बिहार पुलिस में एएसआई, एसआई, इंस्पेक्टर और डीएसपी के खाली पड़े 18 हजार से अधिक पदों को भरने के लिए राज्य सरकार ने कार्य प्रभार का नया फॉर्मूला तय किया है. इसके तहत सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक बिना प्रोन्नति के ही फिलहाल 11 हजार से अधिक पुलिस कर्मियों को उच्च पद का प्रभार सौंपा जाएगा. इसके तहत एएसआइ को एसआइ, एसआइ को इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर को डीएसपी की जिम्मेदारी सौंप दी जायेगी.
मसलन इनकी जिम्मेदारी व शक्तियां बढ़ेगी, लेकिन वेतन-भत्ते पूर्ववत ही रहेंगे. वित्त विभाग की सहमति के बाद गृह विभाग ने विभिन्न कोटियों में प्रोन्नति से भरे जाने वाले इन पदों पर योग्य पदाधिकारियों को कार्यकारी प्रभार दिये जाने संबंधित मंजूरी दे दी है. बिहार पुलिस मुख्यालय के स्तर पर भी शुक्रवार को इस संबंध में डीजीपी की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक बुलायी गयी है. गुरुवार को बिहार पुलिस के एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यकारी प्रभार के कारण राज्य सरकार के राजस्व पर अतिरिक्त बोझ नहीं बढ़ेगा.
64 फीसदी खाली पदों को भरने के लिए उठाया कदम
एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार ने गुरुवार को बताया कि बिहार पुलिस में एएसआई, एसआई, इंस्पेक्टर और डीएसपी स्तर के कुल 64 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं. इसका असर क्राइम कंट्रोल, लॉ एंड ऑर्डर, पुलिस के बढ़ते नये दायित्वों के निर्वाहन, अनुसंधान नियंत्रण और ट्रैफिक रेगुलेशन पर पड़ रहा है. इस कारण खाली पदों को भरने के लिए कार्य प्रभार का फॉर्मूला अपनाया गया. यह फॉर्मूला पहले से बिहार सरकार के दूसरे विभागों में लागू है.
नहीं बढ़ेगा वेतन
नये फॉर्मूले के तहत प्रोन्नति योग्य एएसआई अब एसआई (सब इंस्पेक्टर) की वर्दी पहनेंगे, पर वेतन उन्हें एएसआई वाली ही मिलेगी. इसी तरह योग्य एसआई पुलिस इंस्पेक्टर बन कर थाना संभालेंगे, पर सैलरी उन्हें अपने वर्तमान पद एसआई वाली ही मिलेगी. एडीजी ने बताया कि एएसआई से इंस्पेक्टर के पदों पर कार्यकारी प्रभार की व्यवस्था को लेकर पुलिस मुख्यालय द्वारा शीघ्र आदेश निर्गत किया जायेगा, जबकि इंस्पेक्टर से डीएसपी के पदों पर कार्यकारी प्रभार की व्यवस्था को लेकर प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा गया है. इसके शीघ्र मंजूरी मिलने की उम्मीद है.
पिछले चार वर्षों से पुलिसकर्मियों को नहीं मिला प्रमोशन
बिहार पुलिस मुख्यालय के मुताबिक पिछले चार वर्षों से पुलिसकर्मियों को प्रमोशन नहीं मिला है. बिहार पुलिस के अंदर सभी पदों पर आखिरी बार 2019 में प्रमोशन हुआ था. इसके बाद प्रमोशन में रिजर्वेशन का मामला आ गया, जो कोर्ट में पहुंचा और अब तक सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है. इस कारण पिछले चार सालों से बिहार सरकार ने एएसआई से इंस्पेक्टर तक को प्रमोशन दिया ही नहीं. इस वजह से बिहार पुलिस के प्रोन्नति आधारित विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर बड़ी संख्या में रिक्ति उत्पन्न हो गई है.
प्रोन्नत पदों पर भविष्य में नहीं कर सकेंगे दावा
दूसरे विभागों में कार्य प्रभार व्यवस्था को देखते हुए बिहार पुलिस मुख्यालय ने डीएसपी स्तर के खाली पदों को भरने का प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा, जहां से इस पर मंजूरी मिल गयी है. एएसआई, एसआई और इंस्पेक्टर के खाली पदों को भरने का फैसला पुलिस मुख्यालय स्तर से लिया गया है. इस संबंध में राज्य के वित्त विभाग से भी आदेश ले लिया गया है. एडीजी ने कहा कि कार्यकारी प्रभार के अंतर्गत कार्य किये जाने से प्रोन्नति अथवा वरीयता का दावा वर्तमान अथवा भविष्य में मान्य नहीं होगा. इसके कारण किसी भी प्रकार के उच्चतर पद के वेतन का दावा भी स्वीकार्य नहीं होगा.
क्यों अपनाया गया नया फॉर्मूला
एडीजी (मुख्यालय) ने बताया कि राज्य में अपराध नियंत्रण, अनुसंधान, यातायात संचालन आदि में पुलिस पदाधिकारियों की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में पुलिस पदाधिकारियों की जो उपलब्धता है वो हाल ही में बिहार पुलिस को मिले कई नए दायित्व जैसे डायल 112, साइबर थाना, महिला हेल्प डेस्क आदि के लिए पर्याप्त नहीं है. इसी वजह से कार्यकारी प्रभार का यह फार्मूला अपनाया गया है.
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एएसआई से डीएसपी कोटि में प्रोन्नति से भरे जाने वाले रिक्त पदों का विवरण
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पद – कुल स्वीकृत पद – प्रोन्नति पदों पर रिक्ति – प्रतिशत पदों की रिक्ति
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एएसआई – 15602 – 9367 – 60%
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एसआई – 20975 – 7485 – 71%
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परिचारी प्रवर – 148 – 145 – 98%
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इंस्पेक्टर – 2216 – 1322 – 60%
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डीएसपी – 769 – 234 – 61%