना. राज्य के सभी उत्क्रमित माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 6060 प्रधानाध्यापक (हेडमास्टर)जल्द ही नियुक्त किये जायेंगे. शिक्षा विभाग ने इसकी अधियाचना मंगलवार को सामान्य प्रशासन विभाग को भेज दी है. सामान्य प्रशासन विभाग अगले-एक-दो दिनों में इसे बिहार लोक सेवा आयोग को भेज देगा. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग की इस अधियाचना के आधार पर बीपीएससी इसी माह कभी भी विज्ञापन जारी कर सकता है. आयोग की तरफ से हेडमास्टर की परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम और परीक्षा प्रारूप प्रशासी विभाग के परामर्श से निर्धारित किया जायेगा.
सेवाओं के लिए शर्तें तय
माध्यमिक और उच्च माध्यमिक उत्क्रमित स्कूलों में हेडमास्टर के प्रस्तावित इन पदों के लिए सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के अभ्यर्थियों की सेवाओं के लिए शर्तें तय हैं. हेड मास्टर बनने के लिए राज्य सरकार के पंचायती राज संस्था और नगर निकाय संस्था के तहत माध्यमिक शिक्षक के पद पर कम से कम आठ साल की लगातार सेवा होनी चाहिए. वहीं राज्य सरकार के विद्यालय में उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर कम से कम चार साल की लगातार सेवा जरूरी होगी. इसके अलावा अगर वह अभ्यर्थी प्राइवेट स्कूल का शिक्षक है, तो प्राइवेट माध्यमिक स्कूल में पढ़ाने का 12 साल का अनुभव और उच्च माध्यमिक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने का अनुभव 10 साल होना चाहिए.
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पढ़ाने के अनुभव की समय सीमा घटना से मिलेंगे अच्छी संख्या में अभ्यर्थी
विभागीय जानकारों के मुताबिक स्कूलों में पढ़ाने के अनुभव की समय सीमा घटा देने से काफी संख्या में अभ्यर्थी मिल पायेंगे. इसलिए उम्र सीमा घटायी गयी है.उम्र सीमा घटाने की अधिसूचना करीब दो माह पहले ही जारी की जा चुकी है. उल्लेखनीय है कि पिछले साल बिहार लोक सेवा आयोग के जरिये 6421 हेडमास्टरों के पद के लिए विज्ञापन जारी किया था. इसमें केवल 421 चयनित हो सके थे. इनमें भी केवल 369 ने ही स्कूलों में योगदान दिया था. इस तरह पहले के चार हजार से अधिक रिक्त और नये दो हजार पद और सृजित किये गये हैं. फिलहाल मंगलवार को 6060 रिक्त पदों की यह नियुक्तियां केवल उत्क्रमित प्लस टू स्कूलों के लिए हैं. यह सभी स्कूल कक्षा आठ से पिछले तीन-चार सालो में उत्क्रमित किये गये हैं.