बिहार के शिक्षा मंत्री द्वारा रामचरितमानस पर दिए गए बयान पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि रामचरितमानस पर शिक्षा मंत्री की दुराग्रही टिप्पणी और उस पर नीतीश कुमार की मौन सहमति से साफ है कि राज्य सरकार घोर हिंदू-विरोधी है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार जिस तरह से सिर्फ संप्रदाय-विशेष की भावनाओं और सुविधाओं का ख्याल रखते हुए काम कर रही है, वह संविधान के विरुद्ध है. नीतीश सरकार को बहुसंख्यक हिंदू समाज की भावनाओं से कोई मतलब नहीं है.
सुशील मोदी ने कहा कि एक लोकप्रिय हिंदू धर्मग्रंथ के विरुद्ध जो अनर्गल टिप्पणी की गयी, वह संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति ने दीक्षांत समारोह जैसे सरकारी कार्यक्रम में की. इसे राज्य सरकार की राय माना जायेगा, किसी का व्यक्तिगत विचार नहीं. उन्होंने कहा कि अब नीतीश कुमार को तीन सवालों का जवाब देना है.
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पहला- वे अपने शिक्षा-मंत्री के बयान के पक्ष में खड़े हैं या इसके विरुद्ध हैं?
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दूसरा- क्या मुख्यमंत्री स्वयं हिंदू-विरोधी और मानस विरोधी हैं?
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तीसरा- क्या वे शिक्षा मंत्री को हटायेंगे या उन्हें सिर्फ माफी मांगने के लिए कहेंगे?
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) January 14, 2023
सुशील मोदी ने कहा कि पूरे प्रकरण में जदयू के नेता अपनी साझा सरकार के शिक्षा मंत्री के विरुद्ध नपे-तुले बयान देकर या मंदिर में मानस-पाठ कर केवल राजनीतिक दिखावा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मां सीता की जन्मभूमि पर राज करने वाले लव-कुश समाज के मुख्यमंत्री अब राम-भक्तों के साथ हैं या श्रीराम और रामायण के निंदकों के साथ? इस यक्ष-प्रश्न का उत्तर नीतीश कुमार को ही देना है.
हिंदुओं के धर्मग्रंथ रामचरितमानस पर दिये गये विवादित बयान के विरोध में भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को विभिन्न जिलों में शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर का पुतला फूंका. रक्सौल में युवा मोर्चा द्वारा आयोजित पुतला दहन में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल भी शामिल हुए. राजधानी पटना में भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने आयकर गोलंबर पर आक्रोश व्यक्त करते हुए पुतला दहन किया और नारेबाजी की.
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भाजयुमो नेताओं ने कहा कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर रामचरितमानस पर गलत बयान देने के बाद भी माफी नहीं मांग रहे हैं. दूसरी ओर उनके पार्टी के नेता तुष्टीकरण की राजनीति से ग्रसित होकर बयान की निंदा के बजाय समर्थन कर रहे है. शिक्षा मंत्री शिक्षा में सुधार के बजाय समाज में भेद-भाव और नफरत की राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं. रामचरितमानस पर बिहार के शिक्षा मंत्री की अनपढ़ सोच बेहद निंदनीय है.