मिथिलेश, पटना: नब्बे के दशक से ही राजनीति में चर्चित हुए व दलितों के नेता बनकर देश के राजनीतिक गलियारे में अपनी पहचान बनाए रामविलास पासवान(Ram Vilas Paswan) ने अगड़ी जाति के लिए भी अपने विचार को हमेसा साकारात्मक रखा. प्रभात खबर से बात करते हुए रामविलास पासवान ने उन सवालों का भी बेवाकी से जवाब दिया था कि राजनीति में अपर कास्ट और अन्य दलों की क्या भूमिका है. राजनीतिक दलों का जाति को लेकर क्या रवैया है इसपर भी उन्होंने अपने विचार रखे थे. वहीं अगड़ी जाति को दिए गए आरक्षण पर भी उन्होंने अपना पक्ष रखा था. आइये जानते हैं…
वीपी सिंह की सरकार ने जब मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू की तो उन दिनों पासवान भी चर्चा पर रहे. इसको लेकर वो मुखर रहे तो हाल ही में नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा सवर्ण आरक्षण की घोषणा का भी पक्ष लिया. पासवान ने इसे एनडीए का मास्टर स्ट्रोक बताते हुए कहा था, हमारी सरकार के इस फैसले ने बैकवर्ड-फारवर्ड की चुनावी लड़ाई को ही खत्म कर दिया़. सरकार ने एससी-एसटी व ओबीसी को मिल रहे आरक्षण में कोई बदलाव नहीं किया़. अपर कास्ट के लोगों को अलग से 10 प्रतिशत का आरक्षण दिये जाने का निर्णय लिया है़. इसमें किसी को भी कोइ विवाद नहीं है़.
डा राम मनोहर लोहिया की बातों को उद्धृत करते हुए पासवान कहते थे, अपर कास्ट के लोग खाद बने, अब जब अच्छे बीज निकले तो आर्थिक आधार पर आरक्षण का विरोध किस लिये़. हम और हमारी पार्टी सामाजिक समरसता की कोशिश करती रही है़. लोजपा के चुनाव घोषणा पत्र में भी इस बात की चर्चा रही है.
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राजद और कांग्रेस पर हमला करते हुए पासवान ने कहा था कि दोनों पार्टियां एक मंच पर है. राजद इसका विरोध करेगा और कांग्रेस के लोग सपोर्ट करेंगे़, यह कैसे संभव है. कांग्रेस की नजर इस बार अपर कास्ट के वोट पर टिकी थी़ बिहार में उसके 26 विधायक हैं, जिनमें अधिकतर अपर कास्ट से ही आये है़ं. ऐसे में कांग्रेस को सोचना चाहिये कि वह किसके साथ खड़ी है, अपर कास्ट के साथ या राजद के साथ़?
खुद लालू प्रसाद अपर कास्ट के रघुनाथ झा के चलते ही बिहार के मुख्यमंत्री बन पाये. रघुनाथ झा ने ही लालू प्रसाद के जेल जाने की स्थिति में राबड़ी देवी को सीएम बनाने की सलाह दी थी.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya