पटना. दानापुर के उपकारा में एक बंदी ने गले में गमछे का फंदा लगाकर लोहे के रॉड से लटक कर आत्महत्या कर ली. इस बात की जानकारी मिलते ही पूरे जेल प्रशासन के हाथ-पांव फूल गये. आनन-फानन में कैदी को फंदे उतार कर अनुमंडल अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. परिजनों ने इस पूरे मामले को संदिग्ध बताते हुए जेल प्रशासन पर हत्या का आरोप लगाया है और जांच की मांग की है. वहीं इस मामले में उपकारा के अधीक्षक ने वार्ड के दो सिपाही अजय कुमार और कुंदन चौधरी को निलंबित कर दिया है. साथ ही उपाधीक्षक संजय गुप्ता व सहायक उपाधीक्षक से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है. मृतक कैदी की पहचान शाहपुर के भगवतीपुर के वासीमचक के दिवंगत मनोज राय के 22 वर्षीय पुत्र बिट्टू कुमार के रूप में की गयी है.
चार दिनों से चोरी के मामले में जेल में बंद था युवक
बताया जाता है कि युवक चोरी के मामले में पिछले चार दिनों से जेल में बंद था. युवक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर हत्या करने का आरोप लगाया है. एसडीओ के निर्देश पर अस्पताल के चार डॉक्टरों की टीम में उपाधीक्षक डॉ. नीभ मोहन, डॉ. अजय कुमार, डॉ. अवधेश कुमार व डॉ. शहीन जफर ने दंडाधिकारी सह बीपीआरओ कुमार अविनाश रंजन की देख-रेख में पोस्टमार्टम किया.
परिजनों ने पुलिस पर लगाया हत्या का आरोप
मृतक के चाचा रमेश कुमार ने बताया कि सुबह आठ बजे जेल से फोन आया कि बिट्टू ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. सूचना पाकर जब हम अनुमंडल अस्पताल पहुंचे तो बिट्टू का शव अस्पताल में पड़ा था. उन्होंने जेल प्रशासन पर आरोप लगाया कि कैदी से पैसे की मांग की गयी थी. जिसका विरोध करने पर उसकी हत्या कर आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है.
जेल प्रशासन की मिलीभगत से की गई हत्या, मृतक के नाना ने लगाया आरोप
मृतक के नाना राम नरेश राय ने जेल प्रशासन पर हत्या कर शव लटकाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बिट्टू आत्महत्या करने वाला युवक नहीं था. जेल में पुलिस ने पैसों के लिए दबाव बनाया होगा. इसे लेकर पुलिस वालों ने टॉर्चर किया होगा. गले पर तार का निशान है, रस्सी और गमछे का नहीं लगता है. जेल प्रशासन की मिलीभगत से जेल में उसकी हत्या की गयी है.
सांत्वना देने पहुंचे सांसद
मृतक के परिजनों को सांत्वना देने सांसद रामकृपाल यादव व भाजपा नेता भाई सनोज यादव भी अस्पताल पहुंचे. उन्होंने उपकारा में बंदी बिट्टू की आत्महत्या की न्यायिक जांच कराने और दोषी को सजा दिलाने की मांग की. इसे साथ ही उन्होंने मुआवजे की भी मांग की है.
क्या बोले जेल उपाधीक्षक…
इस घटना के संबंध में उपकारा उपाधीक्षक संजय गुप्ता ने बताया कि 14 अक्टूबर को शाहपुर पुलिस ने चोरी के आरोप में बिट्टू कुमार को बंदी बनाया था, जिसके बाद वह उपकारा आया था. बिट्टू पूर्व में भी जेल जा चुका था. उन्होंने बताया कि बिट्टू को वार्ड चार में रखा गया था. जहां इसके अलावा नौ और कैदी थे. मंगलवार शाम वार्ड में जाने से पहले उसने सभी से बातचीत भी की थी. सब कुछ सामान्य था. वार्ड के कैदी सोने चले गये तो बिट्टू ने देर रात वार्ड के दरवाजे के लोहे की छड़ में गमछा से गले में फंदे लगाकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
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संजय गुप्ता ने बताया कि सूचना मिलने पर बिट्टू को तुरंत फंदे से निकालकर उपचार किया गया और फिर अस्पताल ले जाया गया. जहां पर चिकित्सक द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया. उन्होंने बिट्टू के परिजनों द्वारा लगाए गए आरोप को निराधार बताया और कहा कि मामले की जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि कई वार्ड में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है. इसके लिए विभाग को लिखा गया है.
मामले की हो रही जांच
थानाध्यक्ष सम्राट दीपक ने बताया कि उपकारा में कैदी बिट्टू की फांसी लगाकर आत्महत्या के मामले में जांच पड़ताल की जा रही है और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जायेगी.
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